मांसाहारियों की बढ़ रही है संख्या, शाकाहारी कभी के हो चुके अल्पसंख्यक

हिंदू, मुस्लिम, सिख, जैन… हर धर्म में बढ़े नॉनवेज खाने वाले, सरकारी सर्वे के ये आंकड़े क्‍या बताते हैं? food habitsConsumptio non vegatarian Food In India: राष्‍ट्रीय परिवार स्‍वास्‍थ्‍य सर्वे (NFHS) के आंकड़े बताते हैं कि भारत में नॉनवेज खाने वालों की तादाद लगातार बढ़ रही है। 2015-16 और 2019-21 के बीच भारत में मांस खाने वाले पुरुषों की संख्‍या में वृद्धि अंकित हुई।

हाइलाइट्स
1-पिछले पांच साल में बढ़ गई मांस खाने वालों की संख्‍या
2-हर धर्म में मांसाहारी बढ़े, सबसे ज्‍यादा ईसाई खाते हैं
3-आधे हिंदुओं ने भी कहा, कभी न कभी लिया है स्‍वाद
4-लक्षद्वीप की आबादी खाती है सबसे ज्‍यादा नॉनवेज

नई दिल्‍ली27मई: डॉक्‍टर्स, न्‍यूट्र‍िशनिस्‍ट्स, रिसर्चर्स, पैरंट्स, एडवोकेट्स के एक समूह ने पिछले दिनों केंद्र सरकार को एक चिट्ठी लिखी। इसमें ‘खाने की आदतों को लेकर’ हालिया हमलों पर चिंता जाहिर की गई। इनका तर्क था कि मांस की बिक्री और सेवन कम होने से बच्‍चों के पोषण पर असर पड़ेगा। इस ग्रुप ने 2016-18 के बीच हुए कॉम्प्रिहेंसिव नैशनल न्‍यूट्रिशन सर्वे (CNNS) का हवाला दिया। हाल ही में नैशनल फैमिली हेल्‍थ सर्वे (NFHS)-5 की रिपोर्ट आई। इसके आंकड़े बताते हैं कि देश में मांसाहारियों की संख्‍या में लगातार इजाफा हो रहा है। 2015-16 के मुकाबले 2019-21 का डेटा दिखाता है कि हिंदू हो या मुस्लिम, सिख हों या ईसाई… यहां तक कि जैन धर्म में भी नॉनवेज खाने वाले बढ़े हैं। NFHS-4 के आंकड़ों में जहां 78.4 प्रतिशत पुरुषों और 70 प्रतिशत महिलाओं (15-49 एजग्रुप) ने कहा था कि वे डेली, वीकली या कभी-कभी मांस खाते हैं। 2019-21 के बीच चले NFHS-5 का डेटा बता रहा है कि इसी एजग्रुप के 83.4% मर्द और 70.6% महिलाएं मांस खाती हैं।

हर धर्म में बढ़े मांसाहारी, नॉनवेज खाने वाले पुरुषों के आंकड़े देखिए
धर्म कितने मांसाहारी? (% में) – NFHS-4 कितने मांसाहारी? (% में) – NFHS-5
हिंदू 73.24      77.95
मुस्लिम 97.66       97.96
ईसाई 97.03          97.64
सिख 54.74।          56.84
बौद्ध 92.68             97.75
जैन 7.29

।््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््

14.9
4.68 100
कोई धर्म नहीं 98.11         99.56
अन्‍य 96.89              95.66

लक्षद्वीप की आबादी सबसे ज्‍यादा मांसाहारी, राजस्‍थान में सबसे कम

NFHS के चौथे और पांचवे सर्वे के आंकड़ों से यह बात साफ हो जाती है कि मांस खाने वाले हर धर्म में बढ़े हैं। जिन लोगों ने कभी मांस को हाथ नहीं लगाया, ऐसे लोगों की संख्‍या कम हो रही है। लक्षद्वीप में सबसे ज्‍यादा 98.4 प्रतिशत पुरुष मांस खाते हैं। सबसे ज्‍यादा मांसाहारी नागरिकों का प्रतिशत लक्षद्वीप में ही है। 14.1% पुरुष मांसाहारियों के साथ राजस्थान इस लिस्‍ट में सबसे नीचे है। हालांकि NFHS-5 से एक और बात साफ होती है कि रोज मांस खाने वालों की संख्‍या अब भी बेहद कम है। सिर्फ 2.3% पुरुषों ने ही कहा कि वे रोज चिकन या मांस खाते हैं जबकि महिलाओं में यह आंकड़ा 1.4% रहा। 6.9% पुरुषों ने रोज मछली खाने की बात स्‍वीकारी और 5.1% महिलाओं ने कहा कि वे डेली मछली खाती हैं।

सात्विक भोजन पर क्यों हो रही है बहस

बैलेंस्‍ड नहीं है भारतीयों की खुराक

नैशनल सैम्‍पल सर्वे (2021) के अनुसार, भारतीयों के बीच मछली सबसे प्रिय नॉनवेज खाना है। इसके बाद उन्‍हें चिकन, मटन और बीफ पसंद है। हालांकि NFHS-5 का डेटा यह दिखाता है कि अधिकतर भारतीयों की डेली डायट बैलेंस्‍ड नहीं है। उदाहरण के लिए आधे से ज्‍यादा भारतीय पुरुष रोज दाल या दूध नहीं लेते। हरी सब्जियां खाने वाले भी बमुश्किल आधे ही हैं। रोज मांस खाने वालों की संख्‍या भी अपेक्षाकृत कम है। हालांकि NFHS-4 के मुकाबले NFHS-5 में मांसाहारियों की संख्‍या में उछाल है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *