किसान आंदोलन के नाम पर पंजाब में 1561 जियो टावर क्षतिग्रस्त,पढाई-व्यापार चौपट

दिल्ली से किसान नेताओं की अपील- टावरों को न पहुंचाए नुकसान, सिंघु बॉर्डर पर मुफ्त वाई-फाई देगी आप

पंजाब में मोबाइल टावर निशाने पर।

किसान आंदोलन के बीच पंजाब में मोबाइल टावरों को नुकसान पहुंचने का क्रम जारी है। अभी तक राज्य में 1561 से ज्यादा टावरों को नुकसान पहुंचाया गया है।

किसान जिन टावरों को अंबानी का समझकर तोड़ रहे हैं,उन्हें कुछ महीने पहले वे ब्रुकफील्ड को बेच चुके हैं

किसानों का प्रदर्शन (Farmers Protest) हर गुजरते दिन के साथ उग्र होता जा रहा है। पंजाब में तो रिलायंस जियो के कई मोबाइल टावरों (Reliance jio tower) को भी नुकसान पहुंचाया गया है। किसानों का मानना है कि जिस कृषि बिल (Farm bill 2020) का वह विरोध कर रहे हैं, उसे मुकेश अंबानी को भी फायदा पहुंचाने के मकसद से लाया गया है।

किसान जिन टावरों को अंबानी का समझकर तोड़ रहे हैं, उन्हें कुछ महीने पहले वे ब्रुकफील्ड को बेच चुके हैं
नए किसान बिल के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन (Farmers Protest) कई महीनों से चल रहा है और हर गुजरते दिन के साथ उग्र होता जा रहा था। पहले जो किसान सिर्फ यातायात रोक रहे थे अब वह तोड़फोड़ पर उतारू हो चुके हैं। पंजाब में तो रिलायंस जियो (Reliance Jio) के कई मोबाइल टावरों को नुकसान पहुंचाया गया है। बहुत सारे किसानों ने रिलायंस जियो से अपना नंबर विरोधी मोबाइल कंपनियों में पोर्ट (Port) भी करा लिया है। किसानों का मानना है कि जिस कृषि बिल का वह विरोध कर रहे हैं, उसे मुकेश अंबानी को भी फायदा पहुंचाने के मकसद से लाया गया है। लेकिन क्या किसान जो टावर तोड़ रहे हैं वह वाकई मुकेश अंबानी या रिलायंस जियो के हैं?

ब्रुकफील्ड को टावर बिजनेस बेच चुका है रिलायंस!

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सितंबर 2020 में इस बात की घोषणा कर दी थी कि जियो के दूरसंचार टावर असेट्स को कनाडा की ब्रुकफील्ड इंफ्रास्ट्रक्चर पार्टनर्स एलपी को बेचा जा चुका है। ब्रुकफील्ड टावर कंपंनी ने 100 फीसदी इक्विटी हिस्सेदारी खरीदी है यानी पूरा टावर बिजनेस अब ब्रुकफील्ड का है। यह डील 25,215 करोड़ रुपये में हुई थी। रिलायंस ने तो यह भी कहा था कि डील से मिले पैसों का इस्तेमाल जियो इंफ्राटेल का कर्ज चुकाने में किया जाएगा। यानी किसान जो टावर मुकेश अंबानी के रिलायंस जियो का समझ कर तोड़ रहे हैं, वह दरअसल कनाडा की ब्रुकफील्ड का है।

हालांकि, जियो को हो रहा है नुकसान!

भले ही टावर रिलायंस जियो के ना हों, लेकिन रिलायंस जियो का बुनियादी ढांचा जरूर हैं। यानी ये तो साफ है कि टावरों को नुकसान पहुंचाए जाने से रिलायंस जियो को नुकसान तो हो ही रहा है। बिना टावर के मोबाइल नेटवर्क काम नहीं करेगा और बिना मोबाइल नेटवर्क के फोन का कोई फायदा नहीं। ऐसे में दूरसंचार व्यवस्था बाधित होने की वजह से रिलायंस जियो के रेवेन्यू पर थोड़ा ही सही, लेकिन असर तोड़ ही रहा है।

किसान क्यों नुकसान पहुंचा रहे हैं रिलायंस जियो के टावरों को?

दूरसंचार टावरों को नुकसान पहुंचाने के पीछे यह कहानी कही जा रही है कि नये कृषि कानूनों से मुकेश अंबानी और गौतम अडाणी जैसे उद्योगपतियों को लाभ होगा। इस आधार पर पंजाब में विभिन्न स्थानों पर रिलायंस जियो के टावरों को नुकसान पहुंचाया गया है जिससे दूरसंचार संपर्क व्यवस्था पर असर पड़ा। अंबानी और अडाणी के विरोध में पंजाब की कई जगहों पर रिलायंस जियो के टावर को नुकसान पहुंचाया गया जिससे दूरसंचार संपर्क व्यवस्था पर असर पड़ा। अब तक करीब 1500 टावर को नुकसान पहुंचाया जा चुका है। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की अपील के बाद भी कोई
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने लोगों से दूरसंचार सेवा को नुकसान न पहुंचाने की अपील की। इसके बाद भी प्रदेश में टावरों को क्षतिग्रस्त किया जा रहा है। इस मामले में अब किसान संगठनों की प्रतिक्रिया सामने आई है। दिल्ली सीमा पर आंदोलनरत किसान नेताओं ने लोगों से इन महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को नुकसान न पहुंचाने की अपील की है।

टावर बंद होने से कई गांवों में इंटरनेट ठप

फिरोजपुर जिले में गांव हजारा सिंह वाला,टिब्बी,राऊके हिठाड़,मल्लांवाला व खाईफेमीकी में जियो के टावर बंद होने से कई इलाकों में इंटरनेट सेवा ठप है। ऑनलाइन पढ़ाई करने वाले छात्रों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। मल्लांवाला निवासी कृष्ण कुमार कटारिया ने बताया कि जियो टावर बंद होने से इंटरनेट की काफी समस्या आ रही है।
बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई चल रही है। टावर बंद होने से पढ़ाई प्रभावित हो रही है। ममदोट निवासी गुरमेज सिंह ने बताया कि गांव हजारा सिंह वाला, टिब्बी व रारूके हिठाड़ में टावर की सप्लाई कट देने से जियो के कनेक्शन बंद पड़े हैं। उनका बच्चा अर्शदीप सिंह पांचवीं कक्षा में पढ़ता है। इंटरनेट सेवा ठप होने से ऑनलाइन पढ़ाई नहीं हो पा रही है। मुकेश कुमार ने बताया कि टावर बंद होने से शहर में भी सिग्नल की समस्या आ रही है।

सिंघु बॉर्डर पर मुफ्त वाईफाई देगी आप

सिंघु बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों को आम आदमी पार्टी (आप) ने मुफ्त वाईफाई की सुविधा देने का एलान किया है। पंजाब के सह-प्रभारी और दिल्ली जल बोर्ड अध्यक्ष राघव चड्ढा ने कहा कि किसानों के आंदोलन को गति देने में परेशानी न हो, इसके लिए पार्टी ने यह फैसला किया है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि केंद्र को जल्द अड़ियल रवैया छोड़कर किसानों की मांगों को मान लेना चाहिए,नहीं तो केंद्र सरकार को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

गुरदासपुर में चार टावरों के कनेक्शन बहाल

गुरदासपुर में किसानों ने जिन चार टावरों के कनेक्शन काटे थे,उन्हें बहाल कर दिया गया है। इनमें सदर थाना गुरदासपुर का एक,घुम्मन कलां के दो और कलानौर का एक टावर शामिल है। यह जानकारी एसएसपी गुरदासपुर राजिंदर सिंह सोहल ने दी। उन्होंने बताया कि पुलिस ने अभी किसी के खिलाफ केस दर्ज नहीं किया है।

टावरों को नुकसान न पहुंचाएं किसान : राणा केपी

पंजाब विधानसभा अध्यक्ष राणा केपी सिंह ने आंदोलनकारी किसानों से अपील की है कि वह किसी भी टावर को नुकसान न पहुंचाएं। किसान नेता राजेवाल साहिब ने भी किसानों से ऐसा न करने की अपील की। राणा केपी सिंह ने कहा कि कोरोना के कारण स्कूल-कॉलेज बंद हैं। विद्यार्थी ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। मोबाइल टावरों के कनेक्शन काटे जाने से विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित होगी।

मोगा में किसानों की बैठक में महत्वपूर्ण फैसला

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह चेतावनी के बाद किसान संगठनों ने फैसला लिया है कि वह जियो के मोबाइल टावर समेत कारपोरेट घरानों की किसी भी संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। किसान अब एक युवा कमेटी का गठन करेंगे, जो गांव-गांव जाकर लोगों को जियो के सिम अन्य कंपनियों में पोर्ट करवाने को कहेगी। इस संबंध में मंगलवार को मोगा में किसान संगठनों के नेताओं ने एक बैठक भी की।

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