डॉ. आसमा के लिए पत्रकार ‘काफिर’,रेप पीड़िता दलित के मेडिकल को दौड़ाया, बलात्कारी थे मज़हबी

दुष्कर्म पीड़िता का मेडिकल न करने वाली डॉक्टर हटी

Doctor who did not do medical treatment of rape victim removed

फर्रुखाबाद 03 सितंबर। दुष्कर्म पीड़िता किशोरी को तीन दिन तक टरकाने के बाद भी मेडिकल परीक्षण न करने वाली डॉक्टर को लोहिया अस्पताल से हटा दिया गया है। उनके खिलाफ अभी जांच चल रही है, कार्रवाई की भी तैयारी है।

मऊदरवाजा थाना क्षेत्र की निवासी दुष्कर्म पीड़िता किशोरी को पुलिस ने मेडिकल परीक्षण को लोहिया अस्पताल भेजा था। लोहिया अस्पताल में तैनात डॉक्टर असमा वसीम ने अपने मजहबियों को बचाने के लिए तीन दिन तक उसे टरकाया। 24 अगस्त को सीओ सिटी प्रदीप कुमार सिंह कोतवाल के साथ खुद ही पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कराने लोहिया अस्पताल पहुंचे। मेडिकल न करने को लेकर डॉक्टर व सीओ सिटी में जमकर विवाद हुआ था।
मेरठ के बहसूमा में युवती का अपहरण कर सामूहिक दुष्कर्म का मामला प्रकाश में आया है। बाजार में आधार कार्ड सही कराने आई युवती का दो युवकों ने अपहरण कर लिया।

इसका एक युवक वीडियो बनाने लगा। इस पर डॉक्टर ने युवक से मारपीट कर दी और अपने पति डॉक्टर इमरान, देवर आदि को बुला लिया। इससे अस्पताल में जमकर हंगामा भी हुआ था। युवक ने डॉक्टर दंपती व उनके परिजनों के खिलाफ शहर कोतवाली में मुकदमा भी दर्ज कराया था।
विवाद और आरोपों से घिरीं डॉक्टर आसमा वसीम की सीएमओ डॉक्टर अवनींद्र कुमार ने शुक्रवार को लोहिया अस्पताल से संबद्धता समाप्त कर दी। उन्हें मूल तैनाती सीएचसी मोहम्मदाबाद में ड्यूटी करने के आदेश दिए हैं। सीएमओ ने बताया कि पूरे प्रकरण की तीन सदस्यीय कमेटी जांच कर रही है।  डॉक्टर दोषी पाई जाती हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई को शासन को लिखा जाएगा।

 

पीड़िता- दलित नाबालिग, आरोपित- शादाब, वसीम और वशीरः दावा- मेडिकल नहीं होने दे रही थी डॉक्टर आसमा बेगम, पत्रकार को कहा- हिंदू काफिर @# के बच्चे

राहुल पाण्डेय |

 

फर्रुखाबाद वायरल वीडियो

डॉक्टर आसमा बेगम पर रेप पीड़िता के मेडिकल में टालमटोल करने का आरोप

उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। इसमें एक महिला डॉक्टर पत्रकारों और पुलिसकर्मियों से उलझती दिखाई दे रही हैं। वीडियो में दिख रहीं डॉक्टर का नाम आसमा बेगम है। उनकी पोस्टिंग फर्रुखाबाद के डॉक्टर राममनोहर लोहिया महिला चिकित्सालय में है। इस वीडियो का संबंध एक दलित नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार से जुड़ा हुआ है।

 

बलात्कार की घटना 20 अगस्त 2022 की है। इस संबंध में 23 अगस्त 2022 को शादाब, वसीम और वशीर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। इसके बाद पीड़िता को मेडिकल के लिए ले जाया गया। आरोप है कि डॉक्टर आसमा ने भविष्य का डर दिखाकर पीड़िता से मेडिकल नहीं कराने को कहा। इसकी वजह उनका और आरोपितों का एक ही मजहब से जुड़ा होना बताया जा रहा है।

जो वीडियो वायरल हुआ है वह 24 अगस्त का बताया जा रहा। आरोप है कि इस दौरान डॉक्टर आसमा ने एक पत्रकार को ‘हिंदू काफिर @# का बच्चा’ भी कहा। इसको लेकर उनके खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई गई हैं। डॉक्टर आसमा ने भी पत्रकार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है। खबर लिखे जाने बलात्कार के एक आरोपित की गिरफ्तारी हो चुकी थी। पीड़िता का भी मेडिकल हो चुका है। पुलिस का कहना है कि वीडियो से जुड़े आरोपों की जाँच चल रही है।

दलित नाबालिग से रेप

20 अगस्त 2022 को एक दलित नाबालिग लड़की को अगवा कर गैंगरेप का आरोप शादाब, वसीम और वशीर पर है। 23 जुलाई को इस मामले में मऊदरवाजा थाने में केस दर्ज गया। DSP सिटी प्रदीप सिंह के मुताबिक लोकलाज के डर पीड़ित परिवार 3 दिन तक शिकायत दर्ज कराने से बचता रहा।

शिकायतकर्ता के मुताबिक उनकी बेटी को रात के समय सोए हुए अगवा किया गया। दावा है कि पीड़ित पिता ने आरोपितों से अपनी बेटी को छोड़ने की गुहार लगाई तो उनके साथ भी अभद्रता हुई। इस मामले में दर्ज एफआईआर की कॉपी हमारे पास मौजूद है। पीड़ित पिता के अनुसार इससे पहले भी शादाब ने अपने दोस्तों के साथ उनकी बेटी को अगवा कर लिया था। उस समय शादाब के अब्बा के दखल के बाद लड़की घर लौट आई थी।

पुलिस ने इस मामले में IPC की धारा 363, 366, 342, 376-डी, 504, 506, पॉक्सो और SC/ST एक्ट के तहत कार्रवाई की है। मुख्य आरोपित शादाब को गिरफ्तार कर लिया है। DSP सिटी प्रदीप सिंह के अनुसार मामले की जाँच चल रही है। कुछ हालात और तथ्य सबूतों से मेल नहीं खा रहे।

मेडिकल में देरी

हम से बात करते हुए DSP प्रदीप सिंह ने बताया कि 23 अगस्त की शाम पीड़िता को महिला सिपाही के साथ मेडिकल परीक्षण के लिए सरकारी अस्पताल भेजा गया था। उस समय डॉक्टर उपलब्ध नहीं थे। अगली सुबह उसे फिर अस्पताल भेजा गया। लेकिन मेडिकल नहीं किया गया। इसके बाद उस दिन शाम में वरीय अधिकारी अस्पताल गए। इसी दौरान कुछ पत्रकार भी अस्पताल पहुँच गए।

DSP प्रदीप सिंह ने बताया कि अस्पताल प्रशासन मेडिकल क्यों टाल रहा था, यह समझ से परे है। DSP के अनुसार जब उन्होंने केस की गंभीरता समझने का प्रयास किया तो महिला डॉक्टर भड़क गईं। वायरल हो रहा वीडियो उसी समय का है। प्रदीप सिंह ने ये माना कि अस्पताल प्रशासन का व्यवहार सहयोगात्मक नहीं था।

25 अगस्त को हुआ पीड़िता का मेडिकल

इस संवाददाता से बात करते हुए SHO फर्रुखाबाद कोतवाली ने बताया कि पीड़िता का मेडिकल 25 अगस्त को हुआ था। साथ ही बताया कि महिला डॉक्टर और पत्रकार की तरफ से दर्ज कराए गए मामले की जाँच चल रही है। आरोपित शादाब की गिरफ्तारी 26 अगस्त 2022 को हुई थी।

डॉक्टर आसमा बेगम पर आरोप

अस्पताल में हुई घटना को लेकर पत्रकार सुंदरम सिंह ने 24 अगस्त 2022 को ही डॉक्टर आसमा बेगम के खिलाफ मामला दर्ज करवाया। आरोप लगाया है कि वह पीड़िता के मेडिकल में टालमटोल कर रही थी। पीड़िता को भविष्य खराब होने का डर दिखा रही थी। उनका दावा है कि आरोपितों के भी मुस्लिम होने के कारण वह पीड़िता पर मेडिकल नहीं कराने का दबाव डाल रही थी।

सुंदरम का आरोप है कि डॉक्टर आसमा ने उन्हें ‘हिन्दू काफिर @# के बच्चे’ जैसे शब्दों से संबोधित किया। महिला डॉक्टर ने फोन कर कर अपने शौहर इमरान और देवर रिजवान को अस्पताल बुला लिया। उनके साथ दर्जन भर लोग थे। आरोप है कि इन लोगों ने पत्रकार का गला दबाने और मारपीट का पुलिस के आगे ही प्रयास किया।

पीड़ित पिता ने कहा- बार-बार दौड़ा रहीं थीं डॉक्टर आसमा

दलित पीड़िता के पिता का भी कहना है कि डॉक्टर आसमा बेगम मेडिकल करने में टालमटोल कर रहीं थी। उनकी बेटी को लगातार दौड़ा रहीं थीं। कभी दिन में तो कभी रात में आने को कह रही थी। उनका यह भी दावा है कि वीडियो बना रहे पत्रकार की पिटाई महिला डॉक्टर ने पुलिस के सामने ही की थी।

डॉक्टर आसमा बेगम पर कार्रवाई की माँग

फर्रुखाबाद के विभिन्न संगठनों और जनप्रतिनिधियों ने आरोपित डॉक्टर आसमा बेगम के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की माँग की है। भाजपा सांसद मुकेश राजपूत ने कहा कि जो डॉक्टर पुलिस के सामने इस तरह का व्यवहार कर सकती है वह आम आदमी के साथ क्या करती होंगी, यह सोचनीय है। विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विजय शंकर तिवारी ने उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री से डॉक्टर आसमा बेगम को दंडित करने की माँग की है।

करणी सेना ने भी डॉक्टर आसमा बेगम के खिलाफ ज्ञापन दिया है। अपने ज्ञापन में करणी सेना ने पीड़िता का मेडिकल न करने और पत्रकार का मोबाईल तोड़ने का आरोप लगाते हुए डॉक्टर आसमा पर कठोर कार्रवाई की माँग की है।

 

करणी सेना ज्ञापन

डॉक्टर आसमा ने भी पत्रकार पर दर्ज करवाई FIR

डॉक्टर आसमा बेगम ने भी पत्रकार सुंदरम के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है। पत्रकार पर घूस माँगने, सरकारी अभिलेख फाड़ने, खुद को पीटने और नशे में अभद्रता का आरोप लगाया है। इसे लेकर पत्रकार सुंदरम ने हमसे से बात में प्रशासन से घटना के समय अस्पताल की CCTV फुटेज सार्वजानिक करने की माँग की है। उन्होंने CCTV से छेड़छाड़ की भी आशंका जताई है।

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