BJP नेताओं, राजस्थान पत्रिका और पुलिस ने ले ली डॉ.अर्चना शर्मा की जान

राजस्थान में सुसाइड करने वाली डॉक्टर के पति ने नेताओं-पत्रकार पर लगाया प्रताड़ना का आरोप, मुआवजे का लालच का ऑडियो भी लीक

आत्महत्या करने वाली डॉक्टर अर्चना आत्महत्या और उनके पति डॉक्टर सुनीत

दौसा  30 मार्च।    राजस्थान (Rajasthan) में मरीज की मौत के बाद प्रताड़ना की शिकार डॉक्टर अर्चना शर्मा की आत्महत्या (Dr. Archana Sharma Suicide) के मामले में मृतका के पति ने राज्य के प्रभावशाली लोगों पर आरोप लगाया है। वहीं, सोशल मीडिया पर भी एक वीडियो सामने आया है, जिसमें पैसे के लेन-देन की बात की जा रही है। डॉक्टर के फांसी लगाने के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार पुलिस है जिसने बिना जांच और न्यायालय की अनुमति डॉक्टर अर्चना शर्मा के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया।

आनंद हॉस्पिटल के मैनेजर और मृतका अर्चना शर्मा के पति डॉक्टर सुनीत उपाध्याय ने भाजपा नेता (BJP Leader) और लालसोट विकास मोर्चा के अध्यक्ष शिवशंकर बाल्या जोशी और राजस्थान पत्रिका के रिपोर्टर महेश बिहारी सहित भाजपा के कई बड़े नेताओं पर आरोप लगाया है। उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

वहीं, मृतका के भाई पवन शर्मा ने आरोप लगाया कि बाल्या जोशी उनकी बहन को कई महीनों से प्रताड़ित कर रहा था। उसके ऊपर भाजपा के नेताओं का हाथ और उसके कहने पर ही अर्चना के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ था।

सुसाइड करने वाली डॉक्टर अर्चना के पति का भाजपा नेताओं पर आरोप

वायरल वीडियो में डॉक्टर उपाध्याय ने कहा, “परसों आशा बैरवा नाम की एक महिला की डिलीवरी हुई थी हॉस्पिटल में और वो लेडी कॉम्प्लीकेटेड थी। पहले उसको लालसोट से रेफर किया दौसा, दौसा से रेफर किया जयपुर। जयपुर से फिर उनलोगों का (मरीज के परिजनों का) फोन आया कि साहब यहाँ जबरदस्ती हमारा लाइगेशन (नसबंदी) भी करेंगे। हमारी तीन लड़कियाँ हैं। अगर आप जबरदस्ती लाइगेशन ना करो तो हम लालसोट आ जाएँ। हमने कहा कि कोई प्राइवेट हॉस्पिटल क्यों लाइगेशन करेगा। ये आपकी इच्छा है। उस महिला का पहली सिजेरियन (ऑपरेशन के जरिए बच्चे का जन्म) भी यहीं हुआ था और उसके ट्विन्स हुए थे। तब वो लालसोट आ गए। उसकी डिलीवरी हो गई। नॉर्मल सिजेरियन हो गया उसका। दो घंटे बाद उसे मैसिव बीपीएस हुआ, एटॉनिक पीपीएच हुआ। हम बहुत देर तक, दो घंटे तक जूझते रहे उससे। दो यूनिट ब्लड भी चढ़ाया, पर हम उसको बचा नहीं पाए। उसके घरवालों ने ये सब चीज देखी थी कि हमने कितनी मेहनत करी उसपे, सारा हॉस्पिटल बंद करके, सारी ओपीडी बंद करके। घरवाले तो हाथ जोड़ते हुए हमसे कह रहे थे कि साहब आपने तो पूरी कोशिश की थी बचाने की, लेकिन हमारी तकदीर खराब थी। तो उन्होंने कहा कि साहब एंबुलेंस भेजवा दो बस इसको घर छुड़वाने के लिए तो हमने एंबुलेेंस उनको फ्री में भेजी और वे (शव को) घर ले गए और अंतिम संस्कार की तैयारियाँ करने लगे।”

 

इस मामले को राजनीतिक पक्ष को लेकर उन्होंने कहा, “इसी दौरान मुझे किसी ने बताया कि शिवशंकर बाल्या जोशी, मरीज के घर जाके उनको उठा केे, लेके आया कि मैं तुमको खूब अच्छा मुआवजा दिलवाऊँगा और लाश को लाकर अस्पताल के आगे पटक दिया। 100-200 लोगों की भीड़ इकट्ठा कर ली और भारतीय जनता पार्टी के कुछ और नेताओं को बुला लिया उसने। हरकेश मटलाना, जितेंद्र गोठवाल और फिर ये बात भी आ रही थी कि डॉ. किरोड़ीलाल मीणा भी आ रहे हैं।”

जोशी को ब्लैकमेलर और हिस्ट्रीशीटर बताते हुए उपाध्याय ने कहा, “शिवशंकर बाल्या जोशी पहले भी हमारे हॉस्पिटल में फिरौती और ब्लैकमेलिंग की कोशिशें करते रहा है। हमने उसके खिलाफ FIR भी दी थी, पर पुलिस डॉक्टर किरोड़ीलाल मीणा के दबाव में उसके खिलाफ FIR दर्ज नहीं करती। वो लालसोट थाने का हिस्ट्रीशीटर है। पहले पुलिसवालों का सिर भी फोड़ चुका है, पर हर बार डॉक्टर किरोड़ीलाल मीणा उसको बचा लेते हैं और वो उनके नाम पर गुंडागर्दी करता है। हमने पूरी कोशिश करी कि ये मामला टले, लेकिन पुलिस ने उसके दबाव में दफा 302 हत्या का मुकदमा दर्ज कर दिया।”

राजस्थान पत्रिका के रिपोर्टर पर सवाल

इस मामले में उन्होंने राजस्थान पत्रिका के एक पत्रकार पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा, “अगले दिन सुबह डॉ. अर्चना ने जब ये खबर पढ़ी तो वो घबरा गई थी। बोली बाल्या जोशी और पत्रकार महेश बिहारी क्या मुझे जेल भेज देंगे? राजस्थान पत्रिका का एक रिपोर्टर है महेश बिहारी। वो भी एक ऐसा ही दलाल है। उसने हमारा पक्ष नहीं छापा। उसने सिर्फ एकतरफा खबर छापी। तो राजस्थान पत्रिका पढ़ के वो बहुत डर गई। तो उसको लगा कि ये तो मुझे अब जेल भेज देंगे। फिर मैंने उसको समझाया कि ऐसे जेल नहीं होती है, पर शायद उसकी दहशत नहीं पाई।”

कथित दलित नेता का वीडियो वायरल

इसके अलावा, सोशल मीडिया पर एक और ऑडियो वायरल हो रहा है, जिसमें मृतक मरीज के परिजनों को उकसाते हुए रुपए के लेन-देन और मुआवजे की बात कही जा रही है। कहा जा रहा है कि जो मृतक मरीज के घरवालों से बात कर रहा है वो कोई दलित नेता है। हालाँकि, हम इस इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करते।

 

ऑडियो में एक व्यक्ति कह रहा है, “अबे यार! सारा खेल खराब कर दिया। सारा खेल खराब कर दिया। एक गरीब आदमी को पैसे मिल जाते, उसके बच्चे को पैसे मिल जाते। एससी-एसटी एक्ट में चार-पाँच लाख रुपए ही मिल जाते अलग से।”

ऑडियो में सामने वाला व्यक्ति कह रहा है कि उसने एससी-एसटी एक्ट में केस कर दिया है और इसमें 10 लाख रुपए नकद मुआवजा मिलेगा। उसे कुछ लोगों ने इंदिरा आवास आदि बनवाने का भी वादा किया था।

क्या है मामला?

राजस्थान में महिला डॉक्टर अर्चना शर्मा ने खुद की बेगुनाही साबित करने के लिए मंगलवार (29 मार्च 2022) को अपने घर में ही फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है। वे राजस्थान के दौसा जिले का लालसोट कस्बे की एक निजी अस्पताल में डॉक्टर थीं। प्रसव के दौरान एक महिला की मौत होने के बाद उसके परिजनों ने महिला डॉक्टर के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कराया था।

रिपोर्ट के मुताबिक, डॉक्टर अर्चना (42 वर्ष) और उनके पति डॉक्टर सुनीत उपाध्याय (45 वर्ष) का लालसोट कस्बे में आनंद नाम का अस्पताल है। पास में खेमवास गाँव है। वहीं के रहने वाले लालूराम बैरवा की पत्नी आशा गर्भवती थी और सोमवार को उन्हें प्रसव के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। दोपहर में महिला की डिलीवरी कराई जाने लगी तो बहुत अधिक ब्लीडिंग होने के कारण मौत हो गई। हालाँकि, नवजात को बचा लिया गया। इसके बाद मृतक महिला के परिजनों ने मुआवजे की माँग को लेकर अस्पताल के बाहर धरना दिया। साथ ही डॉक्टर अर्चना के खिलाफ लालसोट थाने में हत्या की धारा 302 में केस दर्ज कराया।

‘मेरा मरना शायद मेरी बेगुनाही साबित कर दे’:गोल्ड मेडलिस्ट डॉक्टर का सुसाइड नोट- ‘मैंने किसी को नहीं मारा, डॉक्टर्स को प्रताड़ित करना बंद करें’

राजस्थान के हेल्थ मिनिस्टर परसादी लाल मीणा का विधानसभा क्षेत्र लालसोट (दौसा) एक बार फिर सुर्खियों में है। मंगलवार को एक महिला डॉक्टर के सुसाइड के बाद राजस्थान में यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इधर, देर रात महिला डॉक्टर का सुसाइड नोट सामने आने के बाद डॉक्टर्स आक्रोशित हो गए हैं और विरोध कर रहे हैं। बुधवार को राजस्थान के सभी निजी हॉस्पिटल्स ने 24 घंटे का कार्य बहिष्कार का ऐलान किया है।

वहीं, चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा कहना है कि दुःखद घटना है, पूरे प्रकरण में जिस भी स्तर पर लापरवाही हुई है, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

दरअसल, डॉक्टर अर्चना शर्मा का लालसोट (दौसा) में हॉस्पिटल है। सोमवार को डिलीवरी के दौरान एक प्रसूता की मौत हो गई थी। इसके बाद परिजनों ने हत्या का मामला दर्ज कराया। हत्या का मामला दर्ज होने के बाद अर्चना शर्मा (42 वर्ष) डिप्रेशन में आ गई और मंगलवार को सुसाइड कर लिया। अर्चना शर्मा के कमरे से एक सुसाइड नोट भी मिला है।

पूरा सुसाइड नोट…

मैंने कोई गलती नहीं की, किसी को नहीं मारा, मेरा मरना शायद मेरी बेगुनाही साबित कर दे। मैं मेरे पति, बच्चों से बहुत प्यार करती हूं। कृपया मेरे मरने के बाद इन्हें परेशान नहीं करना। पीपीएच कॉम्पलिकेशन है। इसके लिए डॉक्टर को इतना प्रताड़ित करना बंद करो। मेरा मरना शायद मेरी बेगुनाही साबित कर दे। DONT HARASS INNOCENT DOCTORS, Please, LUV U please मेरे बच्चों को मां की कमी महसूस नहीं होने देना।

धमकियां बर्दाश्त नहीं कर सकी

डॉक्टर अर्चना शर्मा, एमबीबीएस, एमडी स्त्री रोग, प्रसूति एवं नि:संतानता विशेषज्ञ के अलावा मेडिकल कॉलेज, गुजरात की एसोसिएट प्रोफेसर रही थीं। अचानक सुसाइड से पूरा परिवार सदमे में है। डॉक्टर के पति डॉक्टर सुनीत उपाध्याय ने बताया कि अर्चना गोल्ड मेडलिस्ट थीं और अच्छी सर्जन थीं, लेकिन आरोपियों की धमकियों से परेशान व जेल जाने के डर की चिंता में खुद ही जिंदगी हार गईं। वह उसके पापा को गालियां देने वालों को बर्दाश्त नहीं कर पाई और डिप्रेशन में आकर सुसाइड करने को मजबूर हो गई। डॉक्टर अर्चना और डॉक्टर सुनीत का एक लड़का(12 वर्ष) और लड़की (8 वर्ष) है।

मृतका डॉ अर्चना शर्मा, गोल्ड मेडलिस्ट थीं।

महिला डॉक्टर के पति ने दर्ज कराया मामला, बाजार बंद
महिला डॉक्टर के सुसाइड के बाद आनंद हॉस्पिटल के डॉक्टर सुनीत उपाध्याय की ओर से लालसोट थाने में मामला दर्ज करवायाा गया है। उन्होंने पुलिस को बताया कि आनंद हॉस्पिटल में एक महिला मरीज की मौत पर कुछ लोगों ने हॉस्पिटल का घेराव किया और हत्या का मुकदमा दर्ज करने के लिए प्रशासन पर दबाव बनाने की घिनौनी राजनीति की।

इस मामले में सुनीत उपाध्याय ने लालसोट निवासी शिवशंकर बल्या जोशी पर पहले भी कई बार हॉस्पिटल आकर धमकियां देने, धरना-प्रदर्शन करने जैसे कई आरोप लगाए हैं। वहीं महिला डॉक्टर की मौत के बाद पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। लालसोट बाजार भी बंद रखा गया है।

आंदोलन की चेतावनी

आईएमए सर्विस डॉक्टर्स विंग के चेयरमैन डॉक्टर रघुवीर सिंह रतनू ने कहा कि इस घटना के विरोध में 24 घंटे का कार्य बहिष्कार किया गया है। उन्होंने चेतावनी दी कि आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं हुई तो राजस्थान के डॉक्टर्स को मजबूरन आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा।

यह था मामला

लालसोट के खेमावास निवासी लालूराम बैरवा ने महिला डॉक्टर के खिलाफ सोमवार को मामला दर्ज कराया था। रिपोर्ट में बताया था कि पत्नी आशा देवी (22 वर्ष) की डिलीवरी कराने के लिए सोमवार सुबह आनंद हॉस्पिटल लेकर आए थे। दोपहर में डिलीवरी के दौरान उसकी मौत हो गई। इधर, गुस्साए परिजनों ने लालसोट थाने में रिपोर्ट दी थी। इसके बाद डॉक्टर अर्चना शर्मा के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया। हत्या का मामला दर्ज होने के बाद अर्चना शर्मा डिप्रेशन में आ गई। मंगलवार सुबह 11 बजे कमरे में फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया।
(इनपुट:कमलेश आसीका)

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