दूसरी लहर को वैरिएंट नहीं, पढ़े-लिखों का व्यवहार दोषी: डॉ. कटोच

 

:वैरिएंट्स को दोष न दें, पढ़े-लिखे मिडिल क्लास की लापरवाही से आई है कोरोना वायरस की दूसरी लहरः डॉ. कटोच:

(लेखक रवींद्र भजनी)

ICMR के पूर्व डायरेक्टर जनरल डॉक्टर वीएम कटोच ने बताया कोरोना की दूसरी लहर का कारण
उनका कहना है कि जब तक लोग अपना बर्ताव नहीं सुधारेंगे, तब तक कोरोना का प्रकोप कम नहीं होगा

भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के लिए सीधे-सीधे लोग ही जिम्मेदार हैं। कोरोना इन्फेक्शन से बचने के लिए उन्होंने जो उपाय पिछले साल अपनाए थे, उसमें लापरवाही की। इसी वजह से यह खतरनाक दूसरी लहर हम देख रहे हैं। यह कहना है कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के पूर्व डायरेक्टर जनरल डॉ. वीएम कटोच का। उन्होंने  विशेष इंटरव्यू में दूसरी लहर के लिए सीधे-सीधे लोगों और खासकर पढ़े-लिखे मिडिल क्लास को ही जिम्मेदार ठहरा दिया। पेश हैं उनसे बातचीत के मुख्य अंशः

प्रश्नः सरकार ने 1 मई से 18+ को वैक्सीन लगाने का फैसला किया है। क्या इससे कोरोना वायरस रुक जाएगा?

डॉक्टर कटोचः आपको यह समझना होगा कि वैक्सीन कोई जादू की छड़ी नहीं है कि आपने छड़ी घुमाई और वायरस गायब। वैक्सीन तो आपको कवच देती है। यह कोरोना वायरस इन्फेक्शन की गंभीरता से आपको बचाती है। हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स, जो सामान्यजन के संपर्क में रहते हैं, उनके लिए यह बेहद जरूरी है। इसीसे सरकार ने उन्हें सबसे पहले वैक्सीन लगवाई।

वैक्सीन जान तो बचा लेगी, पर क्या आप दो दिन में 140 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगा सकते हैं? नहीं। कोई भी दावे के साथ नहीं कह सकता कि छह महीनों में भी पूरी आबादी वैक्सीनेट हो जाएगी। इस वजह से ट्रांसमिशन चेन रोकने में फिलहाल वैक्सीन की भूमिका सीमित है। आखिर बच्चे भी इन्फेक्ट हो रहे हैं। बड़ी संख्या में इन्फेक्शन फैल रहा है। यह तो कुछ लोग मांग कर रहे थे कि सबको वैक्सीन लगानी चाहिए, इस वजह से यह हो रहा है। वर्ना, हम लोग अगर उचित तरीके से कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर (CAB) का पालन करेंगे तो बिना वैक्सीन के भी कोरोना वायरस को हरा सकते हैं।

प्रश्नः क्या कोरोना के वैरिएंट्स की वजह से दूसरी लहर तेज हुई है?

डॉक्टर कटोचः देखिए, अब लोग अपनी लापरवाही का ठीकरा किसी और के सिर डाल रहे हैं। हो सकता कि कोरोना के नए स्ट्रेन या वैरिएंट्स की ट्रांसमिशन क्षमता ज्यादा हो, पर इससे हमें क्या? अगर आप कोविड-19 से जुड़ी सावधानी बरतेंगे तो आपको इन्फेक्शन होगा ही नहीं। आपको बेसिक्स पर लौटना होगा। आपने पिछले साल जिन उपायों का पालन सख्ती से किया, उन पर ही लौटना होगा। तभी आप इन्फेक्शन से बच लोगों को इससे बचा सकेंगे।

प्रश्नः आपको क्या लगता है, यह दूसरी लहर कब तक काबू आ जाएगी?

डॉक्टर कटोचः इस संबंध में मैं कोई भविष्यवाणी नहीं करूंगा। पर अगर लोगों ने आज कोरोना वायरस से बचने को आवश्यक उपाय किए तो 20-25 दिन में नए इन्फेक्शन की संख्या कम हो जाएगी। पर हमें इसके लिए कोरोना से जुड़े उपायों का सख्ती से पालन करना होगा।

सरकार ने पिछले साल लॉकडाउन लगाया। उसकी एक ही वजह थी कि लोगों का आपसी संपर्क कम हो ताकि यह वायरस ज्यादा न फैले। अब सरकार कोई भी हो, हर बार और हर जगह तो नहीं पहुंच सकती। पढ़े-लिख मिडिल क्लास की वजह से यह पिछले साल फैला था। तब भी विदेश से घूमकर आए लोगों ने लापरवाही बरत लोगों में इन्फेक्शन फैलाया। तब तो हम बिना वैक्सीन के भी इसे रोक सकते थे। बाद में नवंबर-दिसंबर से ही मिडिल क्लास को लगने लगा कि वायरस है ही नहीं। वे तो पार्टी करने लगे थे। यहां भी पढ़े-लिखे लोगों की ही गलती है और उनकी वजह से ही दूसरी लहर आई है।

कुछ दिन पहले तक ही लोग चौराहों पर गप्पे लड़ा रहे थे। मास्क उनकी ठोड़ी पर था। ठोड़ी पर लगा मास्क उन्हें इन्फेक्शन से बचाएगा? लोगों ने बेसिक्स ही भुला दिए, पर वायरस अपना बेसिक नहीं भूला। उसने लोगों को इन्फेक्ट करना जारी रखा और आज हम भयावह हालत देख रहे हैं।

प्रश्नः कोरोना की दूसरी लहर से बचने के लिए हमें क्या करने की आवश्यकता है?

डॉक्टर कटोचः हमें वही करना होगा, जिसे हमने पिछले एक साल में भुला दिया । हम अगर घर के बाहर निकल रहे हैं तो मास्क लगाना है। भीड़ भरी जगहों पर जा रहे हैं या ऐसी जगह जा रहे हैं जहां वेंटिलेशन बहुत अच्छा नहीं है तो डबल मास्किंग करना बेहतर रहेगा।

घर पर भी अगर कोई परिचित आ रहा है तो हमें अपने सुरक्षा उपाय भूलने की जरूरत नहीं है। कोई भी आए तो हमें मास्किंग, डबल मास्किंग का प्रयोग करना है। यह न सिर्फ खुद करना है बल्कि आसपास के लोगों से भी करने को कहना है, तभी तो वायरस का संक्रमण रोकने में हम कामयाब रहेंगे।

सरकार और मशीनरी का फोकस डिटेक्ट, आइसोलेट और ट्रेसिंग पर होना चाहिए। जरा भी लक्षण दिखे तो तत्काल जांच कराएं। खुद को आइसोलेट करें। अगर नतीजा पॉजिटिव आता है तो डॉक्टरों के बताए अनुसार दवा लें। इससे ही इस रोग को रोकने में हमें कामयाबी मिलेगी। सिर्फ सीरियस पेशेंट्स को ही अस्पताल में भर्ती करना चाहिए। 15-20 दिन सख्ती बरती तो 1 महीने में हम इस लहर को रोकने में कामयाब रहेंगे।

प्रश्नः क्या लगता है आपको, कोरोना की दूसरी लहर में किसे गलत ठहराया जाना चाहिए?

डॉक्टर कटोचः भले ही लोग सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हों, पर हर जगह सरकार थोड़े ही पहुंचेगी डंडे लगाने । लोगों को भी समझ कर कोऑपरेट करना चाहिए। यह वक्त एक-दूसरे पर कीचड़ उछालने या कमजोर दिखाने का नहीं है। मिलकर काम करने की जरूरत है। लोगों को पता होना चाहिए कि यह बीमारी हवा से भी फैल सकती है। सिंगल मास्किंग, डबल मास्किंग का पालन उन्हें करना है।

जनवरी-फरवरी से ढिलाई नहीं बरती होती तो यह दूसरी लहर इतनी भयावह नहीं होती। अगर लोग अपनी राज्य या केंद्र की सरकार से खुश नहीं हैं तो उनके पास वोट है। अगले चुनाव में वे अपनी ताकत दिखा देंगे। पर यह 100% सच है कि सभी पार्टियों को कोरोना वायरस ने नुकसान पहुंचाया है। वायरस के निशाने पर किसी पार्टी विशेष के लोग नहीं हैं। लोगों को एकत्रित होकर अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।

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