PAK में प्रलय की वो रात… ऑपरेशन सिंदूर को एक माह,अब भी दर्द से कराह रहा दुश्मन!

PAK की प्रलय की वो रात… ऑपरेशन सिंदूर का एक महीना पूरा, अब भी दर्द से छटपटा रहा दुश्मन!
6 मई 2025 को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया. 100+ आतंकी मारे गए, 11 पाकिस्तानी एयरबेस तबाह हुए. राफेल, ब्रह्मोस और S-400 का इस्तेमाल हुआ. पाकिस्तान के 40 नागरिक और 11 सैनिक मरे. यह आतंकवाद के खिलाफ भारत की सटीक कार्रवाई थी.

पाकिस्तान को जिंदगी भर भारत का ऑपरेशन सिंदूर याद रहेगा.
नई दिल्ली,07 जून 2025,6 जून 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज से ठीक एक महीने पहले, 6 मई की रात पाकिस्तान के आतंकियों पर कयामत बरसी थी. अब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का नाम सुनते ही पाकिस्तान को अपनी शर्मनाक हार याद आएगी. यह ऑपरेशन भारत की सैन्य ताकत और आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस का प्रतीक है. आइए, ऑपरेशन सिंदूर की पूरी कहानी, पाकिस्तान के नुकसान और दर्द से छटपटाते दुश्मन की कहानी…

पाकिस्तान का पानी रोका

भारत ने 23 अप्रैल 2025 को सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया. यह संधि 1960 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुई थी, जिसमें सिंधु नदी के पानी का बंटवारा हुआ था. पहलगाम हमले के बाद भारत ने यह कदम उठाया, क्योंकि पाकिस्तान को 80% पानी मिलता था. इससे पाकिस्तान में पानी की कमी होने लगी.

ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत: क्यों और कब?

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने 26 नागरिकों (25 भारतीय और 1 नेपाली) की हत्या कर दी. हमले में आतंकियों ने हिंदू पुरुषों को निशाना बनाया. भारत ने हमले का जिम्मेदार लश्कर-ए-तैयबा (LeT), जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के साथ द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) को ठहराया. भारत ने कहा कि ये आतंकी पाकिस्तान के समर्थन से काम करते हैं, जिसे इस्लामाबाद ने नकारा.

इसके जवाब में भारत ने 6-7 मई 2025 की रात 1:05 से 1:30 बजे तक ऑपरेशन सिंदूर चलाया. इसका नाम सिंदूर इसलिए रखा गया, क्योंकि यह उन विधवाओं के लिए न्याय की लड़ाई थी, जिनके पतियों को पहलगाम में मारा गया था. यह ऑपरेशन 2016 सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद तीसरा बड़ा हमला था.

ऑपरेशन सिंदूर: कैसे हुआ हमला?

भारतीय सशस्त्र बलों ने त्रि-सेवा अभियान (थलसेना, वायुसेना, नौसेना) में 9 आतंकी ठिकानों पर 24 सटीक हमले किए. ये हमले 25 मिनट में पूरे हुए.

भारत के टारगेट

5 ठिकाने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में  :   मस्जिद सैयदना बिलाल (मुजफ्फराबाद), गुलपुर ट्रेनिंग कैंप (कोटली), सवाई नाला कैंप (मुजफ्फराबाद), मस्जिद अहल-ए-हदीस (बरनाला, भिंबर) और एक अन्य.

4 ठिकाने पाकिस्तान के पंजाब में  :  सरजाल कैंप (सियालकोट), मेहमूना जोया (सियालकोट), मार्कज तैबा (मुरीदके), मस्जिद सुब्हान अल्लाह (बहावलपुर).

हथियार कौन से इस्तेमाल हुए

राफेल जेट्स ने SCALP क्रूज मिसाइलें और AASM हैमर बम इस्तेमाल किए.
ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलें और इंडो-इजरायली स्काईस्ट्राइकर लॉइटरिंग म्यूनिशन्स (आत्मघाती ड्रोन) का उपयोग.
भारतीय सेना ने एक्सकैलिबर प्रेसिजन राउंड्स से तोपखाने का इस्तेमाल किया.
S-400 वायु रक्षा प्रणाली ने पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइलों को रोका. लॉइटरिंग म्यूनिशन्स ने सटीक निशाना साधा.
भारत ने कहा कि हमला आतंकी ढांचे पर किया, न कि पाकिस्तानी सेना या नागरिकों पर. विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया कि हमने नागरिकों और सैन्य ठिकानों को नुकसान से बचाया.

पाकिस्तान का जवाब और नुकसान

पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर “युद्ध की कार्रवाई” बता जवाबी हमले शुरू किए. 7 मई से 10 मई तक दोनों देशों में तनाव चरम पर रहा.

पाकिस्तान के नुकसान

आतंकी हताहत: भारतीय सेना के मुताबिक, 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए, जिनमें IC-814 अपहरण और पुलवामा हमले के आतंकी शामिल थे.
नागरिक हताहत: पाकिस्तान ने दावा किया कि 40 नागरिक मारे गए, जिनमें 7 महिलाएं और 15 बच्चे शामिल थे. CNN ने इन दावों की पुष्टि नहीं की.
सैन्य हताहत: पाकिस्तानी सेना ने 11 सैनिकों (6 सेना, 5 वायुसेना) की मौत और 78 के घायल होना माना. 35-40 सैनिक LoC पर भारतीय जवाबी कार्रवाई में मारे गए.

सैन्य ढांचे को नुकसान

मुरीदके में मार्कज तैबा और बहावलपुर में मार्कज सुब्हानलला के 4 ठिकाने नष्ट. लाहौर और गुजरांवाला के पास रडार सिस्टम नष्ट. 11 एयरबेस को नुकसान. पाकिस्तान का दावा कि उसने 5 भारतीय विमान (3 राफेल सहित) मार गिराए. भारत ने इसकी पुष्टि नहीं की, लेकिन कहा कि पायलट सुरक्षित हैं.

पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई

7-10 मई: पाकिस्तान ने LoC पर भारी गोलीबारी की, जिसमें 12 भारतीय नागरिक, 1 सैनिक और 51 घायल हुए. पूंछ में एक गुरुद्वारा भी निशाना बना.
8 मई: पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइलों ने जम्मू, पठानकोट और अन्य पश्चिमी शहरों पर हमला किया, लेकिन भारत की S-400 प्रणाली ने इन्हें नाकाम किया.
9 मई: पाकिस्तानी ड्रोन बठिंडा सैन्य स्टेशन पर हमले की कोशिश में नष्ट हुए.
10 मई: पाकिस्तान ने 3 एयरबेस पर भारतीय हमले का दावा किया.

भारत का नुकसान

सैन्य हताहत: 5 भारतीय सैनिक मारे गए, जिनमें BSF कांस्टेबल दीपक चिमंगाखम (मणिपुर) और BSF सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज (बिहार) शामिल थे.
नागरिक हताहत: 18 नागरिक मारे गए, जिनमें पूंछ और राजौरी में 12 नागरिक और 1 महिला (उरी) शामिल थी.
विमान: भारत ने विमान नुकसान पर टिप्पणी से इनकार किया, लेकिन राफेल जेट के नष्ट होने की खबरें थीं.
मौलिक निर्माण: LoC पर गोलीबारी से घर और संपत्ति को नुकसान.
वैश्विक प्रतिक्रिया और युद्धविराम

ऑपरेशन सिंदूर ने दुनिया का ध्यान खींचा…

One Month of Operation Sindoor

अमेरिका: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 10 मई को युद्धविराम की घोषणा की, जिसे भारत और पाकिस्तान ने माना. ट्रंप ने कहा कि मैं दोनों देशों के साथ हूं. इसे सुलझाने में मदद करूंगा.

कतर, सऊदी अरब, यूके: ने तनाव कम करने की अपील की.

यूरोपीय संघ: पहलगाम हमले की निंदा की, लेकिन दोनों देशों से संयम बरतने को कहा.

पाकिस्तान का दावा: इस्लामाबाद ने UN चार्टर के आर्टिकल 51 का हवाला देकर जवाबी कार्रवाई का अधिकार मांगा.

10 मई 2025 को भारत और पाकिस्तान ने युद्धविराम पर सहमति जताई. 11 मई को भारतीय सेना ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में रात शांत रही.

 

पाकिस्तान की हार के सबूत

सैटेलाइट तस्वीरें  : 13 मई 2025 को भारत ने मुरीदके और बहावलपुर के तबाह आतंकी ठिकानों की तस्वीरें जारी कीं.

आतंकी ढांचा: 9 आतंकी कैंप पूरी तरह नष्ट, जिनमें 21 ट्रेनिंग कैंपों की सूची थी.

राजनीतिक एकता: पाकिस्तान में ऑपरेशन सिंदूर ने आंतरिक एकता पैदा की. X पर पोस्ट्स थे कि 100+ आतंकी ढेर, 11 एयरबेस तबाह, रडार सिस्टम नष्ट.

भारत की रणनीति और उपलब्धियां

सटीक हमले: भारत ने लॉइटरिंग म्यूनिशन्स और क्रूज मिसाइलों से आतंकी ठिकानों को नष्ट किया, बिना युद्ध बढ़ाए.
नया सामान्य: प्रधानमंत्री मोदी ने 13 मई को कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अब नया सामान्य है. हम आतंकवाद के खिलाफ लक्ष्मण रेखा खींच चुके हैं.
वैश्विक संदेश  : भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी ताकत दिखाई और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को उजागर किया.
आत्मनिर्भर भारत: ब्रह्मोस और बेंगलुरु की ड्रोन्स ने स्वदेशी तकनीक का लोहा मनवाया.

पाकिस्तान का दर्द

सैन्य नुकसान: 11 एयरबेस और रडार सिस्टम की तबाही ने पाकिस्तानी वायुसेना को कमजोर किया.

आतंकी नेटवर्क: LeT और JeM के ठिकाने नष्ट होने से आतंकी गतिविधियां कमजोर हुईं.

राजनयिक हार: फाइनेंशियल टाइम्स के अनुसार, युद्धविराम से पाकिस्तान को “राजनयिक बढ़त”, लेकिन भारत ने आतंकवाद का मुद्दा वैश्विक मंच पर उठाया.

आर्थिक प्रभाव: पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र बंद होने और सैन्य नुकसान से अर्थव्यवस्था पर बोझ पड़ा.

ऑपरेशन सिंदूर भारत की सैन्य और राजनयिक ताकत का प्रतीक है. 100+ आतंकियों की मौत, 9 आतंकी कैंपों की तबाही और पाकिस्तान के 11 एयरबेस को नुकसान ने दुश्मन को घुटनों पर ला दिया. 5 भारतीय सैनिकों और 18 नागरिकों के बलिदान ने देश  एकजुट किया. प्रधानमंत्री मोदी का बयान सही है— पाकिस्तान अब ऑपरेशन सिंदूर का नाम सुनकर कांपेगा. यह ऑपरेशन भारत के नए सामान्य—आतंक के खिलाफ सटीक और निर्भय जवाब—का प्रतीक है.

भारत और चीन के हथियारों का पहला मुकाबला, भारत हुआ पास तो चीन की साख पर लगा बट्टा
ONE MONTH OF OPERATION SINDOOR: ऑपरेशन सिंदूर अब भी जारी है.भारतीय सेना ने अपने चुने हुए टार्गेट को निशाना बनाया तो कूटनीतिक कदम ने पाकिस्तान का पानी बंद कर दिया. ऑपरेशन सिंदूर से किसी को सबसे ज्यादा नुक्सान हुआ तो वह पाकिस्तान के ऑल वेदर फ्रेंड चीन रहा.
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में नए हथियारों का सफल परीक्षण किया.
ब्रह्मोस मिसाइल और S-400 का ऑपरेशन सिंदूर में डेब्यू हुआ.
चीन के हथियारों की विश्वसनीयता पर ऑपरेशन सिंदूर ने सवाल उठाए.
भारत लंबे समय से दो मोर्चों पर युद्ध की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए अपनी तैयारी कर रहा था. नई तकनीक के हथियार खरीदे गए, लेकिन अब तक वे सिर्फ फायरिंग रेंज में ही अभ्यास कर रहे थे. ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने अपने सभी हथियारों को वास्तविक युद्ध क्षेत्र में इस्तेमाल किया, जिससे उनका कॉम्बैट डेब्यू हो गया. मजेदार बात तो यह है कि लड़ाई तो भारत और पाकिस्तान लड़ रहे थे. एक्सपोज चीन हो गया.

ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का ग्रैंड डेब्यू
भारत और रूस ने मिलकर ब्रह्मोस मिसाइल तैयार की है. अब तक इसे केवल ट्रायल के दौरान ही फायर किया गया था. ऑपरेशन सिंदूर में ब्रह्मोस के एयर लॉन्च वर्जन का टेस्ट भी हुआ. एयर बेस और रनवे पर बने बड़े गड्ढो ने इसकी क्षमता की गवाही दे दी.

S-400 की शानदार शुरुआत 
भारत ने अपने पड़ोसी देशों चीन और पाकिस्तान को ध्यान में रखते हुए S-400 एयर डिफेंस सिस्टम खरीदा था. ऑपरेशन सिंदूर में इसका पहली बार इस्तेमाल हुआ. इस सिस्टम की खासियत है कि यह 600 किलोमीटर दूर से आने वाले किसी भी दुश्मन के हवाई हमले को डिटेक्ट, ट्रैक और न्यूट्रलाइज कर सकता ,,है।

MRSAM और आकाश का प्रदर्शन
पाकिस्तान के हमलों को भारतीय जमीन पर मलबे के तौर पर गिराने का श्रेय मीडियम रेंज सर्फेस टू एयर मिसाइल “अभ्रा” और आकाश एयर डिफेंस सिस्टम को भी जाता है. MRSAM को डीआरडीओ और इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्री ने मिलकर विकसित किया है, जबकि आकाश पूरी तरह से स्वदेशी है. MRSAM की रेंज 70 से 80 किलोमीटर है, जबकि आकाश 25 किलोमीटर तक मार कर सकता है. इन दोनों हथियारों को भी पहली बार यूज किया गया.

आकाश तीर ने किया खुद को साबित
आकाश तीर ने जंग की तस्वीर ही बदल दी है. कुछ महीने पहले ही इस प्रोजेक्ट में आकाश तीर और वायुसेना का इंटीग्रेटेड एरियल कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम (IACCS) को जोड़ा गया है. ऑपरेशन सिंदूर में इसका खूब इस्तेमाल हुआ. लद्दाख से लेकर राजस्थान तक कुल 6 आकाश तीर नोड या कमांड पोस्ट एक्टिव थे. पाकिस्तान की तरफ से दागे गए सैकड़ों ड्रोन को हिट करने में आकाश तीर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

चीन के हथियारों की साख पर सवाल
भारत को पता था कि पाकिस्तान पलटवार करेगा. ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत वाले दिन ही चीन के हथियारों की साख पर सवाल उठ गए थे, जब पाकिस्तान पंजाब के बहावलपुर और मुरीदके में अटैक को पकड़ नहीं सका. पाकिस्तान ने चीन से खरीदे गए एयर डिफेंस सिस्टम HQ-9 को जैश के मुख्यालय की सुरक्षा में तैनात किया था, लेकिन भारतीय सेना ने लाहौर के एयर डिफेंस सिस्टम HQ-9 को तबाह कर दिया. एयर डिफेंस सिस्टम HQ-9 खुद की ही रक्षा नहीं कर सका.

चीन के विंग लूंग-II ड्रोन का इस्तेमाल
पाकिस्तान ने पहली बार चीन से लिए विंग लूंग-II ड्रोन का इस्तेमाल किया. भारतीय एयर डिफेंस रडार सिस्टम ने ना सिर्फ इसे ट्रैक किया बल्कि इंटरसेप्ट भी कर लिया. पाकिस्तान ने भारत के कई महत्वपूर्ण सैन्य संस्थानों को निशाना बनाते हुए चीन की सुपरसोनिक CM-400AKG मिसाइल भी लॉन्च की, जिसे भारतीय AEW&C रडार ने ट्रैक कर लिया और S-400 ने इसका शिकार कर लिया.

PL-15 मिसाइल की विफलता
चीन की PL-15 मिसाइल, जिसे दुनिया की सबसे एडवांस हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल बताया जाता था, ऑपरेशन सिंदूर में पूरी तरह से फेल हो गई. पाकिस्तान ने इसे अपने JF-17 से लॉन्च किया, लेकिन यह मिड फ्लाइट में तकनीकी खराबी के चलते गिर गई.

 

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