दिल्ली सरकार को आक्सुजन कंसंट्रेशन स्टोरेज पर कोर्ट से पडी फटकार,व्यापार गैरकानूनी नहीं

ऑक्सि‍जन कंसंट्रेटर की जमाखोरी…द‍िल्‍ली की कोर्ट ने कहा-सरकार का काम आतंकियों जैसा नहीं
दिल्‍ली की एक अदालत ने सुनवाई के दौरान यह बात कही। मामला जमानत याचिका का था। पुलिस ने कुछ लोगों को जमाखोरी और ज्‍यादा मूल्‍य पर उपकरण बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने दिल्‍ली सरकार से पूछा, ‘क्‍या देश में व्‍यापार करना अपराध है।’

नई दिल्ली 11 मई। दिल्ली की एक अदालत ने कोविड-19 महामारी के दौरान AAP सरकार की ओर अब तक चिकित्सीय उपकरणों के दाम तय न किए जाने पर नाराजगी जाहिर की है। उसने कहा, ‘सरकार का काम आतंकवादियों जैसा नहीं है’ और ‘अपनी नाकामियां छिपाने के लिए आप लोगों के पीछे पड़े हैं।’ ऑक्सि‍जन कंसंट्रेटर की कथित जमाखोरी व कालाबाजारी के मामले की सुनवाई कर रही अदालत ने यह भी पूछा, ‘क्या देश में व्यापार करना अपराध है?’
कार्यवाही के दौरान न्यायाधीश ने पूछा, ‘क्या इस देश में व्यापार करना अपराध है।’

मुख्य मेट्रोपोलिटिन मजिस्ट्रेट अरुण कुमार गर्ग ने यह मौखिक टिप्पणी मेट्रिक्स सेलुलर सर्विसेज के सीईओ और उपाध्यक्ष तथा अन्य कर्मियों की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए की। दिल्ली पुलिस ने इन लोगों को कथित तौर पर जमाखोरी और ज्यादा मूल्य पर उपकरणों को बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया था

कार्यवाही के दौरान न्यायाधीश ने पूछा, ‘क्या इस देश में व्यापार करना अपराध है।’ अदालत ने दिल्ली सरकार को उपभोक्ताओं को आयातित ऑक्सिजन कंसंट्रेटर बेच रहे व्यक्तियों को गिरफ्तार करने पर आड़े हाथों लिया। जब उसने खुद कीमतों का नियमन नहीं किया है।

काेर्ट ने कहा, ‘आप (सरकार) सात मई को आदेश लेकर आए कि ऑक्सिजन कंसंट्रेटर अधिकतम खुदरा मूल्य से ज्यादा कीमत पर नहीं बेचे जा सकते। लेकिन, मौजूदा प्राथमिकी पांच मई की है।’ उन्होंने कहा कि वह पहले लोगों को दंडित कर बाद में कानून नहीं बना सकती।

न्यायाधीश ने टिप्पणी की, ‘सरकार का काम आतंकवादियों जैसा नहीं है। आपको कानून के मुताबिक चलना होगा। अगर कोई कानून नहीं है और आपको लगता है कि वहां खालीपन है तब आपको उसे भरने की जरूरत है।’

मुख्य मेट्रोपोलिटिन मजिस्ट्रेट ने कहा, ‘अगर कोई मूल्य नियमन नहीं है और खालीपन है, आप उसे भर नहीं रहे हैं। महज अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए, आप लोगों के पीछे हैं।’ अदालत ने जमानत याचिका पर फैसला बुधवार तक के लिए सुरक्षित रखा है।

AAP के ही हाथ नहीं काले, ‘खान चाचा’ वाले नवनीत कालरा पर कॉन्ग्रेस सरकार भी रही मेहरबान

कोरोना संकट में ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर कालाबाजारी के आरोपी बिजनेसमैन नवनीत कालरा को कभी तत्कालीन कॉन्ग्रेस सरकार का संरक्षण प्राप्त था। साल 2006 में राज्यसभा में तत्कालीन शहरी विकास मंत्री अजय माकन से पूछे गए एक प्रश्न ने इसकी पोल खुलती है। अजय माकन से ये प्रश्न पूछा था तरलोचन सिंह ने, जिसमें उन्होंने पूछा था कि क्या यह सच है कि केंद्रीय शहरी विकास मंत्री दिल्ली गोल्फ क्लब के स्थायी सदस्य बनने वाले व्यक्तियों को नामित करते हैं।

इसके अलावा, माकन से यह सवाल भी पूछा गया था कि 2004-05 और 2005-06 के बीच किन व्यक्तियों को गोल्फ क्लब में नामांकित किया गया था। इस सवाल पर कॉन्ग्रेस के अजय माकन ने उन लोगों के नामों के साथ जवाब दिया, जिन्हें कॉन्गेस सरकार ने दिल्ली गोल्फ क्लब में नामांकित किया था।

अजय माकन द्वारा राज्यसभा को दी गई प्रतिक्रिया

अजय माकन ने सवाल का जवाब देते हुए कहा था कि कॉन्ग्रेस सरकार ने रॉबर्ट वाड्रा, ‘राष्ट्रीय दामाद’, डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में ईएनटी विभाग के प्रमुख जेएम हंस, और खान मार्केट के नवनीत कालरा को नामित किया था। उन्होंने आगे बताया कि क्लब हर साल दो ‘बिन-बारी’ के सदस्यों को स्वीकार करता है और उनमें से सरकार द्वारा नामित एक सदस्य नवनीत कालरा था, जो अब कोरोना संकट में ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर कालाबाजारी का आरोपित है।

नवनीत कालरा के खिलाफ जारी है लुकआउट नोटिस

दिल्ली पुलिस ने फरार रेस्टोरेंट मालिक नवनीत कालरा के खिलाफ एक लुकआउट नोटिस जारी किया है। कालरा, खान बाजार के ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर ब्लैक-मार्केटिंग रैकेट में आरोपी है और तभी से फरार चल रहा है, जब दिल्ली पुलिस ने दिल्ली और फार्महाउस के पॉश इलाकों में उसके रेस्टोरेंट की चेन पर छापा मारते हुए 500 से ज्यादा ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर्स बरामद किया था।
मालूम हो कि गुरुवार (6 मई, 2021) को दिल्ली में ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर्स की कालाबाजारी का भंडाफोड़ होने के बाद शुक्रवार (मई 7, 2021) को दिल्ली पुलिस ने खान मार्केट से 96 और कॉन्सेंट्रेटर बरामद किए थे। पड़ताल में पुलिस को पता चला था कि जिन-जिन जगहों से मशीनें बरामद हुईं, उन सबके तार उद्योगपति नवनीत कालरा से जुड़े हुए हैं।

दिल्ली पुलिस को राजधानी के अलग-अलग कोनों से 6 मई को 450 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर मिले। इनमें से 419 की बरामदगी पर एक ही व्यवसायिक संस्थान का नाम प्रकाश में आया, जिसका मालिक उद्योगपति नवनीत कालरा है। छापे के दौरान, 9 से 5 लीटर क्षमता वाले 32 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर कालरा की कंपनी Nege & Ju bar से मिले।

इसके बाद पुलिस ने वहाँ से तीन लोगों को गिरफ्तार किया। ये लोग पुलिस को मंडी गाँव के खुल्लर फार्म तक ले गए, जहाँ से 387 कॉन्सेंट्रेटर और बरामद किए गए। इसके अलावा खान मार्केट के मशहूर रेस्टोरेंट ‘खान चाचा’ से भी 96 कॉन्सेंट्रेटर बरामद किए गए थे। यानी कुल मिला कर कालरा के तमाम व्यवसायिक संस्थानों से अब तक 524 कंसन्ट्रेटर बरामद हुए हैं।

नवनीत कालरा ने ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर्स चीन से लगभग 20,000-25,000 रुपए में आयात किया, और दिल्ली में उन्हें कम से कम 70,000 रुपए में बेचा, ऐसा करके उसने कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान दिल्ली में ऑक्सीजन संकट की वजह से बढ़ी इस मशीन माँग का फायदा उठाकर जमकर मुनाफा कमाया। कथित तौर पर, वे अब तक लगभग 50 यूनिट बेच चुके हैं।

नवनीत कालरा दिल्ली में कई भोजनालय चलाता है और रिटेल दयाल ऑप्टिकल्स का मालिक है, जिसकी स्थापना उनके पिता दयाल दास कालरा ने की थी। दिल्ली में उनके रेस्तरां सबसे प्रसिद्ध हैं, और वहाँ सेलेब्रिटीज और राजनेताओं का अक्सर आना-जाना रहता है।
पत्र को करीब से देखने से यह स्पष्ट होता है कि संबित पात्रा ने जो कहा वह वास्तव में सही है। पत्रों में उल्लेख है कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार ‘खरीद करने की योजना’ बना रही है। न कि ऑर्डर दिया है।

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