अब पीयूष गोयल सख्त, बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों को भारतीय कानूनी परिधि में ही करना होगा काम

पीयूष गोयल ने दिखाई सख्‍ती! कहा- बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियां जान-बूझकर तोड़ रही हैं भारत के कानून, करना ही होगा पालन

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने जनवरी 2020 में भी कहा था कि जेफ बेजोस (Jeff Bezos) की ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन (Amazon) भारत में निवेश करके कोई अहसान नहीं कर रही है. साथ ही सवाल किया था कि बड़ी ऑनलाइन रिटेलिंग कंपनियां (Online Retailing Companies) इतनी कम कीमत पर सामान बेचने से होने वाले नुकसान (Losses) की भरपाई कैसे करती हैं।

नई दिल्‍ली 27 जून. केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों (E-Commerce Firms) पर सख्‍त लहजा अपनाया है. उन्‍होंने कहा कि कई बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियां बड़ा निवेश करने का घमंड दिखा रही हैं और जान-बूझकर भारतीय कानूनों (Law of Land) को तोड़ रही हैं. उन्‍होंने सभी ई-कॉमर्स कंपनियों को सख्त हिदायत दी है कि उन्हें देश के कानून का पूरी तरह पालन करना होगा. साथ ही कहा कि विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों को भारतीय हितों को नुकसान पहुंचाने के लिए बाहुबल बल या धनबल का (Muscle/Money Power) इस्‍तेमाल करने से परहेज करना चाहिए.

‘देश के कानूनों के दायरे में रहकर चलाएं कारोबारी गतिविधियां’

केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा कि कई बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों की गतिविधियां ग्राहकों के हितों (Consumer Interest) के खिलाफ हैं. इसे देखते हुए केंद्र सरकार (Central Government) ने ई-कॉमर्स कंपनियों या ऐसे मार्केप्‍लेस मॉडल्‍स के लिए कुछ नए नियमों का मसौदा (Draft Rules) तैयार किया है, जो भारतीय और विदेशी कंपनियों पर समान रूप से लागू होगा. उन्‍होंने शनिवार को एक वेबिनार में कहा कि इन नए कानूनों का मकसद ग्राहकों के हितों की रक्षा करना है. भारतीय बाजार बहुत बड़ा है और हम सभी कंपनियों को यहां आने व इसमें हिस्सेदारी लेने को आमंत्रित करते हैं. हालांकि, यह स्‍पष्‍ट है कि उन्हें कोई भी कारोबारी गतिविधि देश के कानूनों के दायरे में रहकर ही चलानी होगी.

एक से ज्‍यादा बार कर चुकी हैं भारत के कानूनों का उल्‍लंघन’

पीयूष गोयल ने कहा कि दुर्भाग्य से भारत आईं कई बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियां एक से अधिक बार जान-बूझकर देश के कानूनों का उल्लंघन कर चुकी हैं. उन्‍होंने बताया कि बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ उनकी कई बार बातचीत हुई है. इनमें अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनियों (American e-Commerce firms) में देखा जा रहा है कि वे अपने बड़े आकार की धौंस दिखाती हैं. उनमें घमंड देखा गया है कि शुरुआती दौर में बाजार में वे बड़ी रकम का निवेश करने में सक्षम हैं. ऐसे में उन उत्पादों के बाजार पर कब्जा करने की कोशिश करती रही हैं, जो हमारे पारंपरिक किराना कारोबार का आधार रहा है.

पीयूष गोयल ने जनवरी 2020 में लगाई थी अमेजन की क्‍लास

केंद्रीय मंत्री ने कि उन्हें सिर्फ इस वजह से देश के कानूनों का उल्लंघन नहीं करने दिया जा सकता है कि उनका आकार बड़ा है. बेहतर होगा कि सभी कंपनियां भारतीय कानूनों का पूरी तरह पालन करें. बता दें कि उन्‍होंने जनवरी 2020 में भी कहा था कि जेफ बेजोस (Jeff Bezos) की ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन (Amazon) भारत में निवेश करके कोई अहसान नहीं कर रही है. साथ ही सवाल किया था कि बड़ी ऑनलाइन रिटेलिंग कंपनियां (Online Retailing Companies) इतनी कम कीमत पर सामान बेचने से होने वाले नुकसान (Losses) की भरपाई कैसे करतीं हैं।

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