चमोली आपदा:58 शव,24 अंग-भंग शव मिले,34के लिए रात-दिन कोशिश

Uttarakhand Glacier Burst: सुरंग में जारी है बचाव अभियान, 58 शव एवं 24 मानव अंग मिले
टूटती आस के बीच जारी है जिंदगी की तलाश।
तपोवन में एनटीपीसी की विष्णुगाड परियोजना की मुख्य टनल में बचाव अभियान जारी है। अब तक मलबे में दबे 11 शव बरामद किए गए हैं। इस टनल के रास्ते एसएफटी में सात फरवरी को काम करने गए 34 व्यक्तियों की तलाश में दिन-रात बचाव

देहरादून 16 फरवरी। चमोली के तपोवन में एनटीपीसी की विष्णुगाड परियोजना की मुख्य टनल में बचाव अभियान जारी है। अब तक कुल 58 शव एवं 24 मानव अंग बरामद किये गये हैं जिसमें से 30 शवों एवं 01 मानव अंग की पहचान की जा चुकी है। जिन शवों की पहचान नहीं हो पाई है उन सभी शवों का डीएनए संरक्षित किये गये हैं। फिलहाल सुरंग में मलबा और पानी आने से कार्य बाधित। टनल के पीछे की साइट पर मलबे से पंपों की मदद से पानी निकाला जाएगा। इसे सुखाकर फिर वहां पर भी जेसीबी से क्लियर किया जाएगा।

आपदा पीड़ित परिवारों से मिली जिलाधिकारी

चमोली की जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने मंगलवार को करछौं गांव से लापता लोगों के घर पहुंच कर परिवार के लोगों से मुलाकात की। परिजनों को सांत्वना देते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि टनल मे फंसे लोगों को निकालने के लिए दिन-रात हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस दुख की घड़ी में सरकार और प्रशासन पूरी तरह से परिजनों के साथ खडी है। परिजनों को ढाढस बंधाते हुए जिलाधिकारी ने परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। करछौं गांव के एक परिवार के दोनों बाप-बेटे कुलदीप सिह( पुत्र गैर सिंह) और आशीष सिह (पुत्र कुलदीप सिंह) आपदा में लापता चल रहे हैं। पिता और पुत्र दोनों ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट मे काम करते थे।

वही, करछौं गांव के दूसरे परिवार से ओम प्रकाश सिंह( पुत्र प्रेम सिंह) तपोवन टनल में काम करते थे, जो अभी तक लापता चल रहे हैं। जिलाधिकारी दोनों परिवारों से मिलीं और दुख की इस घड़ी में परिवार को ढांढस बंधाया। जिलाधिकारी ने परिजनों को अपना फोन नबंर भी दिया। कहा कि किसी भी तरह से मदद की आवश्यकता होगी तो सीधे संपर्क करें। इस अवसर पर उप जिलाधिकारी कुमकुम जोशी भी मौजूद थे। जिला प्रशासन ने परिजनों को राशन व बर्तन किट, सोलर लाइट, कम्बल देते हुए हर संभव मदद का भरोसा दिया।

हर पहलू को ध्यान में रख होनी चाहिए जांच

उत्तराखंड के सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि हर पहलू को ध्यान में रखते हुए इस पूरे प्रकरण की जांच की जानी चाहिए। हम एक विभाग बनाएंगे, जिससे उपग्रह के माध्यम से सभी ग्लेशियरों की निगरानी और अध्ययन कर सकें। आपको बता दें कि लापता व्यक्तियों में से अभी तक 58 के शव मिल चुके हैं, जिनमें से 31 शवों और एक मानव अंग की पहचान की जा चुकी है।

जिन शवों की पहचान नहीं हो पाई है उन सभी शवों का डीएनए संरक्षित किये गए हैं। 146 अन्य की तलाश जारी है। इसके अलावा जोशीमठ थाने पर अब तक कुल 179 लोगों की गुमशुदगी दर्ज की जा चुकी है। इधर, आपदा प्रभावित 13 गांवों में जनजीवन पटरी पर लाने के प्रयास तेज किए गए हैं। यहां बिजली और पानी की आपूर्ति बहाल करने के साथ ही आवाजाही के साधन तैयार किए जा रहे हैं।

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