कैग ने बताया बड़ा घपला द्वारिका एक्सप्रेस वे, गडकरी का चैलेंज साबित करो

Dwarka Epressway: Nhai Flags High Cost Of Dwarka Expressway
CAG ने पकड़ा NHAI का खेल, सरकार ने कहा 18 करोड़ में बनाओ, बना रहा 250 करोड़ में

Expressway Project: देश के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को निशाने पर लिया है। सीएजी की रिपोर्ट में बताया गया है कि केबिनेट कमिटी ऑन इकोनोमिक अफेयर्स (CCEA) ने जिस सड़क के लिए प्रति किलोमीटर औसत लागत 18.20 करोड़ रुपये का अनुमोदन किया था, उसे एनएचएआई ने बढ़ा कर 250.77 करोड़ रुपये कर दिया।

मुख्य बिंदु
देश के नियंत्रक एवं महालेख परीक्षक ने एक बड़ा खेल पकड़ा है
यह खेल नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने किया है
यह खेल ‘भारतमाला परियोजना (बीपीपी-1) के चरण-1 में हुआ है

नई दिल्ली 19 अगस्त: देश के नियंत्रक एवं महालेख परीक्षक (Controller & Auditor General) ने एक बड़ा खेल पकड़ा है। यह खेल नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (National Highway Authority of India) ने किया है। यह खेल ‘भारतमाला परियोजना (BPP-1) के चरण-1 में हुआ है। सीएजी ने पिछले दिनों ही इस प्रोजेक्ट के बारे में अपना ऑडिट रिपोर्ट (CAG Audit Report) संसद में पेश किया है। इसमें बताया गया है कि सरकार ने द्वारका एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट (Dwarka Expressway Project) के लिए प्रति किलोमीटर कंस्ट्रक्शन कॉस्ट 18.20 करोड़ रुपये की हरी झंडी दी थी। लेकिन, एनएचएआई के बोर्ड ऑफ डाइरेक्टर ने प्रति किमी 250.77 करोड़ रुपये के कंस्ट्रक्शन कॉस्ट की मंजूरी दे दी। इसी के साथ इस प्रोजेक्ट का कॉस्ट 7,287.29 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

     क्यों बनाया जा रहा है द्वारका एक्सप्रेसवे

द्वारका एक्सप्रेसवे का निर्माण इसलिए किया जा रहा है ताकि दिल्ली से गुड़गांव जाना-आना आसान हो सके। इस समय इसके लिए एनएच-48 का उपयोग होता है। उस पर लगभग हर समय वाहनों का काफी दवाब होता है। इसके लिए हरियाणा सरकार ने अपने राज्य में एनएचएआई को फ्री में जमीन उपलब्ध कराई है। हरियाणा सरकार की तरफ से 90 मीटर चौड़ी जमीन का राइट ऑफ वे फ्री में मिला है। इतनी जमीन में 14 लेन का हाईवे आराम से बन सकता है। राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारी बताते हैं कि 14 लेन की सड़क बनाने के लए 70 से 75 मीटर चौड़ी जमीन पर्याप्त है।

सरकार ने क्या मंजूर किया

सीएजी रिपोर्ट के अनुसार सीसीईए ने भारतमाला प्रोजेक्ट को हरी झंडी देते वक्त 18.2 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर की लागत तय की थी। बाद में एनएचएआई के बोर्ड ने द्वारका एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट का सिविल कॉस्ट बढ़ा कर 7287.3 करोड़ रुपये कर दिया। मतलब कि हर किलोमीटर सड़क निर्माण की लागत 251 करोड़ रुपये हो गया।

इतना भारी खर्च की जरूरत नहीं

सीएजी का कहना है कि हरियाणा में द्वारका एक्सप्रेसवे का हिस्सा करीब 19 किलोमीटर का है। वहां इस सड़क में आठ लेन का एलीवेटेड मेन कैरिजवे होगा और छह लेन का ग्रेड रोड। जब एनएचएआई को हरियाणा सरकार ने फ्री में 90 मीटर चोड़ी जमीन दी है, तो वहां एलिवेटेड सड़क क्यों बनाई जा रही है। इतनी जमीन में तो आराम से 14 लेन की सड़क बन जाती। सीएजी का कहना है कि प्रोजेक्ट कॉस्ट में इतनी बढ़ोतरी इसलिए हुई क्योंकि वहां मैसिव स्ट्रक्चर बनाया जा रहा है।

कैबिनेट अप्रूवल वाला कॉस्ट चार लेन की सड़क का है

एनएचएआई के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि केबिनेट जो प्रति किलोमीटर सिविल कॉस्ट का अप्रूवल दिया है, वह तो चार लेन की सड़क का है। द्वारका एक्सप्रेसवे 14 लेन का बनाया जा रहा है। इसमें आठ लेन का एक्सेस कंट्रोल्ड रोड है और छह लेन का सर्विस रोड। एक्सेस कंट्रोल्ड रोड का अधिकांश सेक्शन एलिवेटेड ही है। इसलिए प्रोजेक्ट कॉस्ट बढ़ा है। इस बढ़े हुए कॉस्ट को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, वित्त मंत्रालय और नीति आयोग की भी मंजूरी मिली है।

भविष्य की सड़क है यह

उनका कहना है कि आने वाले दिनों में दिल्ली और गुड़गांव के बीच ट्रैफिक में भारी बढ़ोतरी होगी। दिल्ली-गुड़गांव के बीच जो आठ लेन का एक्सप्रेसवे बना है, वह तो इसके पूरी तरह से तैयार होने के पांच साल बाद ही चॉक्ड हो गया। वहां जगह जगह जाम लगने लगा। जब कोई नया हाइवे बनता है तो उसकी प्लानिंग अगले 10 से 15 साल की डिमांड को देख कर किया जाता है। जब एक्सप्रेसवे बनाया जाता है तो प्लानिंग होती है अगले 35 से 40 साल के डिमांड की। जब भविष्य के लिए निर्माण होगा तो उसी हिसाब से इनवेस्टमेंट भी तो बढ़ाना ही है।

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दिल्ली में बनाया जा रहा द्वारका एक्सप्रेस वे गुरुग्राम और हरियाणा को दिल्ली से जोड़ेगा। इस एक्सप्रेसवे के बनने के बाद गुरुग्राम से दिल्ली आने में आसानी हो
दिल्ली में बन रहे द्वारका एक्सप्रेस-वे का काम लगभग पूरा हो चुका है
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि दिल्ली में बन रहे द्वारका एक्सप्रेसवे का काम लगभग पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा कि इस एक्सप्रेसवे पर जल्द ही देश के लोग यातायात कर सकेंगे। बता दें कि एक्सप्रेसवे चालू होने के बाद द्वारका और गुरुग्राम के लोग करीब 2 घंटे में दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे पर सोहना के रास्ते जयपुर तक यात्रा कर सकेंगे।

द्वारका एक्सप्रेस वे देश का पहला 8 लेन एलिवेटेड एक्सप्रेसवे है। 34 मीटर चौड़ा द्वारका एक्सप्रेस वे को बनाने में 9,000 करोड़ रूपये का खर्च आया है। द्वारका एक्सप्रेस वे का विस्तार हरियाणा में 18.9 किमी और दिल्ली में 10.1 किमी होगा। इसके चालू होने के बाद दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे (NH48) पर जाम लगने की समस्या में कमी आएगी।

एक्सप्रेस वे पर इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम लगाया जाएगा
द्वारका एक्सप्रेसवे NH48 के पास बने शिव मूर्ति से शुरू होगा और खेड़की दौला टोल प्लाजा पर जाकर समाप्त होगा। द्वारका एक्सप्रेसवे में 4 लेवल रोड नेटवर्क, फ्लाईओवर, टनल, अंडरपास, ग्रेड रोड और एलिवेटेड रोड शामिल किया गया है। इसके अलावा, एक्सप्रेस वे के दोनों ओर 3-3 लेन की सर्विस रोड बनाई जा रही है। द्वारका एक्सप्रेस वे को इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम से लैश किया गया है।

देश की सबसे चौड़ी सुरंग का निर्माण
द्वारका एक्सप्रेसवे पर 3.6 किमी लंबी और देश की सबसे चौड़ी 8-लेन सुरंग भी बनाई गई है। बता दें कि एक्सप्रेसवे का 23 किमी का हिस्सा एलिवेटेड होगा। इससे हरियाणा और पश्चिमी दिल्ली के बीच इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे तक आने में लोगों को सुविधा होगी। द्वारका एक्सप्रेसवे के गुरुग्राम सेक्शन पर 99.3 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है।

गुरुग्राम से दिल्ली आने में अब लगेगा कम समय
द्वारका एक्सप्रेसवे द्वारका के सेक्टर 25 में इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर को जोड़ेगा। यह हरसरू के पास पटौदी रोड (SH-26) और बसई के पास फरुखनगर (SH-15A) को क्रॉस करेगा और भरथल में गुरुग्राम सेक्टर-88 (B) और UER-2 के पास दिल्ली-रेवाड़ी रेल लाइन को भी जोड़ेगा। इसके अलावा गुरुग्राम सेक्टर 21 को सेक्टर 88, 83, 84, 99, 113 और द्वारका को ग्लोबल सिटी से भी जोड़ा जाएगा।

द्वारका एक्सप्रेसवे को पूरी तरह से आधुनिक बनाया जा रहा है। एक्सप्रेसवे पर पूरी तरह से स्वचालित टोलिंग प्रणाली लगाई गई है। एक्सप्रेसवे पर चलने वाले वाहन जीपीएस से जुड़े होंगे और वाहन एक्सप्रेसवे पर जितनी दूरी तय करेगी उसके अनुसार टोल टैक्स वाहन चालक के सीधे बैंक खाते से काट लिया जाएगा।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि द्वारका एक्सप्रेस वे के निर्माण में 2 लाख मीट्रिक टन स्टील का उपयोग किया जा रहा है, जो एफिल टॉवर में उपयोग किए गए स्टील से 30 गुना ज्यादा है। द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण में 20 लाख क्यूबिक मीटर कंक्रीट का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो बुर्ज खलीफा में इस्तेमाल हुए कंक्रीट से 6 गुना ज्यादा है। देश में पहली बार द्वारका एक्सप्रेसवे पर 12,000 पेड़ों को लगाया जाएगा।

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