बुल्लीबाई एप: नीरज बिश्नोई ने चैलेंज किया था कि गलत गिरफ्तारियां कर रहे हो

Bulli Bai App: पढ़ाई में अव्वल, लैपटॉप के इर्द-गिर्द थी दुनिया, जानिए कौन है बुल्ली बाई ऐप बनाने वाला नीरज बिश्नोई?

Curated by शेफाली श्रीवास्तव
बुल्ली बाई ऐप को असम के जोरहाट निवासी नीरज बिश्नोई ने बनाया है जो बीटेक सेकंड ईयर का छात्र है। पूछताछ में नीरज ने बताया कि वह कुछ पत्रकारों के राजनीतिक स्टैंड और रिपोर्ट से बेहद खफा था और उन्हें सबक सिखाना चाहता था।

हाइलाइट्स
विवादित बुल्ली बाई ऐप मामले में दिल्ली पुलिस ने मुख्य आरोपित को गिरफ्तार कर कई खुलासे किए हैं

बुल्ली बाई ऐप असम के जोरहाट निवासी नीरज बिश्नोई ने बनाया है जो बीटेक सेकंड ईयर का छात्र है
नीरज MP के इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ता था और पढ़ाई में अव्वल था लेकिन क्लास में नहीं आता था

जोरहाट/नई दिल्ली 06 जनवरी।विवादित बुल्ली बाई ऐप मामले में दिल्ली पुलिस ने मुख्य आरोपित को गिरफ्तार कर कई खुलासे किए हैं। इस ऐप को असम के जोरहाट निवासी नीरज बिश्नोई ने बनाया है जो बीटेक सेकंड ईयर का छात्र है। पूछताछ में नीरज ने बताया कि वह कुछ पत्रकारों के राजनीतिक स्टैंड और रिपोर्ट से बेहद खफा था और उन्हें सबक सिखाना चाहता था। भारतीय खासकर मुस्लिम महिलाओं की ऑनलाइन नीलामी वाली इस ऐप को लेकर नए साल से बवाल मचा हुआ है, आगे जानिए कौन है नीरज बिश्नोई और इस ऐप से जुड़ी जानकारी-

नीरज बिश्नोई कौन है?

इस मामले का मुख्य आरोपित नीरज मध्य प्रदेश के वेल्लोर इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी में कंप्यूटर साइंस से बीटेक सेकंड ईयर का छात्र है। असम के जोरहाट के दिगंबर चौक इलाके में अपने पैरंट्स और भाई-बहन के साथ रहता है। पिता दशरथ बिश्नोई दुकानदार हैं। नीरज अकेला बेटा है और सबसे छोटा है। उससे बड़ी उसकी दो बहनें हैं।

जब वह 10वीं में 86 फीसदी नंबर लाया था जो असम सरकार से उसे लैपटॉप मिला था। उसके बाद से वह लैपटॉप पर ही दिन बिताता है। वह पढ़ता था। आप जोरहाट में हमारे किसी भी पड़ोसी से पूछ सकते हैं। मेरे बेटे का रेकॉर्ड बहुत अच्छा रहा है।
नीरज बिश्नोई के पिता

दिल्ली पुलिस के अनुसार, असम के जोरहाट निवासी नीरज बिश्नोई ने इस ऐप को बनाया था। उसे इंटेलिजेंस फ्यूजन ऐंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) यूनिट ने गिरफ्तार किया। इस मामले में अन्य जिनकी गिरफ्तारी हुई है, वह सोशल मीडिया के जरिए इसका प्रचार कर रहे थे।
बुधवार को छापेमारी हुई और रात 11 बजे संदिग्ध को पकड़ा गया। पुलिस ने आरोपित का लैपटॉप, मोबाइल सीज कर लिया। आरोपित के पास से आपत्तिजनक साक्ष्य बरामद हुए।

‘दिन-रात लैपटॉप पर रहता था, मेरा बेटा निर्दोष है’

एक न्यूज वेबसाइट से नीरज के पिता दशरथ बिश्नोई ने कहा, ‘मेरा बेटा दिन रात लैपटॉप पर ही रहता था। मुझे आइडिया नहीं था कि क्या चल रहा है। मुझे सिर्फ इतना पता है कि उसने वह नहीं किया है जिसके लिए लोग उसे आरोपित ठहरा रहे हैं। जब वह 10वीं में 86% नंबर लाया था जो असम सरकार से उसे लैपटॉप मिला था। उसके बाद से वह लैपटॉप पर ही दिन बिताता है। वह पढ़ता था। आप जोरहाट में हमारे किसी भी पड़ोसी से पूछ सकते हैं। मेरे बेटे का रेकॉर्ड बहुत अच्छा रहा है।’

क्या है बुल्ली बाई ऐप?

बुल्ली बाई ऐप सैन फ्रांसिस्को बेस्ट ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म गिटहब पर अपलोड की गई थी। इसमें ऑनलाइन नीलामी के लिए मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें अपलोड की गईं। बुल्ली बाई ऐप लोगों को फंसाने और उनसे आर्थिक वसूली का जरिया था। इस ऐप के पीछे का आइडिया यह था कि भारतीय महिलाओं (खासकर मुस्लिम) को नीलामी के लिए रखकर बदले में पैसे कमाए जाएं। हालांकि अभी तक ऐसी कोई वास्तविक नीलामी घटना की सूचना नहीं मिली है।

बिश्नोई बीटेक पाठ्यक्रम में दूसरे वर्ष का छात्र है और अब तक उसने ऑनलाइन कक्षाएं ही ली हैं क्योंकि कोविड महामारी की वजह से ऑनलाइन कक्षाएं ही हो रही हैं।
पुलिस अधिकारी

साइबर क्रिमिनल अपराधी इंटरनेट से लोकप्रिय महिलाओं, सेलेब्स, प्रभावशाली लोगों, पत्रकार वगैरह की तस्वीरें लेकर ऐप में अपलोड कर रहे थे। ये ऑनलाइन स्कैमर्स सोशल मीडिया अकाउंट से इन महिलाओं की तस्वीरें चुराकर उन्हें प्लेटफॉर्म पर लिस्ट कर रहे थे। बुल्ली बाई ऐप के कई पोस्ट ट्विटर पर प्रसारित होने के तुरंत बाद, सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को ऐसे अपमानजनक पोस्ट को तत्काल प्रभाव से हटाने का निर्देश दिया।

कैसे हुआ मामले का खुलासा?

इस मामले में 1 जनवरी को एफआईआर दर्ज हुई जब एक महिला पत्रकार ने शिकायत की कि उसकी तस्वीर ट्विटर अकाउंट @bullibai_ और दूसरे अकाउंट पर अपलोड की गई। पुलिस ने जांच शुरू की और अकाउंट्स ट्विटर पर सस्पेंड कर दिए गए। गिटहब ने ऐप को हटाकर यूजर ब्लॉक कर दिए।
सर्ट-इन और आईएफएसओ यूनिट ने टेक-पेनेट्रेशन टेक्नीक का इस्तेमाल करते हुए तीन दर्जन आईपी एड्रेस का पता लगाया। शुरुआत में इन आईपी एड्रेस का लोकेशन जापान और यूएस में मिला। मल्टिपल मास्किंग से ट्रैकिंग में परेशानी आई। आखिरकरा पुलिस ने आईपी अनमास्किंग टेक्नीक का इस्तेमाल कर लोकेशन ट्रैक किया।

ट्विटर पर खुद ली जिम्मेदारी

जांच से यह खुलासा हुआ कि गिटहब पर अकाउंट नवंबर 2021 के महीने में खोला गया था। दिसंबर में ऐप को अपडेट किया गया था। ट्विटर अकाउंट 31 दिसंबर को बनाया गया था। मुंबई पुलिस साइबर सेल के डीसीपी के.पी.एस. मल्होत्रा के मुताबिक, आरोपित ने ऐप के बारे में ट्वीट करने के लिए @Sage0x1 नाम से एक और ट्विटर अकाउंट बनाया था। उसने @giyu44 के नाम से एक और ट्विटर अकाउंट बनाया था और मुंबई पुलिस की कार्रवाई पर ट्वीट किया था कि आपने गलत आदमी को गिरफ्तार कर लिया है, ‘स्लमबाई पुलिस’।

‘ब्रिलिएंट स्टूडेंट लेकिन क्लास अटेंड नहीं की’

नीरज बिश्नोई प्रतिभाशाली छात्र के तौर पर जाना जाता है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि वह कभी व्यक्तिगत रूप से इंजीनियरिंग कॉलेज वीआईटी भोपाल के सीहोर (मध्य प्रदेश) स्थित परिसर में क्लास लेने नहीं आया। यह परिसर भोपाल से करीब 100 किलोमीटर की दूरी पर है। सीहोर के अवर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) समीर यादव के अनुसार कॉलेज अधिकारियों के मुताबिक, बीटेक पाठ्यक्रम में दूसरे वर्ष का छात्र  विश्नोई ने ऑनलाइन कक्षाएं ही ली हैं क्योंकि कोविड महामारी की वजह से ऑनलाइन कक्षाएं ही हो रही हैं।

 

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