शाहीन बाग: बुलडोजर आने के पहले लोगों ने खुद ही हटा दिये अतिक्रमण

Shaheen Bagh Protest : अमानतुल्लाह या बुलडोजर? शाहीन बाग में तीन घंटे की फिल्म का हीरो कौन?

अतिक्रमण रोधी अभियान के लिए दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (SDMC) के अधिकारी बुलडोजर के साथ सोमवार को दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में पहुंचे थे। महिलाओं सहित सैकड़ों स्थानीय लोगों ने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया। तीन घंटे तक हाई वोल्टेज ड्रामा चला और एमसीडी को गिराने के लिए कोई ठोस ढांचा नहीं दिखा।

हाइलाइट्स
1-शाहीन बाग में विरोध के चलते नहीं चल पाया बुलडोजर
2- अस्थायी ढांचा गिराने की कोशिश, पर वह भी लोगों ने खुद ढहा दिया
3-अमानतुल्लाह का दावा, दो दिन पहले ही सारा अतिक्रमण हटवा दिया था

नई दिल्ली9मई: बॉलीवुड फिल्म आमतौर पर 3 घंटे की होती है। दिल्ली के शाहीन बाग में भी आज तीन घंटे की फिल्म बनी। जी हां,कैमरा था, सस्पेंस था, MCD के पास स्क्रिप्ट भी थी लेकिन नहीं था तो कोई ऐक्शन। ऐसा जैसे बिना किसी डायरेक्शन फिल्म बन रही हो। CAA-NRC के खिलाफ दिल्ली में जहां बड़ा आंदोलन चला था, वहां आज बुलडोजर नहीं चल पाया।  सुबह 10 बजते-बजते साफ हो गया कि MCD को पर्याप्त सुरक्षाकर्मी मिल जाएंगें। टीवी चैनलों पर सीधा प्रसारण शुरू हुआ। 11 बजने से पहले ही बुलडोजर की पहली तस्वीर फ्लैश हो गई। आजकल बुलडोजर का कद ही इतना बढ़ गया है कि जहां भी जाता है खलबली मचती है। शाहीन बाग में बुलडोजर पहुंचा तो सही लेकिन ‘पराक्रम’ नहीं दिखा पाया। लोगों की भीड़ जुटी, नारे लगे, गुस्सा फूटा, लोहे के रॉड लोगों ने खुद ही गिरा दिए जिसके लिए बुलडोजर मेहनत करने वाला था। बुलडोजर या कहिए एमसीडी की टीम कन्फ्यूजन में दिख रही थी। जहांगीरपुरी में तो बुलडोजर वाले को पता था कि करना क्या है। यहां सीन अलग था। विरोध और हंगामे में साफ ही नहीं हो रहा था कि अतिक्रमण कहां है और कब हटेगा?लग रहा था कि बुलडोजर अतिक्रमण ढूंढ रहा हो। इन सबके पीछे एक जन दहाड़ रहा था कि उसने सारे अतिक्रमण पहले ही हटवा दिए हैं। शाहीन बाग में अब कोई अतिक्रमण नहीं है। वह प्रदर्शनकारियों के साथ नारे लगाता तो दूसरी तरफ अधिकारियों से भी बात करता दिखता। बुलडोजर लौटा तो उस जगह तिरंगा लहराकर लोगों ने खुशी प्रदर्शित की। कुछ ऐसा भी कहने लगे कि आज बुलडोजर नहीं, अमनातुल्लाह खान हीरो रहे।

महिलाओं को हिरासत में लिया जाने लगा…

बुलडोजर को शाहीन बाग पहुंचे कुछ ही मिनट हुए थे कि ओखला के आम आदमी पार्टी विधायक अमानतुल्लाह खान दलबल के साथ पहुंच गए। तब तक कांग्रेस की एक महिला नेता और कुछ स्थानीय पार्षदों, नेताओं ने मोर्चा खोल रखा था। अमानतुल्लाह के आते ही प्रदर्शनकारियों को और ताकत मिल गई । AAP विधायक के आने से पहले प्रदर्शन पर अंकुश लगता दिखा था क्योंकि महिला और पुरुष प्रदर्शनकारियों को पुलिस हिरासत में लेना शुरू कर चुकी थी। लगा कि बस कुछ देर में बुलडोजर तोड़फोड़ शुरू कर देगा। लेकिन ऐसा हुआ नहीं।

और सीन में अमानतुल्लाह की एंट्री

सीएए-एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में महिलाओं की बड़ी भूमिका रही थी। आज बुलडोजर रोकने वे मैदान में थीं। ऐसे में प्रदर्शनकारियों को हटाने में लगे जवानों को भी अपने कदम पीछे खींचने पड़े। महिला जवानों को आगे कर बुलडोजर को हरी झंडी दी गई। इसी बीच, सीन में अमानतुल्लाह खान की एंट्री हुई। वही अमानतुल्लाह जिनको लेकर भाजपा और AAP में पहले काफी कुछ कहा और सुना जाता रहा है। वह आते ही भाजपा पर बरस पड़े। जोर-शोर से कहना शुरू कर दिया कि अब शाहीन बाग में कोई अवैध निर्माण नहीं हैै

शाहीन बाग में बुलडोजर पर हाई वोल्टेज ड्रामा और..खाया पिया कुछ नहीं, गिलास तोड़ा बारह आना…

सोमवार को शाहीन बाग में भारी पुलिस बल के साथ बुलडोजर लेकर अतिक्रमण हटाने पहुंची एमसीडी की टीम के साथ कुछ ऐसा ही हुआ। एमसीडी टीम के अतिक्रमण हटाओ अभियान पर हंगामा तो खूब बरपा, राजनीति भी हुई, लेकिन यह अभियान पूरी तरह से दिशाहीन दिखा। पुलिस टीमों ने मौके से विरोध कर रहे लोगों को हटाकर अभियान को रास्ता तो साफ किया, लेकिन इसके बाद ऐसा नजर आया जैसे एमसीडी की टीम तय ही नहीं कर पा रही है कि उसे अभियान शुरू करना कहां से है।

भारी विरोध के बाद…बुलडोजर आगे बढ़ा और फिर थम गया

बुलडोजर पुलिस बल के साथ आगे बढ़ा, लेकिन एक कॉम्प्लेक्स आगे थम गया। एमसीडी टीम की नजर कॉम्प्लेक्स के बाहर मरम्मत के लिए लगे शटरिंग पर पड़ी। इसके बाद अतिक्रमण के नाम पर टीम उसी पर टूट पड़ी। शटरिंग को नीचे गिरवा दिया गया।

सारे अभियान का यही रहा हासिल

सड़क पर गिरी यह शटरिंग सोमवार को शाहीन बाग में एमसीडी के बुलडोर अभियान का हासिल है। करीब तीन घंटे के अभियान में भारी पुलिस के साथ एमसीडी की टीम यह शटरिंग गिराकर लौट आई। इसमें हालांकि एमसीडी टीम को भारी विरोध का सामना करना पड़ा, लेकिन यह भी दिखा कि वह होमवर्क करके नहीं आई है।

बुलडोजर जाते ही लहराया तिरंगा

करीब तीन घंटे हंगामे के बाद दोपहर करीब एक बजे एमसीडी का बुलडोजर वापस लौट गया। इसके बाद दुकानदारों ने खुशी में बुलडोजर वाली जगह पर तिरंगा लहराया।

AAP-कांग्रेस नेता भी रहे विरोध प्रदर्शन में शामिल

शाहीन बाग में बुलडोजर के पहुंचने के बाद सुबह कांग्रेस के कार्यकर्ता उसे रोकने धरने पर पर बैठ गए। पुलिस ने कुछ देर बाद उन्हें वहां से हटाया। इसके बाद आम आदमी पार्टी विधायक अमानतुल्लाह खान भी पहुंच गए और अतिक्रमण हटाओ अभियान का विरोध करने लगे। हंगामा दोपहर एक बजे बुलडोजर की वापसी तक चलता रहा।

भीड़ इतनी कि थम गया था बुलडोजर

एमसीडी को अभियान 11 बजे से शुरू करना था, लेकिन मौके पर इतनी भीड़ जमा हो गई कि शुरू नहीं हो पाया। विरोध कर रहे लोग कह रहे थे कि वे अतिक्रमण हटा चुके । धीरे-धीरे राजनीति शुरू हो गई और आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के नेता दुकानदारों के साथ आ गए।

तीन घंटे बाद लौट गया बुलडोजर

पूरे ड्रामे का अंत दोपहर करीब एक बजे हुआ। बिना किसी तैयारी के पहुंची एमसीडी की टीम करीब 1 बजे अभियान पूरा किए बिना वापस लौट आई।

शटरिंग गिरा दिया गया

अतिक्रमण हटाओ अभियान में एमसीडी का बुलडोजर एक दुकान के पास पहुंचा। विरोध के बीच वहां से शटरिंग गिरा दिया गया।

दिखाइए अतिक्रमण कहां है?

अमानतुल्लाह खान ने दावा किया कि मैं तीन दिन पहले आया था। मैंने लोगों से कहा, लोगों ने अतिक्रमण को हटा लिया। दिखा दीजिए कि अतिक्रमण कहां है? अतिक्रमण है तो मैं खुद तुड़वा दूंगा। एक मस्जिद के आगे वजूखाना, दो टॉयलेट थे जेसीबी चलवाकर मैंने खुद तुड़वाया। जोनल ऑफिसर आए थे उन्होंने जो-जो बताया वो सब हटवा दिया गया।

जब लोग खुद गिराने लगे लोहे की रॉड

हंगामा बढ़ता रहा। कुछ देर में बुलडोजर ने जगह बदली। पोजीशन लेने की तैयारी थी तभी कहानी में नया पेच आ गया। दरअसल एक इमारत के आगे कुछ लोहे के रॉड से ढांचा खड़ा था। देखने से लगता था जैसे ढांचा पुताई या निर्माण कार्य को मिस्त्री ने ऊंचाई पर काम करने को बनाया है। बुलडोजर की हलचल देख लोग खुद उस लोहे के ढांचे पर चढ़ गए और उसे गिराने लगे। अधिकारियों में बातचीत भी हुई कि लोग खुद ढांचा गिरा रहे हैं तो बुलडोजर की जरूरत क्या है। एमसीडी की टीम ने कुछ बांस-बल्ली जरूर गिराई, जिसका मजाक भी बना।

लोहे की रॉड को लोगों ने खुद गिरा दिया।

ग्राउंड पर एमसीडी की टीम को आज ज्यादा कुछ अतिक्रमण नहीं दिख रहा था। ऐसे में उसे बल्ली-बांस या शटरिंग में ही उलझना पड़ा। बुलडोजर आया लेकिन बैक गेयर लगाकर लौट गया।

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