बसपाMLC महमूद अली, एसडीएम समेत 12 पर 750 बीघे जमीन हड़पने का मुकदमा

बसपा विधान पार्षद महमूद अली

उत्तर प्रदेश: बसपा एमएलसी और तत्कालीन एसडीएम सहित 12 लोगों पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज

सहारनपुर में बसपा एमएलसी और तत्कालीन एसडीएम समेत 12 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ है। यह मामला रजिस्ट्रार कानूनगो दिनेश कुमार की ओर से दर्ज कराया गया है।

सहारनपुर में बेहट तहसील के तीन गांवों की 750 बीघा भूमि आवंटित पट्टों का कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर बैनामा कराने के मामले में बसपा एमएलसी (विधान परिषद का सदस्य) महमूद अली, पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल का पुत्र जावेद, तत्कालीन एसडीएम सहित 12 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में बेहट कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।

यह रिपोर्ट रजिस्ट्रार कानूनगो दिनेश कुमार की ओर से दर्ज कराई गई है। आरोप है कि कूटरचना कर भूमि की श्रेणी परिवर्तन करने और उसका पट्टा आवंटित कर भूमि अब्दुल वहीद एजुकेशनल एवं चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा खरीदी गई।

गत नौ सितंबर को अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) की न्यायालय ने इस भूमि के 115 पट्टों का आवंटन निरस्त किया था और बेहट तहसील प्रशासन को भूमि पर कब्जा लेने का आदेश दिया था। इस आदेश के खिलाफ अब्दुल वहीद एजुकेशनल एवं चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से राजस्व परिषद से स्थगन आदेश लिया गया था।

750 बीघा भूमि पर कब्जा लेने को शुरू हुई पैमाइश

बेहट के मिर्जापुर क्षेत्र में ग्लोकल यूनिवर्सिटी के पास भूमि की पैमाइश के दौरान टीम को दिशा निर्देश देते अधिकारी

बसपा के पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल के अब्दुल वहीद एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के कब्जे से भूमि को मुक्त कराने के लिए पैमाइश शुरू हो गई है। बेहट तहसील के गांव शेरपुर पेलो, रोशनपुर पेलो और अली अकबरपुर की करीब 750 बीघा भूमि के नियम विरुद्ध पट्टे आवंटित कराए गए थे, जिसकी काफी जमीन इस ट्रस्ट के कब्जे में है। उसी को खाली कराने और अपना कब्जा लेने को तहसील प्रशासन की तीन टीमों ने पैमाइश कराई और झंडी लगाना शुरू कर दिया है।

गत, 8 सितंबर को ही अपर जिला मजिस्ट्रेट (वित्त एवं राजस्व) के न्यायालय ने 115 लोगों के नाम आवंटित करीब 750 बीघा भूमि के पट्टे निरस्त किए थे, जो नियम विरुद्ध हुए थे। अपर जिला मजिस्ट्रेट ने आदेश दिया था कि उक्त जमीन पर राजस्व विभाग का कब्जा लिया जाए। इस कार्य के लिए राजस्व विभाग और पुलिस की तीन संयुक्त टीमें गठित की गईं। बृहस्पतिवार को तहसील प्रशासन ने भूमि पर कब्जे के लिए पैमाइश शुरू कर दी है।

एसडीएम बेहट दीप्ति देव यादव, तहसीलदार अमित कुमार सिंह व सीओ रामकरण सिंह की मौजूदगी में टीमों ने मिर्जापुर पोल स्थित ग्लोकल यूनिवर्सिटी की बाउंड्री के अंदर व बाहर खाली भूमि से पैमाइश शुरू कराई। एसडीएम ने बताया कि यह भूमि अब्दुल वहीद एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के पास है, जिसकी पैमाइश कराकर भूमि को चिन्हित कराकर झंडी लगाई जा रही है। भूमि पर कब्जा लेकर संबंधित गांवों के ग्राम प्रधान के नाम सुपुर्दगीनामा दिया गया है। कुछ भूमि पर ट्रस्ट की तरफ से निर्माण भी हो सकता है, जिसके लिए अग्रिम आदेश पर कार्रवाई की जाएगी।

आवंटन ग्रामीणों के नाम, कब्जा ट्रस्ट का

बेहट तहसील के तीनों गांवों की करीब 750 बीघा भूमि के पट्टे 115 लोगों के नाम हुए थे। इनमें अधिकांश अनुसूचित जाति से संबंधित हैं। यह भूमि सार्वजनिक उपयोग की थी, जिसमें रास्ता, झाड़ियां आदि की जमीन थी। बावजूद इसके इस भूमि का बड़ा हिस्सा अब्दुल वहीद एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के कब्जे में आ गया। सवाल यह उठता है कि जब भूमि के पट्टे 115 लोगों के नाम हुए थे तो, ट्रस्ट ने इस भूमि पर कब्जा कैसे कर लिया क्योंकि पट्टों के आवंटन में नियम शर्त होती है, जो आसामी पट्टे के रूप में ही दी जा सकती है। उसका भी समय निर्धारित होता है और समय समाप्त होने पर पट्टा स्वत: निरस्त हो जाता है। बावजूद इसके ट्रस्ट ने इस पर कब्जा किया और कई निर्माण तक कर डाले।

राजस्व परिषद से कार्रवाई पर रोक लगने का दावा

अब्दुल वहीद एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की तरफ से इस मामले में राजस्व परिषद में वाद डाला गया। ट्रस्ट के पदाधिकारियों का कहना है कि राजस्व परिषद की सदस्य (न्यायिक) भावना श्रीवास्तव ने पत्रावली पर सुनवाई कर आदेश दिया कि मामले में प्रतिपक्षी को सुनवाई के लिए रजिस्टर्ड सम्मन भेजना चाहिए। समन्न की पैरवी एक सप्ताह में सुनिश्चित की जाए। आगामी नियत तिथि 29 नवंबर सुनवाई की रखी है, तब तक अपर जिला मजिस्ट्रेट के न्यायालय द्वारा पारित आदेश का क्रियान्वयन स्थगित किया जाता है। इसके अलावा ट्रस्ट की तरफ से मामले में हाईकोर्ट में भी याचिका दायर करने की बात कही गई है

750 बीघा जमीन को लेकर हाईकोर्ट ने दिया प्रशासन को अवमानना नोटिस, मांगा जवाब

115 दलितों के नाम आवंटित 750 बीघा भूमि जो अब्दुल वहीद एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वामित्व में है। इस पर सरकारी कब्जा लेने के प्रशासनिक आदेश जारी किए गए थे। इसे लेकर अब्दुल वहीद एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा पहले ही राजस्व परिषद न्यायालय में प्रतिवाद दायर किया गया था। इसके बाद भी मामले को एडीएम कोर्ट में चलाया गया। हाईकोर्ट ने इसे राजस्व परिषद की अवहेलना मानते हुए नोटिस भेजकर आठ सप्ताह में प्रशासन को जवाब देने के लिए कहा है। हाईकोर्ट ने एडीएम वित्त, एसडीएम बेहट तथा तहसीलदार बेहट को इसमें पार्टी बनाया है।

दरअसल आठ सितंबर 2021 को अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व रजनीश मिश्र की कोर्ट ने 115 दलितों के नाम आवंटित 750 बीघा भूमि जो अब अब्दुल वहीद एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट (ग्लोकल यूनिवर्सिटी) के पास है। इससे दलितों के नाम खारिज करने तथा इस जमीन पर सरकारी कब्जा लेने का आदेश दिया था। बेहट तहसील के गांव शेरपुर पेलो व अली अकबरपुर और रोशनपुर पेलो में सार्वजनिक उपयोग की लगभग 50 हेक्टेयर (करीब 750 बीघा) इस भूमि पर 1976 में अनुसूचित जाति के 115 लोगों के नाम पर पट्टे काटे गए थे। इस मामले में तत्कालीन एसडीएम बेहट से जांच कराने के बाद उस रिपोर्ट पर तत्कालीन जिलाधिकारी ने 19 मई 2018 को मुकदमा कायम कर सुनवाई के लिए अपर जिलाधिकारी के कोर्ट में उसे स्थानान्तरित कर दिया था। ट्रस्ट पर गलत तरीके से जमीन खरीदने का आरोप लगाया था। ट्रस्ट के अनुसार यह मामला पहले से राजस्व परिषद में विचाराधीन था। ट्रस्ट ने मामले को हाईकोर्ट इलाहाबाद में प्रस्तुत किया। हाईकोर्ट ने सहारनपुर जिला प्रशासन द्वारा ट्रस्ट की जमीन पर जब्तीकरण की कार्रवाई को तत्काल प्रभाव से रोकने के आदेश दिए। साथ ही अवमानना नोटिस देकर आठ सप्ताह में अपना जवाब देने के लिए भी निर्देशित किया है।

— इन्होंने कहा

हाईकोर्ट के आदेशों का पालन किया जाएगा। इस संबंध में प्रशासन अपना पूरा पक्ष हाईकोर्ट के सम्मुख रखेगा।

रजनीश कुमार मिश्रा, एडीएम एफ

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