अर्नव की जमानत पर फैसला सुरक्षित,लोअर कोर्ट में अर्जी की इजाजत

अर्नब अभी जेल में ही रहेंगे:हाईकोर्ट ने जमानत पर फैसला रिजर्व रखा, कहा- चाहें तो लोअर कोर्ट में पिटीशन लगा सकते हैं
मुंबई 08 नवंबर।रिपब्लिक TV के एडिटर अर्नब गोस्वामी को मुंबई के इंटीरियर डिजाइनर और उनकी मां को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में बुधवार को गिरफ्तार किया गया था।

रिपब्लिक ग्रुप के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी को अभी जेल में ही रहना पड़ेगा। बॉम्बे हाईकोर्ट में अर्नब की जमानत अर्जी पर शनिवार को 6 घंटे सुनवाई हुई। कोर्ट ने फैसला रिजर्व रख लिया।

कोर्ट ने फैसला सुनाने के लिए कोई तारीख भी नहीं दी, सिर्फ इतना कहा कि जल्द फैसला सुनाएंगे। साथ ही अर्नब को छूट दी कि वे चाहें तो लोअर कोर्ट में पिटीशन फाइल कर सकते हैं। हाईकोर्ट ने लोअर कोर्ट को निर्देश दिए कि अर्नब पिटीशन लगाएं तो 4 दिन में फैसला दे दिया जाए।

अर्नब का दावा- पुलिस ने जूते से मारा
इससे पहले अर्नब के वकील ने हाईकोर्ट में सप्लीमेंट्री एप्लिकेशन लगाई। इसमें अर्नब ने दावा किया है कि पुलिस ने उन्हें जूते से मारा। पानी तक नहीं पीने दिया। अर्नब ने अपने हाथ में 6 इंच गहरा घाव होने, रीढ़ की हड्डी और नस में चोट होने का दावा भी किया है। उनका कहना है कि पुलिस ने गिरफ्तारी के वक्त जूते पहनने तक का समय नहीं दिया।

अर्नब पर मां-बेटे को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप
अर्नब को मुंबई के इंटीरियर डिजाइनर अन्वय और उनकी मां को कथित तौर पर आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में बुधवार को गिरफ्तार किया गया था। वे 18 नवंबर तक ज्यूडिशियल कस्टडी में हैं। कोरोना के खतरे को देखते हुए जमानत अर्जी पर फैसले से पहले उन्हें जेल नहीं भेजा गया। पिछली 3 रातों में उन्हें अलीबाग के एक स्कूल में बने कोविड सेंटर में रखा गया था।

कंगना ने कहा- ये लड़ाई सिर्फ अर्नब की या मेरी नहीं, पूरे देश की है
मुंबई की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से करने और उद्धव ठाकरे को नेपोटिज्म का खराब प्रोडक्ट बताने वाली कंगना रनोट ने 2 मिनट का वीडियो ट्विटर पर शेयर कर कहा, “ये लड़ाई सिर्फ अर्नब की या मेरी नहीं है, यह लड़ाई सभ्यता की है, भारतवर्ष की है।”
विशेषाधिकार हनन मामले में अर्नब की गिरफ्तारी पर रोक
इससे पहले शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने विशेषाधिकार हनन मामले में अर्नब की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। महाराष्ट्र के CM उद्धव ठाकरे की आलोचना करने की वजह से अर्नब के खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस जारी किया गया था। विधानसभा सचिव ने अर्नब काे चिट्ठी भी लिखी थी। उन्होंने विशेषाधिकार हनन का नाेटिस काेर्ट काे नहीं बताने की चेतावनी दी थी। इस चिट्ठी के सिलसिले में चीफ जस्टिस एसए बोबडे की बेंच ने महाराष्ट्र विधानसभा सचिव को नोटिस जारी किया है।

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