अर्नव को जमानत से हाको का इंकार, कोश्यारी को सुरक्षा की चिंता

अर्नब अभी जेल में रहेंगे:अर्नब गोस्वामी को हाईकोर्ट से जमानत नहीं; उनकी सुरक्षा पर गवर्नर ने गृह मंत्री से बात की
मुंबई 09 नवंबर । अर्नब पर एक डिजायनर को सुसाइड के लिए मजबूर करने का आरोप है।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने रिपब्लिक TV के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी को जमानत देने से इनकार कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि लोअर कोर्ट में अर्जी लगाएं। बॉम्बे हाईकोर्ट की डिले टैक्टिस को लेकर उत्तराखंड के वरिष्ठ पत्रकार अरूण प्रताप सिंह ने आश्चर्यजनक रूप से पूर्वानुमान बता दिया था जो एकदम सही साबित हुआ। डिजाइनर और उनकी मां को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में मुंबई पुलिस ने 4 नवंबर को अर्नब को गिरफ्तार किया था।

अर्नब की सिक्योरिटी पर राज्यपाल ने गृह मंत्री से बात की
महाराष्ट्र राजभवन की तरफ से सोमवार को बयान आया कि अर्नब के मामले में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने गृह मंत्री अनिल देशमुख से बात की है। राज्यपाल ने अर्नब की सिक्योरिटी और हेल्थ को लेकर चिंता जताई। साथ ही गृह मंत्री से कहा है कि अर्नब के परिवार को उनसे मिलने और बात करने की छूट दी जाए।

पुलिस ने कहा-अर्नब ने ज्यूडिशियल कस्टडी में भी फोन यूज किया

रायगढ़ डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने अर्नब को 18 नवंबर तक ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया था। इसके बाद उन्हें शनिवार रात तक अलीबाग के एक स्कूल में बने क्वारैंटाइन सेंटर (अस्थाई जेल) में रखा गया। रविवार सुबह तलोजा जेल में शिफ्ट कर दिए गए। पुलिस ने कहा था कि ज्यूडिशियल कस्टडी होने के बावजूद अर्नब मोबाइल फोन यूज कर रहे थे और सोशल मीडिया पर एक्टिव थे।

अर्नब का दावा- पुलिस टॉर्चर कर रही

अर्नब ने तलोजा जेल जाते वक्त कहा था कि उनकी जान को खतरा बताया। उन्हें वकील से बात नहीं करने दी जा रही। हिरासत में उन्हें टॉर्चर किया जा रहा है। इससे पहले शनिवार को अर्नब के वकील ने हाईकोर्ट में सप्लीमेंट्री एप्लिकेशन लगाई थी। इसमें अर्नब ने दावा किया था कि पुलिस ने उन्हें जूते से मारा और पानी तक नहीं पीने दिया।

अर्नब पर आरोप- मां-बेटे को आत्महत्या को मजबूर किया

मुंबई में इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उनकी मां कुमुदिनी ने मई 2018 में आत्महत्या कर ली थी। सुसाइड नोट में अर्नब समेत 3 लोगों पर आरोप लगाए थे। सुसाइड नोट के मुताबिक अर्नब और दूसरे आरोपियों ने नाइक को अलग-अलग प्रोजेक्ट के लिए डिजाइनर रखा था, लेकिन करीब 5.40 करोड़ रुपए का पेमेंट नहीं किया। इससे अन्वय की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई और उन्होंने सुसाइड कर लिया। नाइक ने रिपब्लिक टीवी का स्टूडियो तैयार किया था

सेशंस कोर्ट ने मुंबई पुलिस को अर्णब से प्रतिदिन 3 घंटे पूछताछ की दी इजाजत,जमानत याचिका पर सुनवाई कल

अन्वय नाइक,अर्णव गोस्वामी

अलीबाग सेशन कोर्ट में रायगढ़ पुलिस ने अन्वय आत्महत्या मामले में याचिका डाली है, जिसमें कल (नवंबर 10, 2020) अर्णब गोस्वामी को न्यायिक हिरासत देने के मजिस्ट्रेट के आदेश को संशोधित करने की माँग की गई है। इसके साथ ही कोर्ट ने अर्णब की जमानत याचिका पर पुलिस को नोटिस जारी किया है और जमानत याचिका पर भी कल सुनवाई होगी।

सोमवार (नवंबर 9, 2020) शाम अलीबाग स्थित सेशंस कोर्ट ने अन्वय नाइक आत्महत्या मामले में पुलिस टीम को रिपब्लिक टीवी एडिटर-इन-चीफ अर्णब गोस्वामी से तीन घंटे तक पूछताछ करने की अनुमति दे दी। अलीबाग पुलिस तलोजा जेल में जाकर अर्णब गोस्वामी से पूछताछ कर सकती है। अलीबाग पुलिस ने अलीबाग सेशंस कोर्ट में अलीबाग मजिस्ट्रेट कोर्ट के सामने अर्णब गोस्वामी को न्यायिक हिरासत भेजे जाने के ऑर्डर को चुनौती दी थी।

अदालत ने सीजेएम के खिलाफ स्थानीय अपराध शाखा द्वारा एक संशोधन आवेदन पर सुनवाई करते हुए आदेश पारित किया, अलीबाग के पुलिस हिरासत को खारिज कर दिया और इसके बजाय अर्णब को न्यायिक हिरासत देने का आदेश दिया।

बता दें कि इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’ के संस्थापक और प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले में ऐसा दावा नहीं पेश किया गया, जिससे पीठ को असाधारण जुरिडिक्शन देना पड़े। हालाँकि, बॉम्बे हाईकोर्ट ने ये भी कहा कि नियमित जमानत के अन्य विकल्प अभी भी है और उसके लिए प्रयास किया जा सकता है। इसके लिए अर्णब गोस्वामी को सेशन कोर्ट जाना पड़ेगा।

रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर-इन-चीफ अर्णब गोस्वामी की गिरफ्तारी से नाराज देश भर के तमाम लोग उनके समर्थन में सामने आ रहे हैं। सोशल मीडिया और प्रदर्शनों के माध्यम से लोग उनकी जल्द रिहाई की माँग कर रहे हैं। गोस्वामी को रविवार (नवंबर 8, 2020) सुबह अलीबाग क्वारंटाइन सेंटर से तलोजा जेल ले जाया गया। इस दौरान उन्होंने खुलासा किया कि उनकी जान को खतरा है और पुलिस द्वारा उनको प्रताड़ित किया जा रहा है।

रिपब्लिक टीवी के कंसल्टिंग एडिटर प्रदीप भंडारी ने ट्वीट कर बताया कि उन्होंने इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और अर्णब गोस्वामी को सुरक्षा प्रदान करने को लेकर स्वत: संज्ञान लेने का अनुरोध किया है।

गौरतलब है कि रायगढ़ पुलिस ने रविवार को रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी को न्यायिक रिमांड जारी रखने के लिए तलोजा जेल शिफ्ट कर दिया गया। अर्णब की शिफ्टिंग का कारण देते हुए पुलिस ने दावा किया कि अर्णब गोस्वामी अलीबाग के क्वारंटाइन सेंटर के अंदर मोबाइल फोन इस्तेमाल कर रहे थे। नियमों के अनुसार, वह अनुमति के बिना न्यायिक हिरासत में रहते हुए मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं कर सकते है।

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