बदायूं: मुस्लिम-लिब्बी उतरे हत्यारों साजिद-जावेद की हिमायत में

‘मुझे यकीन नहीं है कि मुस्लिम ने मारा’: बदायूँ में हिंदू बच्चों को कसाई की तरह रेत दिया, सोशल मीडिया में इस्लामी-लिबरल बता रहे ‘विवाद-मनगढ़ंत कहानी’

मुस्लिम हत्यारे को लेकर लगातार प्रलाप हो रहा है (चित्र साभार: Indian Express)

उत्तर प्रदेश के बदायूँ में कल शाम (19 मार्च, 2024) को साजिद ने दो हिन्दू बच्चों आयुष और हनी की उनके ही घर में गला रेत कर हत्या कर दी। आरोपित साजिद का एनकाउंटर हो गया है। इस घटना में जावेद नाम का आरोपित भी संलिप्त बताया जा रहा है। हालाँकि, अब इन हत्यारों के बचाव में भी इस्लामी कट्टरपंथी उतर आए हैं।

इस्लामी कट्टरपंथी और लिबरल इस मामले में जहाँ यह सिद्ध करने में जुटे हैं कि साजिद-जावेद और मृतक बच्चों के परिवार के बीच पुराना विवाद था। इसके जरिए वह इस हत्या को एक आपसी विवाद का रंग देना चाह रहे हैं। कुछ कट्टरपंथियों को यह चिंता है कि साजिद और जावेद की दुकान पर बदायूँ की आम जनता ने गुस्सा क्यों निकाला।

लगातार ट्विटर पर घृणा फैलाने और खुद को पीस पार्टी का प्रवक्ता बताने वाला शादाब चौहान इस बात से अधिक चिंतित दिखा कि साजिद और जावेद की दुकान पर जनता ने गुस्सा निकाला। शादाब ने इस बात पर जोर दिया कि जावेद और साजिद के खिलाफ गुस्सा ना दिखाया जाए।

उसने यह नैरेटिव भी बढ़ाने की कोशिश की कि दोनों परिवारों में विवाद था इसीलिए हत्या हुई और फिर घर जलाया गया। हालाँकि, यह स्पष्ट है कि आरोपितों का घर नहीं जला बल्कि जहाँ वह सैलून चलाते थे वहाँ तोड़फोड़ हुई है। शादाब ने एक आरोपित साजिद के एनकाउंटर को भी गलत ठहराया।

वहीं एक और बाबू खान नाम के अकाउंट ने इस पर जोर दिया कि अमीर हत्या करके बचते हैं और बच्चों की गला रेत कर हत्या करने वाला गरीब मुस्लिम हैं। बाबू खान ने हत्या के प्रति संवेदनशीलता की बजाय इस मामले में हिन्दू मुस्लिम एंगल देखा और बताया कि हत्यारे मुस्लिम हैं इसीलिए उनका एनकाउंटर हुआ है।

एक और अबरार हसन ने इस बात में मुस्लिम हत्यारों की बजाय मॉब लिंचिंग जैसे मुद्दों का प्रलाप किया।

एक और व्यक्ति ने बता डाला कि यह ‘संघ’ की साजिश है। उसने बताया कि बच्चों की उस्तरा से गला रेतने की हत्या पहले बनाई हुई कहानी है। उसने इसे चुनाव से भी जोड़ दिया।

उसने इस बात पर विश्वास करने से भी मना कर दिया कि हत्यारे मुस्लिम हैं।

समाचार चैनल आजतक की इस सम्बन्ध में चलाई गई खबर के कमेन्ट सेक्शन में कई मुस्लिम इसे झूठी खबर बताने लगे। उन्होंने इस बात जोर दिया कि आरोपित मुस्लिम है इसलिए एनकाउंटर हुआ है।

अभी इस मामले में पुलिस की जाँच चल रही है और जावेद की तलाश हो रही है। बच्चों का पोस्टमार्टम अभी किया जाना बाकी है। बदायूँ में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए बड़ी संख्या में फ़ोर्स तैनात किया गया है।

जिससे बीवी की डिलिवरी के लिए ₹5000 लिए, उसके ही बच्चों को काट डाला: पीड़ित माँ ने बताया- भाभी चाय पिला दो कहते हुए घर में घुसा था साजिद

बदायूँ में बच्चों की हत्या के बाद माँ का रो रोकर बुरा हाल (फोटो साभार: दैनिक जागरण और अमर उजाला)

उत्तर प्रदेश के बदायूँ में दो सगे भाइयों की निर्मम हत्या करने वाले साजिद का यूपी पुलिस ने एनकाउंटर कर डाला। साजिद ने मंगलवार (19 मार्च 2024) को बाबा कॉलोनी निवासी विनोद ठाकुर के दो बेटों- आयुष (13) और अहान (6) का घर में घुसकर गला रेता था। वहीं तीसरा बच्चा पीयूष उसके वार से बाल-बाल बचा था।

हत्या के दौरान साजिद पर इतनी हैवानियत सवार थी कि कुछ रिपोर्ट बता रही हैं कि हत्या के बाद साजिद के न केवल हाथ खून से सने थे बल्कि उसके मुँह पर भी खून लगा हुआ था जैसे उसने गला रेत उसे पिया हो। स्थानीयों ने इस घटना के बाद साजिद की हेयर सैलून की दुकान में रखे सामान को गुस्से में आग के हवाले कर दिया। वहीं घरवालों का अब भी रो-रोकर बुरा हाल है।

साजिद कैसे घुसा घर में, क्या बोला, क्या किया?
पूरा मामला 19 मार्च 2024 का है। यूपी के बदायूँ में सिविल लाइंस कोतवाली क्षेत्र में बाबा कॉलोनी में रहने वाले ठेकेदार विनोद ठाकुर के तीनों बच्चे अपने घर पर थे। शाम को 6:30 बजे उनके यहाँ घर के पास ही एक हेयर सैलून चलाने वाले साजिद और जावेद आए। विनोद ठाकुर की पत्नी संगीता ने गेट खोला तो उन्होंने उनसे क्लैचर माँगा और उसके बाद वो 5000 रुपए माँगने लगे।

अमर उजाला पर मौजूद वीडियो में संगीता (पीड़ित माँ) बताती हैं कि साजिद ने उनसे कहा कि उसकी बीवी की डिलीवरी होने वाली है, डॉक्टर ने समय दिया है, पाँच बच्चे पहले ही खत्म हो चुके हैं, उसे पैसों की सख्त जरूरत है। इसके बाद संगीता ने अपने पति विनोद ठाकुर को फोन किया और सारी बात बताई। विनोद ने भी कहा कि वो साजिद को पैसे दे दें क्योंकि मुश्किल समय सबपर आता है मदद करनी चाहिए। इसके बाद संगीता ने साजिद को 5000 रुपए दे दिए।
पैसे लेकर साजिद ने बच्चों की माँ से चाय बनाने को कहा। वह बोला- “भाभी चाय बनाओ मैं अभी ऊपर से आ रहा हूँ।” संगीता को लगा कि शायद बीवी अस्पताल में है इसलिए उसे बेचैनी होगी। संगीता ने उसे छत पर जाने दिया। इसके बाद साजिद ने बच्चों को छत पर बुलाया। यहाँ उसने बड़े वाले लड़के को अपने पास रोककर छोटे वाले से कहा कि वो पानी ले आए और बीच वाले से कहा वो गुटका ले आए।

सबके इधर-उधर पर ही साजिद ने आयुष और अहान का गला रेता। वहीं पीयूष ने जब छत पर जाकर देकर देखा तो वो चाकू लेकर उसके पीछे भी भागा लेकिन पीयूष किसी तरह बचकर चिल्लाते हुए नीचे आ गया। उसकी आवाज सुन माँ-दादी दोनों घबरा गए। उन्होंने ऊपर जाकर देखा तो सबके हाथ-पाँव फूल गए।

साजिद खून से सने हाथ लेकर उनके सामने खड़ा था और जावेद उसका नीचे इंतजार कर रहा था। माँ-दादी ने बच्चों का शव देख चिल्लाना शुरू किया तो पड़ोसी इकट्ठा हुए। उन्होंने संगीता और पीयूष किसी तरह बाहर खींचा और भीड़ जमाकर होकर मंडी समिति पुलिस चौकी गई। इस दौरान वहाँ आसपास के खोखों और कुर्सियों में तोड़फोड़ हुई।

पुलिस ने 3 घंटे में किया मुख्य आरोपित का एनकाउंटर
मामले की गंभीरता देखते हुए एसएसपी, डीएम घटनास्थल पर पहुँचे। उन्होंने आयुष और आहान के शव को निकाला। लोगों ने उन्हें बताया कि आरोपित खून से सने हाथ लेकर भागा है। इतनी जानकारी होते ही पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर ली और मात्र घटना के तीन घंटे बाद ही खबर आई कि पुलिस ने मुख्य आरोपित साजिद को एनकाउंटर में मार दिया है। ये एनकाउंट शेखूपुर जंगल के पास हुआ।

दरअसल, पहले साजिद ने पुलिस पर गोली चलाने का प्रयास किया था। इसके बाद जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने उसे ढेर किया। मुठभेड़ में इंस्पेक्टर गौरव विश्नोई भी घायल हैं। उनका इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया है।

बता दें कि बच्चों की हत्या के बाद पीड़ित माँ-बाप का रो रोकर बुरा हाल है। जब उन्हें पता चला कि पुलिस ने साजिद को मार गिराया है तो उन्होंने माँग की कि उन्हें साजिश के शव को दिखाया जाए वरना वो वहीं पर आत्मदाह कर लेंगे। माता-पिता की स्थिति को देखते हुए पुलिस ने उन्हें साजिद का शव दिखाने का आश्वासन दिया। वहीं ये भी कहा है कि मामले में जो साजिद द्वारा खून पीने की बात आ रही है, वो जाँच का विषय है, वो लोग उस पर जाँच कर रहे हैं। दूसरा आरोपित जावेद फरार है। पुलिस उसे ढूँढने की कोशिशों में लगी है।

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