ज्ञानवापी एएसआई सर्वे पूरा,15 दिन में रिपोर्ट कोर्ट को

Uttar Pradesh Varanasi Gyanvapi Survey Completed Asi Team Returns Study Report To Be Submitted In Varanasi Court On November 17
उप्र:ज्ञानवापी में 79 दिनों तक चले सर्वे का समापन, 15 दिन में सामने आ जाएगी रिपोर्ट
ज्ञानवापी परिसर की स्टडी के लिए आई एएसआई की टीम वापस चली गई है। एएसआई को ज्ञानवापी परिसर के वैज्ञानिक सर्वे का कार्य सौंपा गया था। वाराणसी कोर्ट के आदेश पर सर्वे का कार्य पूरा करने के बाद अब फाइनल स्टडी रिपोर्ट कोर्ट में जमा करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए 17 नवंबर की तारीख तय है।
मुख्य बिंदु
एएसआई की टीम ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण करने के बाद वापस लौटी
79 दिनों तक चला सर्वेक्षण का कार्य, अब स्टडी रिपोर्ट किया जा रहा तैयार
कोर्ट ने स्टडी रिपोर्ट जमा करने के लिए दिया है 15 दिनों का अतिरिक्त समय
21 जुलाई को वाराणसी कोर्ट ने ज्ञानवापी एएसआई सर्वे का दिया था आदेश
वाराणसी 04 नवंबर: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने ज्ञानवापी मस्जिद का जिला कोर्ट के आदेश के तहत वैज्ञानिक सर्वेक्षण का कार्य पूरा कर लिया है। इस सर्वे में यह पता लगाया जाना है कि क्या यह मस्जिद एक हिंदू मंदिर के ऊपर स्थित है? एएसआई सर्वे टीम गुरुवार को 79 दिनों तक ज्ञानवापी परिसर के सर्वेक्षण के बाद रवाना हो गई। इस सर्वेक्षण का रिजल्ट यानी स्टडी रिपोर्ट 17 नवंबर को जिला कोर्ट में पेश किया जाना है। एएसआई की टीम ने स्टडी रिपोर्ट तैयार करने के लिए 15 दिनों का अतिरिक्त समय मांगा था। एएसआई को पहले स्टडी रिपोर्ट जमा करने के लिए 3 नवंबर की तिथि दी गई थी। वाराणसी डीएमएस राजलिंगम ने शुक्रवार को बताया कि एएसआई अधिकारी अपने सभी उपकरणों के साथ चले गए हैं।

केंद्र सरकार के वकील अमित श्रीवास्तव ने कहा कि जैसे ही टीम गुरुवार को काम खत्म कर रही थी, जिला कोर्ट ने एएसआई के रिपोर्ट जमा करने के लिए 15 दिनों के अतिरिक्त समय दिए जाने के अनुरोध को स्वीकार कर लिया।

वकील ने कहा कि कोर्ट ने पाया कि सर्वेक्षण के दौरान एकत्र की गई तस्वीरों, अन्य डेटा और तथ्यों का विश्लेषण पूरा करने को एएसआई को समय देना विवेकपूर्ण होगा। एएसआई सर्वेक्षण की मांग को लेकर 16 मई को याचिका दायर करने वाली चार महिला वादी के वकील विष्णु जैन ने इस कदम का स्वागत किया। विष्णु जैन ने कहा कि 17 नवंबर एक ऐतिहासिक दिन होगा, जब एएसआई अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। याचिकाकर्ताओं की ओर से ज्ञानवापी परिसर में श्रृंगार गौरी और अन्य देवताओं की पूजा करने के अधिकार की मांग की जा रही है।

वाराणसी कोर्ट का 21 जुलाई को आया था आदेश

ज्ञानवापी परिसर में विवादित वजूखाने को छोड़कर पूरे मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण के लिए वाराणसी जिला कोर्ट की ओर से 21 जुलाई को आदेश आया था। कोर्ट ने वैज्ञानिक सर्वेक्षण का आदेश दिया था। एएसआई की टीम ने 24 जुलाई को वाराणसी पहुंचकर सर्वेक्षण का कार्य शुरू किया। जिला कोर्ट के आदेश को अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमिटी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे के कार्य पर रोक लगाते हुए इस मामले की सुनवाई का आदेश हाई कोर्ट को दिया। हाई कोर्ट ने 3 अगस्त को मसाजिद कमिटी की याचिका को खारिज करते हुए सर्वे पर लगाई गई रोक को हटा दिया। इसके बाद एएआई ने 4 अगस्त से दोबारा सर्वेक्षण का कार्य शुरू किया।

4 अगस्त को जमा की जानी थी रिपोर्ट

वाराणसी कोर्ट ने 21 जुलाई को जारी अपने आदेश में एएसआई को सर्वे का शीघ्र पूरा कर 4 अगस्त को रिपोर्ट जमा करने को कहा था। मामला कोर्ट में अटकने के कारण एएसआई के अनुरोध पर रिपोर्ट जमा किए जाने की तारीख आग बढ़ती रही। वकील विष्णु शंकर जैन कहते हैं कि एएसआई ने अपना सर्वेक्षण कार्य पेशेवर ढंग से पूरा कर लिया है। हमें उम्मीद है कि रिपोर्ट मई 2022 में ज्ञानवापी मस्जिद के अदालत के आदेश पर हुए एडवोकेट कमिश्नर की अगुआई वाले सर्वेक्षण से अधिक तथ्य लाएगी।

ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी केस में 2022 में पहली बार जिला कोर्ट ने एडवोकेट कमिश्नर की अगुआई में सर्वेक्षण का कार्य कराने का आदेश दिया था। सर्वेक्षण के दौरान ज्ञानवापी परिसर के वजूखाने में एक शिवलिंग की तरह की आकृति मिली। हिंदू वादी की ओर से दावा किया गया कि यह शिवलिंग है। वहीं, अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद इसे तालाब में लगा फव्वारा बताती रही है।

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