अडानी पोर्ट को अमरीकी सरकारी एजेंसी से 55 करोड़ डॉलर

Gautam Adani Gets Big Boost From Us Group Stock Could Go Up
गौतम अडानी को अमेरिकी सरकार से मिला टॉनिक,अब रॉकेट बनेंगे ग्रुप के शेयर!
गौतम अडानी को अमेरिका से बड़ी फंडिंग मिलने को है। यह पहली बार है जब अमेरिकी सरकार की कोई एजेंसी अडानी ग्रुप को फंड दे रही है। इससे एक तीर से कई निशाने सधेंगें।

मुख्य बिंदु
अडानी के प्रोजेक्ट को फंड देगी अमेरिका की सरकारी एजेंसी
कोलंबो पोर्ट में डीप वॉटर कंटेनर टर्मिनल बना रहा अडानी ग्रुप
यह पहला मौका है जब अमेरिकी एजेंसी अडानी ग्रुप को फंड देगी

Gautam Adani

गौतम अडानी (फाइल फोटो)

नई दिल्ली 08 नवंबर: हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) की एक रिपोर्ट के कारण मुश्किल में फंसे दिग्गज कारोबारी गौतम अडानी (Gautam Adani) के लिए गुड न्यूज है। अमेरिकी सरकार का इंटरनेशनल डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (DFC) उन्हें 55करोड 30 लाख डॉलर फंड दे रहा है। यह फंड श्रीलंका में एक प्रोजेक्ट के लिए है। अडानी ग्रुप श्रीलंका के कोलंबो पोर्ट में डीप वॉटर कंटेनर टर्मिनल बना रहा है। इस डील के अडानी ग्रुप को बूस्ट मिल सकता है। इससे अडानी ग्रुप को लेकर निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा जो हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के कारण कम हो गया था। इस रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर अकाउंटिंग में धोखाधड़ी, स्टॉक की कीमतों के साथ छेड़छाड़ और कॉरपोरेट गवर्नेंस से जुड़ी गड़बड़ियों का आरोप लगाया गया था। हालांकि अडानी ग्रुप ने इन आरोपों का खंडन किया था लेकिन इस कारण ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई है।

वेस्ट टर्मिनल कंटेनर में अडानी पोर्ट एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन लिमिटेड की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है। यह कंपनी भारत की सबसे बड़ी प्राइवेट पोर्ट ऑपरेटर है। यह पहला मौका है जब अमेरिका की सरकार अडानी ग्रुप के किसी प्रोजेक्ट को अपनी किसी एजेंसी से फंड दे रही है। सुबह सवा दस बजे अडानी पोर्ट का शेयर 1.26 प्रतिशत तेजी के साथ 807.25 रुपये पर ट्रेड कर रहा था। कोलंबो पोर्ट हिंद महासागर में सबसे बड़ा और व्यस्त ट्रांसशिपमेंट पोर्ट है। इससे अमेरिका को इस क्षेत्र में चीन के बढ़ते दबदबे को भी कम करने में मदद मिलेगी। चीन ने श्रीलंका की इकॉनमी में भारी निवेश किया है। इसमें कोलंबो और हंबनतोता पोर्ट और कोलंबो पोर्ट सिटी प्रोजेक्ट भी शामिल हैं।

हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट

अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने 24 जनवरी को अडानी ग्रुप के बारे में एक रिपोर्ट जारी की थी। इसमें अडानी ग्रुप पर कई तरह के आरोप लगाए गए थे। अडानी ग्रुप ने इन आरोपों का खंडन किया है लेकिन इस कारण उसके शेयरों में भारी गिरावट आई है। ग्रुप के मार्केट कैप में 150 अरब डॉलर से ज्यादा गिरावट आई है। ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी की नेटवर्थ में भी भारी कमी आई है और इससे दुनिया के अमीरों की लिस्ट में टॉप 20 से बाहर हो गए हैं। एक समय अडानी इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर पहुंच गए थे। ब्लूमबर्ग बिलिनेयर इंडेक्स के मुताबिक अडानी दुनिया के अमीरों की लिस्ट में 21वें नंबर पर हैं। उनकी नेटवर्थ 60.3 अरब डॉलर रह गई है जबकि इस साल उन्होंने 60.2 अरब डॉलर नेटवर्थ गंवाई है।

अमेरिका के लिए क्या होगा फायदा

जानकारों का कहना है कि अमेरिकी सरकार की फंडिंग अडानी ग्रुप के लिए बूस्टर का काम करेगी। डीएफसी अमेरिका के सरकार की एक डेवलपमेंट फाइनेंस एजेंसी है जिसे ट्रंप सरकार का कार्यकाल में शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य अमेरिका की विदेश नीति के लक्ष्यों के साधने के साथ विकासशील देशों को मदद देना है। हालांकि कोरोना महामारी में इसे संघर्ष करना पड़ा लेकिन हाल के वर्षों में इससे अमेरिका को काफी मदद मिली है। खासकर चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव को काउंटर करने में यह काफी हद तक सफल रहा है। चीन ने श्रीलंका में 2.2 अरब डॉलर का निवेश किया है। अमेरिका के अधिकारियों का कहना है कि यह चीन की डेट ट्रैप डिप्लोमैसी का हिस्सा है।

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