फरार हाजी इकबाल से मज़दूर नसीम बना 3 मिलों का निदेशक और जमींदार

खनन माफिया इकबाल पर कसा शिकंजा, करीबी सहयोगी तीन चीनी मिल और करोडों की बेनामी संपत्ति का मालिक नसीम गिरफ्तार

सहारनपुर 24 अप्रैल। सहारनपुर के बहुचर्चित खनन माफिया पूर्व विधान पार्षद हाजी इकबाल पर पुलिस ने और शिकंजा कस दिया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर ने आज बताया कि इकबाल के खिलाफ थाना बेहट और थाना मिर्जापुर में दो मुकदमें दर्ज है। पहला मुकदमा बेहट थाने में 80 बीघा जमीन का गलत आबंटन  और दूसरा थाना मिर्जापुर में गैगस्टर एक्ट का है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर ने कहा कि हाजी इकबाल  वांछित और भागा हुआ अभियुक्त है उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की कई टीमें लगाई गई है। बेहट सर्किल में अवैध खनन पर प्रभावी कार्रवाई को पुलिस अधीक्षक देहात अतुल शर्मा के नेतृत्व में एसआईटी गठित  है।

थाना मिर्जापुर पुलिस ने इकबाल के सहयोगी और तीन चीनी मिलों समेत करोड़ों  रुपए की बेनामी संपत्ति के मालिक नसीम (पुत्र अब्दुल गफ्फार) को आज गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। नसीम यूं तो मजदूर है। लेकिन वह लखीमपुर खीरी, सीतापुर और गोरखपुर की तीन चीनी मिलों मेें डायरेक्टर है। उसके दोनो बेटे भी मजदूरी ही करते है। नसीम के नाम गोल्डन एग्रीकल्चर लिमिटेड के नाम से गांव शफीपुर, शाहपुर गाढा और फतेहपुर टांडा में 600 बीघा जमीन है। नसीम के नाम 87 बीघा जमीन और बाग और उसके बेेटे नदीम के नाम 35 बीघा जमीन है। पुलिस क्षेत्राधिकारी बेहट मोहम्मद रिजवान के मुताबिक यह सभी संपत्ति हाजी इकबाल की है जो उसने नसीम के नाम कराई हुई है।

पुलिस ने पिछले दिनों इकबाल के सहयोगी पूर्व ब्लाक प्रमुख राव लईक को गैंगस्टर एक्ट में गिरफ्तार कर जेल भेजा था। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर ने बताया कि बेहट थाने में दर्ज 80 बीघा जमीन आवंटन के मामले में चार राजस्व अधिकारी भी शामिल थे। दो मर चुके है। दो को जेल भेजा गया है। इसमें भी हाजी इकबाल वांछित है। कई केंद्रीय एजेेंसियां हाजी इकबाल की बेनामी संपत्तियों की जांच कर रही है। पिछले दो दशक सेे हाजी इकबाल पुलिस-प्रशासन के निशाने पर है लेकिन कभी भी वह गिरफ्तार नहीं किया गया है।

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