मारा गया आसिफ भी निर्दोष तो नहीं ही है, इतिहास है आपराधिक

‘कपड़े बदलती स्कूली लड़कियों का वीडियो, निकिता तोमर मर्डर कनेक्शन’: आसिफ की ‘मॉब लॉन्चिंग’ पर स्थानीय लोगों का खुलासा

हरियाणा के नूँह में आसिफ की हत्या पर सोशल मीडिया में चलाया जा रहा है ट्रेंड (फोटो साभार: इंडिया टुडे)

नूँह जिला स्थित खेड़ा खलीलपुर गाँव के आसिफ नाम के व्यक्ति की रविवार (मई 16, 2021) को कुछ लोगों ने हत्या कर दी। इसे मेवात के कुछ लोगों व इस्लामी कट्टरवादियों ने सोशल मीडिया पर ‘हिंदुओं द्वारा मॉब लिंचिंग’ के तौर पर प्रचारित करके सांप्रदायिक रूप देने का प्रयास किया गया। इन पोस्ट्स व ट्वीट्स में आसिफ को बिल्कुल निर्दोष और सीधा-सादा बताया गया है। लेकिन, स्थानीय मीडिया व लोगों की मानें तो इस घटना के कुछ और पहलू भी हैं।

स्थानीय लोगों के अनुसार (वीडियो में यह आरोप साफ सुन सकते हैं), आसिफ करीब 10 साल पहले अपने ही गाँव में एक स्कूल के कार्यक्रम में लड़कियों के कपड़े बदलते हुए वीडियो बनाने के आरोप में पकड़ा गया था। तब ग्रामीणों ने आपस में सुलह करा दिया था। लेकिन, तभी से ही आसिफ और लड़की के परिजनों के बीच कटुता का भाव पैदा हो गया था और आए दिन झगड़े होते थे। 2010 में सोहना के अभयपुर गाँव में हुई हत्या की एक वारदात में भी आसिफ का नाम आया था।

आसिफ (30 साल) के पिता का नाम ज़ाकिर है और वो रोजका नेव थाना क्षेत्र के खेड़ा सलीलपुर का निवासी है। उसके खिलाफ सदर थाना सोहना में अगस्त 2018 में मुकदमा (संख्या 275) दर्ज किया गया था, जिसमें IPC की धारा 342 (किसी व्यक्ति को गलत तरीके से प्रतिबंधित करना), 379b (छीना-झपटी) और सशस्त्र अधिनियम के तहत मामले दर्ज किए गए थे। साथ ही मार्च 2020 में 8 धाराओं में नूँह थाने में मामला (मुकदमा संख्या 96) दर्ज किया गया था।

एक स्थानीय व्यक्ति ने आसिफ की मौत को लेकर बनाया वीडियो

ABVP के दिल्ली विश्वविद्यालय यूनिट के अध्यक्ष सत्येंद्र अवाना के अनुसार, फरीदाबाद में निकिता तोमर की जिन बदमाशों ने ‘लव जिहाद’ प्रकरण में हत्या की थी, वो भी आसिफ की गैंग के सदस्य थे।उन्होंने बताया कि आसिफ लूटपाट करता था, जिसका केस आज भी उत्तर प्रदेश पुलिस में चल रहा है और वो डेढ़ साल की जेल भी काट के आया था। जबकि सोशल मीडिया पर हिन्दू आतंकवाद और मॉब लिंचिंग वाला नैरेटिव फैलाते हुए ऐसा दिखाया जा रहा है जैसे ‘जय श्रीराम’ न बोलने पर युवक की हत्या की गई है।

स्थानीय लोगों की मानें तो आसिफ की हत्या के मुख्य आरोपित पटवारी को आसिफ व उसके साथियों ने 2-3 महीने पहले घेरकर पीटा था व जान से मारने का प्रयास किया था। पटवारी उस समय अपनी जान बचाकर बड़ी मुश्किल से किसी तरह भाग गया था, जो कि इस घटना की मुख्य वजह मानी जा रही है। इस घटना के होने के बाद प्रतिक्रिया स्वरूप मुस्लिम समुदाय के असामाजिक तत्वों द्वारा संतलाल सरपंच खेड़ा खलीलपुर की जिम में लूटपाट करके तोड़फोड़ की गई व आग भी लगाई गई।

तब नूँह में बाईपास पर जाम लगाया गया था और पुलिस के द्वारा जाम हटाने पर पुलिस पर पत्थरबाजी की गई थी, जिसका वीडियो अब भी लोगों के पास है। पुन्हाना विधानसभा के विधायक इलियास खान व उसके बेटे जावेद ने भी इस तरह का कार्टून ट्विटर व फेसबुक पर पोस्ट किया है, जिससे ‘हिन्दू आतंकवाद’ वाली कथित थ्योरी को आगे बढ़ाया जा सके। आरोप है कि मृतक के परिजनों ने कई निर्दोष युवाओं को भी आरोपित बनाया है।

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