भाजपा पर भ्रष्टाचार के दाग, कांग्रेस के पांच वायदे बने कर्नाटक में परिवर्तन का आधार

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Karnataka Chunav Parinam: इन दो तस्वीरों से समझिए 2018 और 2023 के कर्नाटक चुनाव का फर्क, ऐसे कांग्रेस बन गई किंग
कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को साफ बहुमत मिला है। राज्य में बहुमत का जादुई आंकड़ा 113 है। वहीं कांग्रेस 136 सीटों पर कब्जा करती दिख रही है। इससे पहले 2018 के चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी।

हाइलाइट्स
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत
कांग्रेस के वोट शेयर में 2018 के मुकाबले 5 प्रतिशत का इजाफा
2018 के चुनाव में कांग्रेस को 38 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिले थे
भाजपा ने 2018 के विधानसभा चुनाव में 104 सीटें जीती थीं

बेंगलुरु13 मई: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे (Karnataka Chunav Natije) देश की सबसे बड़ी पुरानी पार्टी के लिए नई उम्मीद बनकर आए हैं। दक्षिण भारत का द्वार कहे जाने वाले इस राज्य में कांग्रेस (Congress wins Karnataka) बहुमत के आंकड़े को पार कर चुकी है। दक्षिण के दुर्ग में इस जीत (Karnataka Chunav ke taja natije) के मायने भी बड़े हैं। जहां डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) जीत के बाद भावुक होकर रो पड़े, वहीं राहुल गांधी (Rahul Gandhi on Karnataka Election) जब मीडिया से मुखातिब हुए तो बार-बार नमस्कार किया। आखिर 2018 की तस्वीर को कांग्रेस ने कैसे पलट दिया? 2023 के चुनाव में ऐसा क्या हुआ कि कांग्रेस को 50 से ज्यादा सीटों की बढ़त मिल रही है। इसके लिए दो तस्वीरों को समझना होगा।

2018 के मुकाबले कांग्रेस को 56 सीटें ज्यादा

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती चल रही है। चुनाव आयोग से मिले अपडेट के मुताबिक कांग्रेस 82 सीटों पर जीत चुकी है और 54 पर आगे चल रही है। यानी उसका आंकड़ा 136 पहुंच गया है। वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 43 सीटों पर जीत चुकी है और 21 पर आगे चल रही है। यानी उसका आंकड़ा 64 पर है। जनता दल सेक्युलर 14 सीटों पर जीत चुकी है और 6 पर आगे चल रही है। यानी जेडीएस को 20 सीटें मिलती दिख रही हैं। नीचे के ग्राफ को देखें तो कांग्रेस को 43 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिल रहे हैं। वहीं भाजपा को 35 प्रतिशत से ज्यादा वोट हासिल हो रहे हैं। जेडीएस को 13.3 प्रतिशत वोट ही मिल पाया है

 

कांग्रेस के वोट शेयर में 5 प्रतिशत के उछाल से पलटा खेल

इस तस्वीर की तुलना अगर 2018 के विधानसभा चुनाव से करें तो आपको इस बार के कर्नाटक चुनाव का फर्क समझ आ जाएगा। कांग्रेस को 80 सीटों के मुकाबले इस बार 56 सीटें ज्यादा मिलती नजर आ रही हैं। वहीं वोट शेयर की बात करें तो उसमें भी कांग्रेस के वोट शेयर में पांच प्रतिशत का स्विंग है। दूसरी ओर भाजपा का वोट शेयर तकरीबन 2018 के मुकाबले है। पिछले चुनाव में भाजपा को 36.35 प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि इस बार उसका वोट शेयर 35.7 प्रतिशत है। कांग्रेस और भाजपा में पांच प्रतिशत के फासले ने सीटों के अंतर को डबल कर दिया है। वहीं जेडीएस की बात करें तो उसे 2018 में 18.3 प्रतिशत वोट और 37 सीटें मिली थीं। वहीं इस बार जेडीएस के आंकड़े में सीधे पांच प्रतिशत की गिरावट है। सीटों के मामले में यह फासला 17 सीटों का हो गया है। 2018 के मुकाबले इस बार वह करीब आधी सीटें यानी 20 पर सिमटती दिख रही है।

हम छाप नहीं छोड़ पाए: बोम्मई

चुनाव रुझानों में भाजपा की स्पष्ट हार नजर आने के बाद मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि इस चुनाव में बीजेपी अपनी छाप छोड़ने में विफल रही है। बोम्मई ने कहा, ‘प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) और पार्टी कार्यकर्ताओं सहित सभी के काफी प्रयासों के बावजूद हम अपनी छाप नहीं छोड़ पाए हैं। परिणाम आने के बाद हम विस्तृत विश्लेषण करेंगे। हम इन नतीजों को गंभीरता से लेंगे और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी को पुनर्गठित करने की कोशिश करेंगे।’

जनता ने पांच गारंटी के पक्ष में किया वोट: खरगे

उधर, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में पार्टी के अच्छे प्रदर्शन को ‘जनता जनार्दन’ की जीत करार देते हुए कहा कि लोगों ने भारतीय जनता पार्टी के खराब प्रशासन और कांग्रेस की पांच गारंटी के पक्ष में वोट किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सभी नवनिर्वाचित विधायकों से आज शाम तक बेंगलुरु पहुंचने के लिए कहा गया है, ताकि सरकार की गठन की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा सके।

खरगे ने बेंगलुरु में संवाददाताओं से कहा, ‘हमने सभी (नवनिर्वाचित विधायकों) को संदेश भेजा है कि वो आज शाम तक यहां पहुंचें। वे शाम तक यहां आएंगे। इसके बाद आलाकमान पर्यवेक्षक भेजेगा और फिर सरकार गठन की प्रक्रिया होगी।’

 

राहुल 2024 में देश के प्रधानमंत्री बनेंगे: सिद्धारमैया

इस बीच, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा कि कर्नाटक चुनाव का यह परिणाम 2024 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि राहुल गांधी 2024 में देश के प्रधानमंत्री बनेंगे। उधर, कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डीके शिवकुमार विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत सुनिश्चित नजर आने के बाद शनिवार को भावुक हो गए और प्रदेश का नेतृत्व करने के लिए उनमें विश्वास जताने के लिए गांधी परिवार का आभार जताया।

शिवकुमार की आंखों में आ गए आंसू

शिवकुमार कांग्रेस के प्रदर्शन के बारे में बात कर रहे थे, तो उनकी आंखों से आंसू निकल आए। शिवकुमार ने कहा कि उन्होंने पार्टी आलाकमान को बताया था कि वह कर्नाटक में पार्टी की जीत सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने भावुक होते हुए कहा, ‘मैं पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं को इस जीत का श्रेय देता हूं। लोगों ने हममें विश्वास जताया और नेताओं ने हमारा समर्थन किया। यह सामूहिक नेतृत्व है और हमने मिलकर काम किया।’

शिवकुमार ने कहा, ‘मैंने सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से कहा था कि हम कर्नाटक जीतकर देंगे। मैं भूल नहीं सकता कि जब भाजपा ने मुझे जेल में डाला था तो सोनिया गांधी मुझसे मिलने आई थीं। गांधी परिवार, कांग्रेस और पूरे देश ने यह विश्वास में मुझमें जताया था।’

धनबल और बाहुबल के खिलाफ मतदान: चिदंबरम

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा कि कर्नाटक की जनता ने भाजपा के धनबल और बाहुबल के खिलाफ मतदान किया है। चुनाव रुझानों के आने के बाद पार्टी नेता पवन खेड़ा ने दिल्ली में कहा, ‘हम भारी बहुमत से सत्ता में आएंगे। यह भाजपा के लिए एक संदेश है। कृपया उन मुद्दों पर टिके रहें, जो भारत के रोजमर्रा के जीवन से जुड़े हैं और भारत को विभाजित करने की कोशिश न करें।’

चुनाव में संभावित जीत के मद्देनजर पार्टी प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने राहुल गांधी के नेतृत्व में कन्याकुमारी से कश्मीर तक निकाली गई यात्रा का जिक्र करते हुए कहा, ‘भारत जोड़ो यात्रा ने बहुत अंतर पैदा किया है। भारत जोड़ो यात्रा में लगभग 3,000 किलोमीटर की दूरी तय की गई थी।

जगदीश शेट्टार हुबली धारवाड़ सेंट्रल से बुरी तरह हारे

विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर हुबली-धारवाड़ सेंट्रल सीट से बुरी तरह हार गए हैं। वहीं, भाजपा छोड़कर चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हुए राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी अथानी सीट से जीत गए हैं। भाजपा महासचिव सीटी रवि चिकमंगलूर सीट से पीछे चल रहे हैं।

इस बार के विधानसभा चुनावों में रिकॉर्ड 73.19 प्रतिशत मतदान हुआ था। राज्य के 36 केंद्रों पर सुबह आठ बजे मतगणना शुरू हुई।

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