जी 20 पर INDIA कन्फ्यूज, थरुर गद्गद्, शामिल होने पर अधीर ने कोसी ममता

BHARAT के G20 शेरपा के मुरीद हुए कांग्रेस नेता शशि थरूर, बोले- अगर आप IAS न चुनते तो बेहतरीन राजनयिक बनते
Shashi Tharoor on G-20 Summit शशि थरूर ने जी20 समिट में जारी किए गए दिल्ली घोषणापत्र पर आम सहमति बनाने के लिए भारतीय शेरपा की जमकर तारीफ की। अमिताभ कांत की सराहना करते हुए थरूर ने कहा कि यह खास उपलब्धि है और भारत के लिए एक गर्व का क्षण है। थरूर ने कहा कि आपके आईएएस का विकल्प चुनने के चलते आईएफएस ने एक शीर्ष राजनयिक खो दिया।
Shashi Tharoor on G-20 Summit शशि थरूर ने की अमिताभ कांत की तारीफ।

Shashi Tharoor on G-20 Summit कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने जी20 समिट में जारी किए गए ‘दिल्ली घोषणापत्र’ पर आम सहमति बनाने के लिए भारत के जी20 शेरपा अमिताभ कांत की जमकर सराहना की। थरूर ने कहा कि यह खास उपलब्धि है और जी20 में भारत के लिए एक गर्व का क्षण है।

अमिताभ कांत की कूटनीति की तारीफ
दरअसल, एक साक्षात्कार में कांत की टिप्पणियों को टैग करते हुए कि थरूर (Shashi Tharoor on G-20 Summit) ने रूस-यूक्रेन को लेकर जी20 देशों में आम सहमति बनाने पर उनकी तारीफ की। थरूर ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा,

बहुत बढ़िया अमिताभ, ऐसा लगता है कि आपके आईएएस का विकल्प चुनने के चलते आईएफएस (इंडियन फॉरेन सर्विस) ने एक शीर्ष राजनयिक खो दिया।

दरअसल, थरूर जी20 समिट के दिल्ली घोषणापत्र की बात कर रहे हैं, जिसमें भारत ने रूस का जिक्र किए बिना यूक्रेन युद्ध की बात की। भारत ने रूस से अपनी दोस्ती को भी कायम रखा और एक आम सहमति भी बनाई। इसको लेकर थरूर ने कांत की कूटनीति की तारीफ की।

200 घंटे की नॉन-स्टॉप वार्ता से बनी सहमति
इससे पहले कांत ने बताया था कि इस शिखर सम्मेलन के जी20 घोषणा पर आम सहमति बनाने के लिए भारतीय राजनयिकों की एक टीम को 200 घंटे से अधिक की लगातार बातचीत करनी पड़ी।

संयुक्त सचिव ईनम गंभीर और के नागराज नायडू सहित राजनयिकों की टीम ने 300 द्विपक्षीय बैठकें कीं और विवादास्पद यूक्रेन संघर्ष पर अपने समकक्षों के साथ 15 मसौदे तैयारी किए, ताकि जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन के पहले दिन ही सहमति बन सके।

कांत ने कहा, “संपूर्ण जी20 का सबसे जटिल हिस्सा रूस-यूक्रेन पर आम सहमति बनाना था। यह 200 घंटे की नॉन-स्टॉप वार्ता, 300 द्विपक्षीय बैठकों और 15 मसौदों पर किया गया था।” कांत ने कहा कि नायडू और गंभीर के प्रयासों से उन्हें काफी मदद मिली।

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