जागरण के पत्रकार की रंजिश में गोलीमार कर हत्या

ArariaGround Report Bihar Dainik Jagran Journalist Bimal Kumar Yadav Shot Dead In Araria Raniganj
Ground Report: दरवाजे पर पुलिस और अंदर में खून के धब्बे, बिहार पत्रकार मर्डर केस की आंखोंदेखी
अररिया जिले के रानीगंज में शुक्रवार की सुबह बेखौफ अपराधियों ने एक दैनिक अखबार के रिपोर्टर विमल कुमार यादव की गोली मार कर हत्या कर दी। सुबह-सुबह उनके घर का दरवाजा खटखटाया और आवाज देकर बाहर बुलाया। जैसे ही ही विमल घर का दरवाजा खोल कर बाहर निकले, बदमाशों ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी। रानीगंज थाना क्षेत्र बेलसरा के हीरो शोरूम के पीछे की घटना है।
मुख्य बिंदु
बिहार के अररिया में दैनिक अखबार के रिपोर्टर की हत्या
अररिया जिले के रानीगंज में घर से बुलाकर पत्रकार को मारी गोली
पत्रकार विमल कुमार यादव दैनिक जागरण अखबार के पत्रकार थे
दरवाजा खोल कर बाहर निकलते ही कर दी गोलियों की बौछार

अररिया। रानीगंज के ब्लॉक पत्रकार रहे विमल कुमार यादव के घर पहुंचे तो पहले ही तीन पुलिसवाले मौजूद थे। जिसमें दो कॉन्सटेबल और एक एएसआई थे। माइक आईडी और कैमरा देखकर समझ गए कि कोई पत्रकार आए हैं। जमीन के आगेवाला हिस्सा ऐसे ही परती है, हालांकि उसकी घेराबंदी कर एक टेम्पररी गेट लगा दिया गया है ताकि कोई जानवर अंदर नहीं आ सके। थोड़ा आगे बढ़ने पर एक और गेट है। बांस में एस्बेस्टस लगाकर इसे बनाया गया है। मगर ये भी टेम्पररी ही है। अंदर घुसने पर विमल कुमार यादव की कार खड़ी थी, उस पर प्रेस का स्टीकर भी लगा हुआ है। यहीं पर बगल में चौकी पर कुछ बर्तन भी दिखे।

ऐसा लग रहा था कि गर्मी की वजह से पूरा परिवार रात खाना इसी चौकी पर खाया था और किचन का बर्तन जस का तस पड़ा हुआ था। इसी के बगल से एक रास्ता उनके घर की ओर जाता है। जिसमें पति-पत्नी और दो बच्चों का परिवार रहता था। लोहे के दरवाजे पर ताला लगा हुआ था। दरवाजे के बाहर एक प्लास्टिक की चेयर और एक चौकी रखी हुई थी। यहां पर कई जगहों पर खून के निशान बिखरे पड़े थे। जिससे पता चलता है कि दो दरवाजों को पारकर हत्यारे सीधे घर के मेन गेट तक पहुंचे थे। दरवाजा खोलते ही तड़ातड़ फायरिंग शुरू कर दी और एक गोली सीने में दाग दी।

पप्पू पत्रकार के तौर पर जानते थे लोग

पप्पू पत्रकार या पप्पू यादव। विमल कुमार यादव को कॉलोनी के लोग इसी नाम से जानते-पहचानते थे। 18 अगस्त से पहले शायद ही उन्हें कोई रानीगंज से बाहर जानता-पहचानता था। मगर, नहीं जानने और नहीं पहचानने से किसी दुनिया थोड़े ही रूक जाती है। विमल की भी अपनी दुनिया थी। दैनिक जागरण के पत्रकार थे तो स्थानीय स्तर पर अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और आमलोगों से मिलना-जुलना था। ये किसी भी न्यूजमैन के जीवन का हिस्सा होता है, बिना इसके काम ही नहीं चलता है। ये पेशागत सच्चाई है।

खैर, 17 अगस्त की रात सबकुछ ठीकठाक था। पत्नी पूजा और बेटा-बेटी खाना खाकर सोए। 18 अगस्त की अहले सुबह दो मोटरसाइकिल पर चार लोग आए। सुबह-सुबह पप्पू भैया, पप्पू भैया का आवाज लगाने लगे। ऐसा लगा कि कोई जान-पहचान वाला दरवाजे पर आया है। आमतौर पर पत्रकार किसी से मिलने-जुलन में हिचकते नहीं है। विमल भी बेड से उठे और गेट का दरवाजा खोल दिए। दरवाजा खोलते ही सीने पर गोलियों की बरसात कर दी गई। जब तक उनकी पत्नी पूजा कुछ समझ पातीं, तब तक अपराधी अपना काम कर चुके थे।

रानीगंज में 7-8 साल से रह रहे थे विमल

रानीगंज के इस मुहल्ले में विमल कुमार यादव पिछले 7-8 साल से रह रहे थे। अररिया जिला मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर दूर रानीगंज ब्लॉक है। यही पर रहकर विमल कुमार यादव दैनिक जागरण अखबार के लिए पत्रकारिता करते थे। वो दैनिक जागरण में स्थानीय रानीगंज से ब्लॉक रिपोर्टर थे। आमतौर पर ऐसे रिपोर्टर, मीडिया की चकाचौंध से दूर रहते हैं। मगर लोकल में उनकी हनक जरूर होती है। विमल कुमार यादव भी कुछ ऐसे ही थे।

मगर, अपराधियों ने उनकी हत्या क्यों की, ये अपने आप में बड़ा सवाल है। वैसे, विमल कुमार यादव अररिया जिले के मधेपुरा बॉर्डर से सटे बेलसरा गांव के रहने वाले थे। उनके छोटे भाई सरपंच गब्बू यादव की 2019 में हत्या कर दी गई थी। उस केस में विमल मुख्य गवाह थे। गवाही नहीं देने की एक-दो बार धमकी भी मिली थी। इस मामले में गांव के ही कुछ लोग आरोपी हैं।

पूजा रे… पूजा रे… हमको गोली मार दिया

विमल की पत्नी पूजा देवी ने एनबीटी ऑनलाइन को बताया कि ‘सुबह में घर का दरवाजा पीटकर मेरे पति का नाम लेकर कुछ लोग आवाज दे रहे थे। हम दोनों ही उठे और घर का दरवाजा खोलने निकले। मैंने घर का ग्रिल खोला और मेरे पति विमल मेन गेट खोलने निकल गए। इसके बाद गोली चलने की आवाज आई। फिर मेरे पति की आवाज आई कि पूजा रे… पूजा रे… हमको गोली मार दिया। जब मैं वहां पहुंची तो देखा कि वो गिरे पड़े हैं और सीने से खून निकल रहा है।जेड

पत्रकार विमल यादव के घर से बाहर निकलने पर मोहम्मद पप्पू मिले। उन्होंने बताया कि सुबह-सुबह करीब पांच बजे बताया कि पप्पू पत्रकार को गोली मार दी गई। पूछने पर पता चला कि दो मोटरसाइकिल पर चार बदमाश आए थे। आवाज कि दिया पप्पू भाई-पप्पू भाई, फिर उन्होंने गेट खोला और गेट पर ही गोली मार दी। हम लोग उनको हॉस्पिटल लेकर गए, वहां पर उनकी मृत्यु हो गई। वैसे, उनका नाम विमल कुमार यादव था लेकिन हमलोग पप्पू पत्रकार नाम से जानते थे।

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