चार बार के MLA,दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष रहे अरविंदर लवली दोबारा क्यों आये भाजपा में?

BJP में शामिल हुए अरविंदर सिंह लवली, दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष के पद से दिया था त्यागपत्र 
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद अरविंदर सिंह लवली को लेकर अटकलों का दौर शुरू हो गया था कि उनका अगला कदम क्या होगा, लेकिन आज इन कयासों पर विराम लग गया है. दरअसल, अरविंदर सिंह लवली आज भाजपा में शामिल हो गए हैं।
नई दिल्ली,04 मई 2024,दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद अरविंदर सिंह लवली को लेकर अटकलों  शुरू हो गयी थी कि उनका अगला कदम क्या होगा, लेकिन आज इन अटकलों पर विराम लग गया है. दरअसल, अरविंदर सिंह लवली भाजपा में शामिल हो गए हैं. लवली के साथ ही कांग्रेस नेता राजकुमार चौहान,अमित मलिक,नसीब सिंह और नीरज बसोया ने भी भाजपा की सदस्यता ले ली है.अरविंदर सिंह लवली केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी,दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए.

इस अवसर पर भाजपा राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने कहा कि रायबरेली में प्रियंका गांधी के पोस्टर लगे थे,कांग्रेस कार्यकर्ता चाहते थे कि प्रियंका गांधी रायबरेली से चुनाव लड़ें. लेकिन राहुल गांधी आए और उन्होंने रायबरेली से नामांकन किया.PM मोदी का नारा है बेटी बचाओ, शबेटी पढ़ाओ, लेकिन कांग्रेस का नारा है बेटा बचाओ,बेटा बढ़ाओ.इस तरह की राजनीति से तंग आकर अरविंदर एस लवली भाजपा में शामिल हो गए हैं.

अरविंदर सिंह लवली ने भाजपा में शामिल होने के बाद कहा कि आप जानते हैं कि मैंने किन परिस्थितियों में दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ा. हमारे समर्थकों ने हमसे कहा कि आपको घर पर बैठने की जरूरत नहीं है,मैंने अपने त्यागपत्र के बाद घर पर रहने का फैसला किया था,लेकिन हमें दिल्ली और देश के लिए लड़ने को कहा गया.

दिल्ली में 4 बार के विधायक, प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष… जानें अरविंदर सिंह लवली ने दूसरी बार क्यों थामा ‘कमल’
अरविंदर सिंह लवली के पॉलिटिकल करियर की बात करें तो वह कांग्रेस की दिल्ली इकाई में सबसे खास नामों में से एक रहे हैं. एक दौर में अरविंदर सिंह लवली सबसे कम उम्र के विधायक थे, जब वह पहली बार 1998 में गांधी नगर सीट से दिल्ली विधानसभा के लिए चुने गए थे. वह साल 2015 तक इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते रहे.

दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद त्यागने के बाद अरविंदर सिंह लवली आज भाजपा में शामिल हो गए. उन्होंने जब बीते दिनों पद छोड़ा था तब से उनके पार्टी छोड़ने के अनुमान लग रहे थे. अटकलें थीं कि उनका अगला कदम क्या होगा,हालांकि उन्होंने तब कहीं जाने से मना किया था,लेकिन वे आज फिर भाजपा में आ गये. बता दें कि वह पहले भी भाजपा में रह चुके हैं और इसे छोड़कर कांग्रेस में जा चुके हैं.

क्या बोले अरविंदर सिंह लवली
अरविंदर सिंह लवली ने भाजपा सदस्यता लेने के बाद कहा कि ‘प्रधानमंत्री मोदी, नड्डा और अमित शाह का धन्यवाद. जब हम खोए-खोए घूम रहे थे,उस समय इन्होंने मौका दिया है.हम आज पांच वरिष्ठ लोग आए हैं,लेकिन बहुत लोग हैं जो चाहते हैं कि देश को सशक्त सरकार मिले.देश के विकास में प्रधानमंत्री के हाथ को मजबूत करना चाहते हैं.

हम आज पांच वरिष्ठ साथी शामिल हुए हैं.बड़ा लंबा काफिला है जो चाहता है कि देश में सशक्त सरकार बने.मुझे पूरी आशा है कि निकट भविष्य में दिल्ली में भी भाजपा का ध्वज फहरेगा.’

1998 में गांधीनगर सीट से चुने गए विधायक
अरविंदर सिंह लवली के पॉलिटिकल करियर की बात करें तो वह कांग्रेस की दिल्ली इकाई में सबसे खास नामों में से एक रहे हैं.एक समय अरविंदर सिंह लवली सबसे कम उम्र के विधायक थे,जब वह पहली बार 1998 में गांधी नगर सीट से दिल्ली विधानसभा के लिए चुने गए थे.वह साल 2015 तक इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते रहे.लवली ने दिल्ली में शीला दीक्षित के नेतृत्व वाली सरकारों में शहरी विकास और राजस्व मंत्रालय,शिक्षा और परिवहन जैसे कई महत्वपूर्ण विभाग संभाले.

लोकसभा चुनाव में गौतम गंभीर से मिली थी हार
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष,लवली ने क्रिकेटर से राजनेता बने गौतम गंभीर (भारतीय जनता पार्टी) और आतिशी मार्लेना (आम आदमी पार्टी) के खिलाफ पूर्वी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा था,लेकिन इस चुनाव में वह गौतम गंभीर से हार गए थे.

छात्र राजनीति से हुई पॉलिटिकल करियर की शुरुआत
दिल्ली में जन्मे और पले-बढ़े लवली ने दिल्ली विश्वविद्यालय के एसजीटीबी खालसा कॉलेज से राजनीति विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की.वह अपने कॉलेज के दौरान छात्र राजनीति में एक्टिव थे.बाद में,1990 में,उन्हें दिल्ली युवा कांग्रेस महासचिव चुना गया,और फिर 1992 से 1996 तक नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के महासचिव भी रहे.

30 साल कांग्रेस से जुड़े रहे लवली
लवली करीब 30 साल से कांग्रेस से जुड़े रहे.वह 2017 में भी कांग्रेस से हाथ छुड़ा चुके हैं और उस दौरान अप्रैल 2017 में वह भाजपा में शामिल हो गए थे,लेकिन कुछ महीनों बाद ही उन्होंने कांग्रेस में वापसी कर ली थी.तब उन्होंने कहा था कि,वह भाजपा में’वैचारिक रूप से अनुपयुक्त’ हैं.2020 के दिल्ली चुनाव में,कांग्रेस ने अरविंदर सिंह लवली को उनके विधानसभा क्षेत्र गांधी नगर से मैदान में उतारा था,जहां उनका मुकाबला भाजपा के नवीन चौधरी (दीपू) और आप के मौजूदा विधायक अनिल वाजपेयी से हुआ था.

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