UPCL MD को हाईकोर्ट से राहत, बॉबी पंवार को समक्ष न्यायालय का दिखाया रास्ता
UPCL के प्रबंध निदेशक को NAINITAL HIGH COURT से बड़ी राहत, बॉबी पंवार को झटका, दिखाया सक्षम न्यायालय का रास्ता
टेंडर आवंटन में भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपति का था मामला, बॉबी पंवार ने दायर की थी याचिका.
नैनीताल 11 जून 2025: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने उत्तराखंड पॉवर कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक को बड़ी राहत दी है. नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड पॉवर कॉर्पोरेशन प्रबंध निदेशक के खिलाफ टेंडर आवंटन में भ्रष्टाचार करने व आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की जांच की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका खारिज कर दी है. हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता बॉबी पंवार को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत सक्षम न्यायालय में जाने की छूट दी है.
मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने 6 जून को यह निर्णय सुनाया. जनहित याचिका में बॉबी पंवार का आरोप था कि उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक ने टेंडर आवंटन में भ्रष्टाचार किया है. आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है. इस संदर्भ में वर्ष 2018 में पॉवर ट्रांसमिशन कॉर्पोरेशन की एक जांच समिति की रिपोर्ट का हवाला भी याचिकाकर्ता द्वारा दिया गया.
राज्य सरकार ने अदालत को अवगत कराया कि कार्मिक एवं सतर्कता विभाग ने 8 जुलाई 2024 को इस मामले में जांच बंद करने का निर्णय लिया है. महाधिवक्ता ने यह भी तर्क दिया कि याचिकाकर्ता स्वयं कई मामलों में आरोपी हैं. उन्होंने विधानसभा चुनाव भी लड़ा है, इसलिये यह याचिका जनहित की आड़ में ‘पैसा वसूल’ याचिका प्रतीत होती है.
महाधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट में दायर झारखंड राज्य बनाम शिव शंकर शर्मा 2022 एसएससी 1541 मामले में दिए गए निर्णय का हवाला देते हुए कहा कि ऐसी याचिकाएं जनहित नहीं, बल्कि निजी स्वार्थ से प्रेरित होती हैं. कोर्ट ने यह मानते हुए कहा कि मामले में तथ्यों, जांच और साक्ष्यों की समीक्षा करनी आवश्यक है. यह स्पष्ट किया कि यह कार्य सक्षम ट्रायल कोर्ट द्वारा किया जाना चाहिए. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत शिकायत दर्ज कराने को सक्षम अदालत में जाने की स्वतंत्रता दी. साथ ही याचिका का निस्तारण कर दिया।
एमडी यूपीसीएल की पैरवी में फूंके जा रहे करोड़ों:बॉबी पंवार
उधर उत्तरांचल प्रेस क्लब देहरादून में पत्रकारों से उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बॉबी पंवार ने महाअधिवक्ता पर गंभीर सवाल खड़े किए। उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक अनिल यादव के खिलाफ दायर जनहित याचिका पूरी तरह से ठोस साक्ष्यों पर आधारित थी,लेकिन अधिकारी अनिल यादव पर कार्रवाई के बजाय उसे बचाने का प्रयास किया जा रहा है।
बॉबी पंवार ने कहा कि सरकार के महाधिवक्ता और अन्य वकील अधिकारी की पैरवी कर जनहित याचिकाकर्ता को ही कटघरे में खड़ा कर रहे है।
उन्होंने कहा कि “यह याचिका भ्रष्टाचार के खिलाफ थी, लेकिन याचिकाकर्ता के खिलाफ ही माहौल बन रहा हैं। ”
बॉबी पंवार ने कहा कि उनकी लड़ाई उत्तराखंड और जनहित को है लेकिन उनके खिलाफ झूठे और मनगढ़ंत आरोप लगा मुकदमे कर दिए ।
बॉबी पंवार ने आरोप लगाया कि सरकार 20 -20 लाख रुपए प्रति सुनवाई को बाहरी वकीलों को दे रही है जबकि यह पैसा उत्तराखंड की जनता का है।” उन्होंने प्रेस वार्ता में वकीलों पर खर्च करोड़ों रुपए के भुगतान और शराब के बिल भुगतान का आंकड़ा भी रखा।
उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा उपाध्यक्ष त्रिभुवन चौहान ने कहा कि “ जब तक उत्तराखंड से भ्रष्टाचार खत्म नहीं होता, हम चुप नहीं बैठेंगे।”
प्रेस वार्ता में उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के सैनिक प्रकोष्ठ अध्यक्ष कैलाश देवरानी, उपाध्यक्ष त्रिभुवन चौहान, राजेंद्र भट्ट, मनोज कोठियाल और प्रमोद काला भी रहे।
TAGGED: UPCL MD Anil yadav, Boby panwar
नैनीताल हाईकोर्ट यूपीसीएल प्रबंध निदेशक अनिल यादव
UPCL प्रबंध निदेशक मामला
NAINITAL HIGH COURT