युवा सपनों का गुणधर्म बदल रही देवभूमि उद्यमिता योजना,965 उद्यम स्थापित

*युवा सपनों का गुणधर्म बदल रही देवभूमि उद्यमिता योजना*

*26274 छात्र-छात्राओं ने उद्यमिता योजना में किया पंजीकरण*

*965 उद्यम स्थापित, ऑनलाइन प्लेटफार्म पर बिक रहे उत्पाद*

देहरादून, 16 जून 2025 । उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत राजकीय महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में देवभूमि उद्यमिता योजना युवा सपनों का गुणधर्म बदल रही है। राज्य सरकार की पहल पर शुरू की गई इस योजना से उच्च शिक्षण संस्थानों में उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र विकसित हो रहा है जिससे छात्र-छात्राओं की व्यावसायिक सोच विकसित हो रही है। योजना में अब तक 26247 छात्र-छात्राओं ने अपना पंजीकरण कराया है जबकि प्रशिक्षण उपरांत 965 छात्रों ने अपने उद्यम स्थापित कर लाभ भी कमाना शुरू कर दिया है।

नई शिक्षा नीति-2020 के प्रावधानों को दृष्टिगत रखते हुये राज्य सरकार ने वर्ष 2023 में प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों में देवभूमि उद्यमिता योजना शुरू की जिसका उद्देश्य राजकीय महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को स्टार्टअप और उद्यमिता की दिशा में आगे बढ़ाना था। योजना में 124 उच्च शिक्षण संस्थानों में देवभूमि उद्यमिता केन्द्र स्थापित किये गये, जिन से छात्र-छात्राओं में व्यावसायिक सोच विकसित कर उनमें बिजनेस आइडिया और बाजार से जुड़ने से संबंधित जरूरी कौशल दिया जा रहा है। इसके अलावा युवाओं को प्रशिक्षण के साथ-साथ व्यवसाय शुरू करने को सीड फंडिंग भी की जा रही है। पिछले दो वर्षों में योजना में अब तक 26247 छात्र-छात्राओं ने अपना पंजीकरण कराया है। इनमें से 14260 ने दो दिवसीय बूट कम्पों में भाग लिया, जबकि 8721 युवाओं ने 12 दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रमों में प्रशिक्षण लिया। प्रशिक्षण प्राप्त कर अपनी किस्मत खुद लिखने की चाह वाले 965 छात्रों ने अपने उद्यम स्थापित किये। इनमें से 303 उद्यम खूब लाभ कमा रहे हैं। इतना ही नहीं,  इन उद्यमों के 25 ऐसे उत्पाद हैं जो अमेजन, फ्लिपकार्ट और मीशो जैसे ऑनलाइन प्लेटफार्म पर खूब बिक रहे हैं। देवभूमि उद्यमिता योजना में खाद्य प्रसंस्करण के 60 उद्यमों के एफएसएसएआई लाइसेंस बन गये हैं और 30 से अधिक लाइसेंस बनने की प्रक्रिया में है जबकि 8 उद्यमों ने ट्रेडमार्क लाइसेंस को आवेदन किया है। प्रदेश में देवभूमि उद्यमिता योजना युवा सपनों का गुणधर्म बदलने में सफल हो रही है, और छात्र-छात्राओं में नेतृत्व क्षमता और रोजगार सृजन की योग्यता पैदा कर रही है।

*नये बिजनेस आइडिया को सीड फंडिंग*
देवभूमि उद्यमिता योजना में प्रत्येक वर्ष 20 छात्र-छात्राओं को उनके बिजनेस आइडिया को सीड फंडिंग व्यवस्था है। इसमें 20 छात्रों को उनके नवाचार आधारित स्टार्टअप को 75 हजार की धनराशि सीट फंड में दी जायेगी। योजना में 1132 से अधिक छात्रों ने अपने व्यवसायों का उद्यम आधार बना लिया है।

*बूट कैम्प और ईडीपी हैं बिजनेस के आधार *
योजना में प्रत्येक महाविद्यालयों में 12 दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम (ईडीपी) आयोजित किये जा रहे हैं, जिनमें छात्र-छात्राओं को व्यावसायिक सोच, उद्यम प्रबंधन, विपणन और वित्तीय नियोजन की बारीकियां सिखाई जा रही है। इसके अलावा छात्रों में स्टार्टअप और उद्यमिता के प्रति जागरूक पैदा करने को दो दिवसीय बूटकैम्प आयोजित किये जा रहे हैं, जहां वह अपने आइडिया विशेषज्ञों के सामने रखते हैं और इनमें से श्रेष्ठ व्यावसायिक विचारों को सीड फंड को चयनित किया जाता है।

*हर्बल हर्ट की कहानी*
चौखुटिया (अल्मोड़ा) के दीपक सिंह नेगी के बुरांश, माल्टा व अन्य स्थानीय फलों से रेडी-टू-ड्रिंक जूस बनाने के आइडिया को योजना में 75 हजार की सीड फंडिंग दी गई, साथ ही पैकेजिंग, ब्रांडिंग व मेंटरिंग का भी समर्थन दिया गया। आज उनकी फर्म ‘हर्बल हर्ट’ सफल उद्यम के रूप में स्थापित हो चुकी है और इसमें उन्होंने तीन अन्य युवाओं को भी रोजगार दिया है।देवभूमि उद्यमिता योजना प्रदेश के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने में मदद कर रही है। राज्य सरकार की ‘शिक्षा से उद्यमिता की ओर’ पहल का परिणाम है कि युवा रोजगार नहीं बल्कि रोजगार सृजक बन रहे हैं। इस योजना ने यह साबित कर दिया कि हमारे युवाओं को सही मार्गदर्शन, संसाधन और अवसर मिले तो वह वैश्विक स्तर पर अपनी अलग पहचान बना सकते हैं । *डॉ. धन सिंह रावत, उच्च शिक्षा मंत्री, उत्तराखंड।*

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