मुस्लिम यूनिवर्सिटी,जुमे की नमाज विवाद फिर केंद्र में,हरीश रावत ने की थी शुरुआत
हुआ क्या था पिछले सामान्य विधानसभा चुनाव में?
Uttarakhand Election Congress BJP war on the issue of Muslim University CM Dhami said Harish Rawat doing politics of Muslim appeasement
Uttarakhand Election: मुस्लिम यूनिवर्सिटी के मुद्दे पर कांग्रेस-भाजपा में जंग! CM धामी बोले- मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हरीश रावत
मुख्यमंत्री धामी ने कांग्रेस नेता के बयान पर कहा- देश की आजादी से लेकर अब तक कांग्रेस तुष्टिकरण की राजनीति करती आई है. इनकी पिछली सरकार में भी तुष्टिकरण देखा गया. जब किसी दिन छुट्टी नहीं होती थी, इन्होंने जुमे की नमाज को छुट्टी की. अब ये चुनाव में चारधाम की बात कर रहे।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (फाइल फोटो).
बीते दिनों कांग्रेस नेता अकील अहमद ने प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने पर मुस्लिम यूनिवर्सिटी (Muslim University in Uttarakhand) बनाने का ऐलान किया जिसके बाद उत्तराखंड विधानसभा चुनावों (Uttarakhand Assembly Elections 2022) से ठीक पहले राजनीति गरमा गई है. अब इस मामले पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar singh Dhami), कांग्रेस नेता हरीश रावत (Harish Rawat) और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के बीच वाकयुद्ध तेज हो गया है. एक तरफ हरीश रावत ने जहां इसे भाजपा नेताओं की साजिश बताया तो वहीं मुख्यमंत्री धामी और मदन कौशिक ने इसे कांग्रेस की धार्मिक तुष्टिकरण की राजनीति बताया है. मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि आजादी के बाद से ही कांग्रेस ने मुस्लिम तुष्टिकरण किया और पूर्व कांग्रेस सरकार में भी पार्टी इसी फार्मूले पर चली. धामी ने कहा कि पूर्व सरकार में जुमे की नमाज की छुट्टी तक दे दी गई.
बता दें कि ये पूरा विवाद कांग्रेस नेता अकील अहमद के बयान से शुरू हुआ. अकील अहमद सहसपुर विधानसभा सीट से टिकट की दावेदारी कर रहे थे, लेकिन पार्टी ने आर्येंद्र शर्मा को उम्मीदवार बनाया. अकील उन दावेदारों में शामिल थे, जो पार्टी के खिलाफ विद्रोही तेवर दिखा रहे थे लेकिन पार्टी के शीर्ष नेताओं के मनाने से मान गए. इस दौरान अकील अहमद का यह बयान आया, मेरा कांग्रेस पार्टी से जिन मुद्दों पर समझौता हुआ है, उनमें मैंने कहा है कि प्रदेश में एक मुस्लिम यूनिवर्सिटी होनी चाहिए, जिसमें मुस्लिम बच्चे पढ़ाई कर सकें और शिक्षित हो सकें. इन सभी मसलों पर प्रभारी से बात हुई है. हरीश रावत जी से बात हुई, उन्होंने भी कहा कि मैं मुख्यमंत्री बनता हूं तो सारे काम होंगे.
CM धामी ने साधा निशाना
उधर मुख्य मंत्री धामी ने कांग्रेस नेता के बयान पर कहा- देश की आजादी से लेकर अब तक कांग्रेस तुष्टिकरण की राजनीति करती आई है. इनकी पिछली सरकार में भी तुष्टिकरण देखा गया. जब किसी दिन छुट्टी नहीं होती थी, इन्होंने जुमे की नमाज को छुट्टी की. अब ये चुनाव में चारधाम की बात कर रहे हैं. देवभूमि में इनका चारधाम का मतलब यही है कि उत्तराखंड में ये मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनवाएंगे. कांग्रेस ने हमेशा वोटों की राजनीति की है. इन्हें कभी प्रदेश व देश को आगे बढ़ाने की बात नहीं की. आज भी वह वोटों को सौदा कर रहे हैं, लेकिन प्रदेश की देश भक्त और राम भक्त जनता इनकी चालों को अच्छी तरह समझती है.
उधर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने भी कांग्रेस से सवाल किया कि क्या मुस्लिम यूनिवर्सिटी के सहारे चुनाव जीतोगे, तुष्टिकरण के सहारे चुनाव जीतोगे? शुक्रवार को नमाज की छुट्टी कराकर उसके सहारे चुनाव जीतोगे?जिस प्रकार से उत्तराखंड में मर्यादा के साथ सबको साथ लेकर चलने का भाव होना चाहिए था. लेकिन जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं कांग्रेस का दोहरा चरित्र सामने आ रहा है, लेकिन कांग्रेस को इसका फायदा होने वाला नहीं. पांच साल में उसने जन विश्वास खोया है.
क्या बोले हरीश रावत?
मुस्लिम यूनिवर्सिटी विषय पर भड़के विवाद पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भाजपा पर निशाना साध कहा कि अकील अहमद के बयान को भाजपा सोची समझी साजिश में तूल दे रही हैं. जब हमने संस्कृति यूनिवर्सिटी बनाने की बात कही तो इस पर ध्यान नहीं दिया, लेकिन किसी मुस्लिम यूनिवर्सिटी को लेकर कुछ दिया तो इसे तूल दिया जा रहा है.
विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आते ही धार्मिक ध्रुवीकरण की राजनीति भी जोर पकड़ने लगी है. सोशल मीडिया पर जुमे की नमाज की छुट्टी का एक सरकारी आदेश वायरल हो गया. यह पूर्व कांग्रेस सरकार के समय का बताया जा रहा है. भाजपा नेता अजेंद्र अजय ने ट्विटर पर आदेश की प्रति अटैच कर हरीश रावत से पूछा है कि अब तो प्रमाण दे दिया, आप संन्यास लेने की घोषणा कब करोगे? जुमे की नमाज पर सरकारी छुट्टी के मामले में हरीश रावत भाजपा के निशाने पर हैं.
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