हाईफा पोर्ट का तो कुछ नहीं बिगड़ा,तेहरान हो गया खाली,ईरान के टॉप 14 सैन्याधिकारी हुए खेत

ईरान के कौन-कौन से टॉप मिलिट्री अफसर मारे गए, अब सेना और IRGC की कमान कौन संभाल रहा? देखें सूची

इजराइल के हमलों में ईरान के 13 शीर्ष सैन्य अधिकारी मारे गए हैं, जिसमें IRGC और सेना के प्रमुख शामिल हैं. अब नए कमांडरों ने कमान संभाली है, लेकिन उनकी अनुभवहीनता और संगठन में बदलाव के कारण ईरान के लिए स्थिति चुनौतीपूर्ण बनी हुई है. आने वाले दिनों में ईरान की रणनीति और इजराइल के अगले कदमों पर दुनिया की नजर रहेगी.
(ऊपर- बाएं से दाएं)… अली शमखानी, अमीर अली हाजिजादेह, एस्माइल कानी और घोलम-अली रशिद. (नीचे- बाएं से दाएं)… हसैन सलामी, मोहम्मद बघेरी और मोहम्मद पकपुर. (फोटोः AFP)

नई दिल्ली,17 जून 2025,इजराइल और ईरान में बढ़ते संघर्ष के बीच इजराइल ने 13 जून 2025 को शुरू ऑपरेशन में ईरान के आधा दर्जन शीर्ष सैन्य अधिकारियों को निशाना बनाया. हमले में ईरान का सुरक्षा व्यवस्था ढांचा बुरी तरह प्रभावित हुआ है. सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में इजराइल डिफेंस फोर्सेस (IDF) के हवाले से चार्ट जारी हुआ है, जिसमें ईरान के मारे गए सैन्य अधिकारियों की सूची और उनके उत्तराधिकारियों के बारे में जानकारी है. आइए समझें कि कौन-कौन से बड़े अधिकारी मारे गए. अब उनकी जगह कौन कमान संभाल रहा है.

मारे गए टॉप मिलिटरी अफसरों की सूची

इजराइल के हमलों में ईरान के कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारी मारे गए हैं. नीचे दी गई सूची IDF के डेटा पर आधारित है…
1-अली शमखानी (Ali Shamkhani) …सुप्रीम कमांडर के सलाहकार और परमाणु परियोजना को जिम्मेदार. अली शमखानी ईरान की परमाणु नीति और सुरक्षा रणनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे. उनके मारे जाने से परमाणु कार्यक्रम प्रभावित होगा।.

2-मोहम्मद बघेरी (Mohammad Bagheri) ... सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ. बघेरी ईरानी सेना के शीर्ष कमांडर थे और उनके निधन से सेना का नेतृत्व प्रभावित हुआ.

3-घोलम-अली रशिद (Gholam-Ali Rashid) ... आपातकालीन जवाबी मुख्यालय के प्रमुख. रशिद आपातकालीन स्थिति से निपटने में महत्वपूर्ण थे. उनके जाने से संकट प्रबंधन कमजोर हुआ.

4-घोलम-अल महाब (Gholam-Al Mahab) … खुफिया विभाग प्रमुख. खुफिया जानकारी जुटाने में उनकी भूमिका थी, जिसके जाने से ईरान की जासूसी क्षमता प्रभावित हुई.

5-मोहम्मद पकपुर (Mohammad Pakpour) … इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के ग्राउंड फोर्स कमांडर. पकपुर IRGC की जमीन पर लड़ाई की रणनीति संभालते थे. उनके निधन से IRGC की ताकत घटी.

6-हसैन सलामी (Hossein Salami) .... IRGC के कमांडर-इन-चीफ. सलामी IRGC के सर्वोच्च नेता थे,उनके मारे जाने से संगठन नेतृत्व पूरी तरह प्रभावित हुआ.

7-एस्माइल कानी (Esmail Qaani)… IRGC की कुद्स फोर्स के कमांडर. कुद्स फोर्स विदेशी मिशन संभालती थी. कानी के निधन से ईरान की क्षेत्रीय शक्ति कमजोर हुई.

8-अमीर अली हाजिजादेह (Amir Ali Hajizadeh) ... IRGC एयर फोर्स कमांडर. हाजिजादेह मिसाइल और हवाई हमलों की जिम्मेदारी संभालते थे. उनके मारे जाने से हवाई रक्षा कमजोर पड़ी.

top Iranian military officers killed

9-अमीर मूसवी (Amir Mousavi) … ईरानी सेना के कमांडर. मूसवी ईरानी नियमित सेना प्रमुख थे. उनके निधन से सैन्य संचालन प्रभावित हुआ.

10-ताहिर पुर (Tahir Pur)… IRGC ग्राउंड फोर्स कमांडर. उनके मारे जाने से IRGC ग्राउंड फोर्स पर असर पड़ा.

11-दाऊद शियान (Daoud Shiyan) ... वायु सेना कमांडर. शियान वायु सेना के प्रमुख थे. उनके निधन से हवाई लड़ाई की क्षमता प्रभावित हुई.

12-मोहम्मद बघेरी (Mohammad Bageri) … नौसेना से सतह तक के कमांडर. बघेरी नौसैनिक संचालन संभालते थे. उनके मारे जाने से समुद्री रक्षा कमजोर हुई.

13-अलिफेजा तंगसिरी (Alireza Tangsiri)… IRGC नेवी कमांडर. तंगसिरी IRGC की नौसेना का नेतृत्व करते थे. उनके निधन से समुद्री सुरक्षा प्रभावित हुई.

14अली शदमानी (Ali Shadmani) ... आपातकालीन जवाबी मुख्यालय के नए प्रमुख. घोलम-अली रशिद की जगह शदमानी को कमान सौंपी गई है. लेकिन इजरायन ने पुष्टि की है कि शदमानी भी मार दिया गया.

अब सेना और आईआरजीसी की कमान कौन संभाल रहा है?

इन शीर्ष अधिकारियों के मारे जाने के बाद ईरान ने नए नेताओं को कमान सौंपी है. हालांकि, यह बदलाव जल्दबाजी में हुआ है, जिससे सेना और IRGC में समन्वय की कमी दिख रही है. नीचे दिए गए नाम नए कमांडर हैं…

अब्दुलरहिम मूसवी (Abdolrahim Mousavi) … नए चीफ ऑफ स्टाफ (सशस्त्र बलों के प्रमुख). मूसवी को मोहम्मद बघेरी की जगह नियुक्त किया गया है. वह ईरान-इराक युद्ध के अनुभवी हैं.
IRGC ग्राउंड फोर्स का नया कमांडर… मोहम्मद पकपुर और ताहिर पुर के बाद एक नया कमांडर नियुक्त किया गया है, लेकिन उसका नाम अभी स्पष्ट नहीं है.
कुद्स फोर्स कमांडर... एस्माइल कानी के बाद नया कमांडर नियुक्त किया गया है, लेकिन जानकारी सीमित है.
एयर फोर्स कमांडर… IRGC एयर फोर्स का नया कमांडर. अमीर अली हाजिजादेह की जगह नया कमांडर नियुक्त हुआ है, लेकिन उसका नाम अभी सामने नहीं आया.
नेवी कमांडर …. IRGC नेवी का नया कमांडर. अलिफेजा तंगसिरी की जगह नया कमांडर नियुक्त किया गया है.
ईरान की स्थिति और प्रभाव

इन हमलों से ईरान की सैन्य शक्ति को गहरा धक्का लगा है. IRGC और सेना के शीर्ष नेतृत्व के नष्ट होने से कमान और नियंत्रण में भ्रम पैदा हो गया है. इजराइल के लगातार हमलों ने ईरान को जवाबी कार्रवाई को कमजोर कर दिया है. विशेषज्ञों का मानना है कि नए कमांडरों को स्थिति संभालने में समय लगेगा. इस बीच ईरान की रक्षा क्षमता और प्रभावित हो सकती है.

ईरानी हमले में हाइफा पोर्ट तबाह’,  आया अडानी ग्रुप का बयान, कहा- ये है सच
Israel-Iran के बीच जारी संघर्ष के बीच बैलिस्टिक मिसाइल हमले में इजरायल के हाइफा पोर्ट को नुकसान पहुंचने की खबरों को अडानी ग्रुप ने सिरे से खारिज किया है, जिसमें Adani Ports की 70% हिस्सेदारी है.

अडानी ग्रुप ने हाइफा पोर्ट को लेकर जारी किया है

वाणिज्यिक विमान यात्री की खींची इरानी मिसाइल हमले के चित्र

ईरान और इजरायल के बीच संघर्ष (Iran-Israel Conflict) लगातार बढ़ता जा रहा है और दोनों ओर से मिसाइल अटैक में भारी नुकसान हो रहा है. इस बीच ऐसी खबरें भी आईं कि ईरानी मिसाइल हमले में इजरायल के हाइफा पोर्ट (Haifa Port) को भी नुकसान पहुंचा है, जिसका स्वामित्व गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप (Adani Group) के पास है. लेकिन इसपर ग्रुप सीएफओ जुगेशिंदर रॉबी सिंह ने तस्वीर साफ करते हुए कहा है कि ये गलत खबरें हैं और हाइफा पोर्ट पूरी तरह से चालू है.

अडानी ग्रुप का बयान- ‘ये खबरें गलत’
ईरान-इजरायल के बीच जारी हमलों के बीच Iran Update नाम के सोशल मीडिया अकाउंट पर ब्रेकिंग न्यूज के तौर पर पोस्ट शेयर की गई और इसमें कहा गया है कि ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल हमले में भारतीय कंपनी अडानी ग्रुप की कार्गो फैसिलिटी को भारी नुकसान पहुंचा है और इजरायल स्थित हाइफा पोर्ट ईरानी स्ट्राइक में तबाह हो गया है. इस पोस्ट में अडानी ग्रुप समेत मिसाइल अटैक की कुछ तस्वीरें भी शेयर की गईं. इसके बाद अडानी ग्रुप ने हाइफा पोर्ट पर ईरानी मिसाइल हमले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इस तरह की सभी खबरें गलत करार दी है.

ये तस्वीर हाइफा की नहीं, तेहरान की’
Adani Group के सीएफओ जुगेशिंदर रॉबी सिंह ने इस ईरानी अपडेट पोस्ट को शेयर करते हुए तस्वीर साफ की है और पुष्टि करते हुए बताया कि हाल ही में ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल हमले के बावजूद इज़रायल में अडानी समूह का हाइफा पोर्ट पूरी तरह चालू है. उन्होंने कहा कि ईरानी ठिकानों पर इजरायली कार्रवाई के जवाब में किए गए हमले से बंदरगाह को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है. उन्होंने अपनी Social Media पोस्ट में लिखा, ‘जो फोटो सोशल मीडिया पर शेयर की गई है, वो हाइफा पोर्ट की नहीं, बल्कि जलते हुए तेहरान फ्यूल डिपो की है.’ इसके साथ ही जुगेशिंदर रॉबी सिंह ने आगे कहा कि अडानी कार्गो फैसिलिटी को हुए नुकसान के सभी दावे पूरी तरह गलत हैं.

हाइफा में अडानी की 70% हिस्सेदारी
गौरतलब है कि इजरायल का हाइफा पोर्ट (Haifa Port) एक महत्वपूर्ण समुद्री केंद्र है, जो इजराइल के 30% से अधिक आयात प्रबंधन करता है और इसका स्वामित्व भारतीय अरबपति Gautam Adani की कंपनी अडानी पोर्ट्स (Adani Ports) के पास है. हाइफा पोर्ट में अडानी पोर्ट्स की 70 % हिस्सेदारी है. यहां बता दें कि अडानी पोर्ट्स के संभाले जाने वाले कुल कारोबार में हाइफा का योगदान 2% से भी कम है और यह इसके राजस्व में लगभग 5% ही यहां से आता है.

रिपोर्ट की मानें तो हाइफा पोर्ट का निर्बाध संचालन इस तनाव की स्थिति में भी इजराइल की आयात गतिविधियों को स्थिरता दिए हुए हैं. लगभग 700 कर्मचारियों वाला Haifa Port सभी परिचालन प्रोटोकॉल का पालन करते हुए कंटेनर, बल्क, ब्रेकबल्क, सीमेंट और विभिन्न प्रकार के कार्गो का संचालन जारी रखे है.

96 घंटे से जारी जंग, 300 मौतें
Iran-Israel Attack के ताजा अपडेट की बात करें, तो इजरायल ने बीते हफ्ते गुरुवार रात ईरान में भारी तबाही मचाई थी, जिसके बाद से ही दोनों देशों के बीच मिसाइल अटैक जारी हैं. इजरायल ने ईरान के नतांज परमाणु संवर्धन संयंत्र समेत कई परमाणु ठिकानें निशाना बनाये और उसके कई सैन्य कमांडर और परमाणु वैज्ञानिकों की हत्या कर दी. ईरान ने भी जवाबी हमले शुरू किए हैं जिसके बाद सोमवार को ईरानी हमले में तेल अवीव शहर में 12 लोग घायल हो गए. दोनों देशों में लड़ाई शुरू हुए 96 घंटे हो चुके और हमले में ईरान के अनुसार, 300 लोग मारे गए हैं जिनमें अधिकांश नागरिक हैं.

इजरायली हमले बीच तेहरान छोड़ भाग रहे लोग, बॉर्डर की ओर भीषण जाम… ईरान सरकार ने खोले अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन

ईरान की राजधानी तेहरान में लोग खौफ में जी रहे हैं. लोगों को इजरायली हमले का डर सता राह है. ईरानी सरकार की प्रवक्ता फतेमेह मोहजेरानी ने सरकारी टीवी से कहा कि ईरानी लोग इजरायली हमलों के दौरान मस्जिदों और स्कूलों में शरण ले सकते हैं, साथ ही अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशनों में रह सकते हैं जो अब हमेशा खुला रहेगा.

ईरान की राजधानी तेहरान से बाहर निकलने की होड़. (फोटो- X @boris_beissner, @ThomasVLinge)
ईरान की राजधानी तेहरान से निकलने वाली सड़कें कारों से भरी हैं. रास्तों पर भारी ट्रैफिक जाम है और जिसे देखो उसे शहर से निकल जाने की जल्दी है. ग्रामीण ईरान की ओर जा रही सड़कों पर कारें फर्राटा भर रही है. दरअसल तेहरान पर इजरायली बमबारी, मिसाइलों से हमला, लगातार हो रही मौतें और जख्मी लोगों की कराह ने शहर का माहौल डरावना बना दिया है. इजरायली हमले के बाद ईरान की राजधानी तेहरान में बदहवासी का आलम है. लगातार मिसाइलों के हमले और बमबाजी से जनता खौफ में है.अब आम तेहरानी शहरी इस शहर को जल्द से जल्द छोड़ना चाहता है. इजरायल लगातार तेहरान पर हमला कर रहा है.

CNN ने कुछ लोगों से बात करके कहा कि कुछ लोग ईरान के उत्तर दिशा में देहाती इलाकों में भागने की कोशिश में थे. लेकिन लोगों की भारी भीड़ से सड़कें ठप हो गई हैं. लोग रास्ते में फंसे हैं

जर्मन प्रेस एजेंसी डीपीए के एक रिपोर्टर ने कहा कि तेहरान में गैस को कई किलोमीटर लंबी लाइनें देखी गईं.

दो बच्चों के पिता ने नाम न बताने की शर्त पर CNN से कहा, “मैं अपना घर नहीं छोड़ना चाहता, लेकिन मैं अपने छोटे बच्चे इस स्थिति में नहीं डालने वाला हूं.” “मुझे उम्मीद है कि अमेरिका दोनों देशों के हमले रोकने को कदम उठाएगा.”

इस व्यक्ति ने कहा कि उसका परिवार चिंतित है क्योंकि शासन के अधिकारी घनी आबादी बीच उच्च-मध्यम वर्गीय इलाकों में रहते हैं, जिससे नागरिकों को खतरा है. शुक्रवार सुबह ईरान पर अचानक हमला कर इजरायली वायु सेना ने शीर्ष ईरानी सैन्य अधिकारियों और वैज्ञानिकों के घरों पर टारगेटेड हमले किए, कुछ तस्वीरों में आवासीय भवनों पर सटीक हमले दिखे हैं.

ईरानी सरकार लोगों की आशंकायें दूर करने की कोशिश में है. ईरानी सरकार की प्रवक्ता फतेमेह मोहजेरानी ने सरकारी टीवी से कहा कि ईरानी इजरायली हमलों में मस्जिदों और स्कूलों में शरण ले सकते हैं, साथ ही मेट्रो सिस्टम में भी शरण ले सकते हैं, जो रविवार रात से हमेशा खुला रहेगा.

उन्होंने कहा, “खाद्य, दवा, ईंधन की कोई समस्या नहीं है.” तेहरान के नगर परिषद अध्यक्ष मेहदी चरमन ने कहा कि शहर में बम आश्रयों की कमी से विकल्प तलाशे जा रहे हैं. उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “दुर्भाग्य से, तेहरान और हमारे अन्य शहरों में आश्रय नहीं हैं.” उन्होंने कहा कि इजरायल में मृतक संख्या कम है क्योंकि देश में बम आश्रय हैं और हमलों के लिए नियमित अभ्यास आयोजित होते हैं. चरमन ने कहा कि बेसमेंट एक विकल्प है और “चरम” स्थिति में, भूमिगत मेट्रो का उपयोग हो सकता है, लेकिन इसे बंद करना होगा.

चरमन ने 1980 के दशक में इराकी तानाशाह सद्दाम हुसैन के साथ ईरानी युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि हम भूमिगत पार्किंग स्थल भी तैयार कर सकते हैं, जैसा सद्दाम ने हम पर बमबारी के समय किया था.”

सोशल मीडिया पर पोस्ट कुछ तस्वीरों में कारों भरी सड़के दिख रही हैं.

कुछ लोग ईरान से तुर्किए की ओर भागने की कोशिश में हैं. यहां भी बॉर्डर लोगों से भरा हुआ है.

एक स्थानीय पत्रकार ने आज एक्स पर एक पोस्ट और वीडियो डालकर लिखा कि सुबह से ही तेहरान से बड़ी संख्या में कार जा रहे हैं. हजारों लोग शहर छोड़कर उत्तरी एग्जिट मार्ग पर हैं. इस शख्स ने लिखा, “तेहरान से नाटकीय तरीके से पलायन जारी है, प्रमुख राजमार्गों और शहर की सड़कों पर जाम लगा हुआ है, क्योंकि तेहरानी लोग संभावित इजरायली हवाई हमलों से बचने के लिए भागने की कोशिश कर रहे हैं.

तेहरान से बाहर जाने के लिए पैदा हुई भगदड़ की स्थिति के बीच एक और शख्स ने लिखा है, “तेहरान में अराजकता की स्थिति है. ईरान में बढ़ती आशंकाओं के बीच लोग शहर छोड़कर भाग रहे हैं.

एक यूजर ने लिखा है कि ईरानियों के देश छोड़कर भागने के कारण ईरान-तुर्किये सीमा पर बज़ारगान सीमा पर भारी भीड़ जमा हो गई है.

इधर ईरान-अज़रबैजान सीमा पर जेट उड़ान भर रहे हैं. सीमा पर संभावित शरणार्थियों की आमद की स्थिति में हालात से निपटने के लिए अजरबैजान भी तैयारी कर रहा है.

इस बीच ईरान की सरकारी मीडिया ने बताया कि ईरान ने संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और फ्रांस को चेतावनी दी है कि यदि वे तेहरान के इजरायल पर हमलों को रोकने में मदद करते हैं, तो क्षेत्र में उनके ठिकानों और जहाजों को निशाना बनाया जाएगा.

ईरान पिछले शुक्रवार से इजरायल पर मिसाइलों और ड्रोनों की भारी बौछारें कर रहा है, अधिकांश ईरानी मिसाइलों और ड्रोनों को इजरायल की वायु रक्षा द्वारा रोक दिया गया है, हालांकि कुछ बच गए हैं, जिससे कम से कम 16 लोग मारे गए और शहरी क्षेत्रों में सैकड़ों लोग घायल हो गए.

अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि सेना पहले से ही ड्रोन और मिसाइलें मार गिरा रही है. हालांकि अभी तक न तो फ्रांस और न ही ब्रिटेन ने इन हमलों को रोकने में मदद की है, पेरिस ने कहा है कि वह ऐसा कर सकता है, और लंदन ने भी इस संभावना से इनकार नहीं किया है.

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इजरायल-ईरान संघर्ष
गौतम अडानी
ईरान

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