वैश्विक अध्ययन शुरु:आपरेशन सिंदूर ने अमेरिका को भी जगाया,

अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञ जॉन स्पेंसर की चेतावनीः ऑपरेशन सिंदूर ने US को दिखाई असलियत, भारत से सबक ले वर्ना…

Washington 26 मई 2025 । भारत के हाल ही चलाये ऑपरेशन सिंदूर ने पूरी दुनिया को भविष्य की लड़ाई का नया चेहरा दिखा दिया है। अमेरिका के प्रसिद्ध रक्षा विशेषज्ञ,अवकाशप्राप्त कर्नल और वॉर इंस्टीट्यूट में प्रोफेसर जॉन स्पेंसर ने कहा है कि यह सिर्फ भारत के लिए नहीं, बल्कि अमेरिका के लिए भी एक नींद से जगाने वाली चेतावनी है। उन्होंने लिखा, “ऑपरेशन सिंदूर से भारत ने यह साफ कर दिया है कि भविष्य के युद्ध कैसे होंगे-तेज़, तकनीकी, और घातक। अब अमेरिका को भी अपनी सुस्त और महंगी डिफेंस मशीनरी पर गंभीरता से काम करना होगा।”

अमेरिका का रक्षा ढांचा खतरे में
जॉन स्पेंसर के अनुसार अमेरिका की सैन्य तैयारियां खस्ताहाल हो चुकी हैं। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि अगर अचानक चीन से युद्ध छिड़ जाए, तो अमेरिका उसकी आक्रामक ताकत के सामने कमज़ोर साबित हो सकता है। कुछ प्रमुख समस्याएं जो उन्होंने गिनाईं:

अमेरिका हर साल केवल 24 से 48 PAC-3 मिसाइलें बना सकता है।
यूक्रेन को भेजे गए स्टिंगर और जैवलिन मिसाइलों की भरपाई में 4 साल लग जाएंगे।
155 मिमी तोपों के गोले भी लगभग खाली स्टॉक में पहुंच चुके हैं।

अमेरिकी हथियार महंगे, सुस्त, और कम मात्रा में
स्पेंसर ने अमेरिका की डिफेंस इंडस्ट्री पर सवाल उठाते हुए कहा कि एक Tomahawk मिसाइल की कीमत लगभग 2 मिलियन डॉलर है। HIMARS लॉन्चर की कीमत 5 मिलियन डॉलर से अधिक है। इसके मुकाबले ईरानी ड्रोन मात्र 40,000 डॉलर में उपलब्ध हैं और  ज़्यादा उपयोगी सिद्ध हो रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने भी अमेरिका की ड्रोन नीति पर निशाना साधते हुए कहा, “हम लाखों डॉलर के ड्रोन बनाते हैं, जबकि हमारे दुश्मन कुछ हजार डॉलर में घातक ड्रोन तैयार कर लेते हैं।”

ड्रोन बन चुके युद्ध के नए सिपाही
ऑपरेशन सिंदूर में ड्रोन का जैसे इस्तेमाल हुआ, उसने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब लड़ाई के मैदान में पारंपरिक हथियारों की जगह सस्ते और प्रभावशाली ड्रोन सिस्टम ले रहे हैं। स्पेंसर के शब्दों में “ड्रोन अब नए तोप के गोले हैं। युद्ध जीतने को हमें निगरानी करने वाले, हमला करने वाले और तेज़ उड़ान भरने वाले हजारों नहीं, लाखों ड्रोन चाहिए।”

 चीन और पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणालियां भारत की ब्रह्मोस से मुकाबला नहीं कर सकतीं: अमेरिकी युद्ध विशेषज्ञ

ऑपरेशन सिंदूर: कर्नल (सेवानिवृत्त) जॉन स्पेंसर ने कहा कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में आक्रामक और रक्षात्मक दोनों तरह की श्रेष्ठता का प्रदर्शन किया, जिससे यह संदेश गया कि वह ‘पाकिस्तान में कहीं भी, कभी भी’ हमला कर सकता है।

कर्नल (सेवानिवृत्त) जॉन स्पेंसर

युद्ध विशेषज्ञ का कहना है कि ऑपरेशन ने आक्रामक और रक्षात्मक श्रेष्ठता दिखाई
चीनी वायु रक्षा प्रणाली को भेदने की ब्रह्मोस मिसाइल की क्षमता की प्रशंसा की
कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को बड़ी कीमत चुकानी पड़ी
ऑपरेशन सिंदूर का प्रबल समर्थन करते हुए अमेरिकी शहरी युद्ध विशेषज्ञ स्पेंसर ने कहा कि भारत ने आक्रामक और रक्षात्मक दोनों तरह श्रेष्ठता का प्रदर्शन किया, जिससे यह संदेश गया कि वह “पाकिस्तान में कहीं भी, कभी भी” हमला कर सकता है।

एक विशेष साक्षात्कार में कर्नल (सेवानिवृत्त) जॉन स्पेंसर ने कहा कि पाकिस्तान की इस्तेमाल  चीनी वायु रक्षा प्रणाली भारत की ब्रह्मोस मिसाइलों के सामने कुछ भी नहीं है , जिसका इस्तेमाल युद्ध में सैन्य ठिकानों पर हमला करने को किया गया था।

स्पेंसर ने कहा, “भारत पाकिस्तान में घुसकर सफलतापूर्वक अपनी रक्षा करने में सफल रहा, जिसमें पाकिस्तानी ड्रोन हमले और उच्च गति वाली मिसाइलें भी शामिल थीं।”

स्पेंसर, जो मॉडर्न वॉर इंस्टीट्यूट में शहरी युद्ध अध्ययन के अध्यक्ष हैं, ने इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली चीनी हवाई सुरक्षा को भेदने की ब्रह्मोस मिसाइल की क्षमता भारत की उन्नत सैन्य क्षमताओं का प्रमाण है।

स्पेंसर ने कहा, “चीनी वायु रक्षा प्रणालियां और मिसाइलें भारत की प्रणालियों की तुलना में कमज़ोर हैं। भारत की ब्रह्मोस मिसाइल चीनी और पाकिस्तानी वायु रक्षा प्रणालियों को भेदने में सक्षम थी। भारत का संदेश स्पष्ट था। यह पाकिस्तान में कहीं भी कभी भी हमला कर सकती है।”

10 मई को भारत ने पाकिस्तान के 11 एयरबेसों पर हमला किया, जब इस्लामाबाद ने भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बना ड्रोन और मिसाइल हमलों की झड़ी लगा दी। जवाबी हमलों में भारत ने ब्रह्मोस मिसाइलों का इस्तेमाल किया।

इसके अलावा, जब भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, तो उसने पाकिस्तान के चीनी वायु रक्षा प्रणालियों को सफलतापूर्वक विफल कर पाकिस्तान के भीतरी इलाकों में आतंकी शिविरों पर हमला किया।

 ‘ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान को भारी नुकसान हुआ’
पहलगाम आतंकवादी हमले के प्रति भारत की प्रतिक्रिया, ऑपरेशन सिंदूर को “आतंकवाद के विरुद्ध युद्ध में एक निर्णायक मोड़” बताते हुए स्पेंसर ने कहा कि इससे पाकिस्तानी सेना को भारी नुकसान उठाना पड़ा।

पूर्व अमेरिकी सैन्य अधिकारी ने कहा, ” भारत का राजनीतिक और सैन्य संदेश स्पष्ट था: हम युद्ध नहीं चाहते, लेकिन बिना तनाव बढ़ाए आतंकवाद को दंडित करेंगे।”

संघर्ष में भारत की सूचना प्रसार रणनीति की प्रशंसा करते हुए स्पेंसर ने कहा कि इस ऑपरेशन का सैन्य रणनीतिकार और छात्र भविष्य में अध्ययन करेंगें।

उन्होंने आगे कहा, “ऑपरेशन सिंदूर एक ऐसा उदाहरण है जिसे आतंकवाद से लड़ने वाले अन्य देश भी अपना सकते हैं। उपग्रह चित्रों और फोटोग्राफिक साक्ष्य जारी करने सहित भारत की रणनीति ने यह सुनिश्चित किया कि सभी को सत्यापन योग्य तथ्य उपलब्ध हों।”

युद्ध विशेषज्ञ स्पेंसर ने रेखांकित किया कि अब समय आ गया है कि विश्व आतंकवाद विषय पर पाकिस्तान को आड़े हाथों ले । उन्होंने पश्चिम से आग्रह किया कि वह अपनी “द्वि-पक्षवादिता” बंद करे।

स्पेंसर ने सिंधु जल संधि निलंबित करने के भारत के कदम का भी दृढ़ता से समर्थन किया तथा इसे पाकिस्तान को आतंकवादी संगठनों को दिए जाने वाले समर्थन पर पुनर्विचार करने को प्रेरित करने को एक “स्मार्ट दृष्टिकोण” बताया।

उन्होंने कहा, “विश्व को पाकिस्तान और आतंकवाद समर्थकों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। पाकिस्तान का आतंकवाद को समर्थन जारी रहेगा, लेकिन उसे इसकी कीमत पर पुनर्विचार करना होगा।”

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