बोइंग नहीं, बम है…

अहमदाबाद में जो विमान क्रैश हुआ, उसे बनाने वाली कंपनी क्या बोली? सामने आया पहला बयान
अहमदाबाद में एयर इंडिया का जो विमान क्रैश हुआ, उसे अमेरिका की बोइंग कंपनी की ओर से बनाया गया था। अब विमान बनाने वाली कंपनी बोइंग ने इस हादसे को लेकर बयान जारी किया है।

गुजरात के अहमदाबाद में एयर इंडिया के प्लेन के क्रैश होने की घटना को लेकर हर कोई दुखी है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, पीएम नरेंद्र मोदी समेत देश और दुनिया के तमाम नेताओं ने इस घटना पर शोक जाहिर किया है। दरअसल, एयर इंडिया का ये विमान अहमदाबाद से लंदन के लिए जा रहा था। हालांकि, उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद विमान क्रैश हो गया। इस हादसे में बड़ी संख्या में लोगों की मौत की संभावना जताई जा रही है। एयर इंडिया का ये विमान अमेरिकी कंपनी बोइंग द्वारा बनाया गया था। अब इस हादसे पर बोइंग की ओर से भी बयान जारी किया गया है।

बोइंग ने क्या कहा?
अहमदाबाद में गुरुवार को एयर इंडिया के प्लेन के क्रैश होने की घटना पर अमेरिकी कंपनी बोइंग ने कहा- “हम फ्लाइट 171 के बारे में एयर इंडिया के संपर्क में हैं और उनकी सहायता के लिए तैयार हैं। हमारी संवेदनाएं यात्रियों, चालक दल और सभी प्रभावितों के साथ हैं।”

बोइंग ने अपने बयान में कहा- “इस समय, यह बहुत, बहुत, बहुत जल्दी है, हम बहुत कुछ नहीं जानते हैं। लेकिन 787 में बहुत व्यापक उड़ान डेटा निगरानी है। उड़ान डेटा रिकॉर्डर पर पैरामीटर हजारों में हैं – इसलिए एक बार जब हमें वह रिकॉर्डर मिल जाएगा, तो हम बहुत जल्दी जान पाएंगे कि क्या हुआ था।” बता दें कि इस बीच बोइंग के शेयरों में बाजार-पूर्व कारोबार में भारी गिरावट देखने को मिली है।

जानें विमान के बारे में खास बातें
अहमदाबाद में हादसे का शिकार हुआ एयर इंडिया का विमान अमेरिकी कंपनी बोइंग का 787-8 ड्रीमलाइनर प्लेन था। बोइंग 787-8 में बिजनेस क्लास और इकोनॉमी क्लास की कुल 254 से लेकर 267 सीट होती हैं। जानकारी के मुताबिक, 787 ड्रीमलाइनर बड़े आकार वाला दो इंजन वाला विमान है। एविएशन सेफ्टी नेटवर्क डेटाबेस के अनुसार, यह बोइंग 787 विमान की पहली दुर्घटना है।

Air India Plane Crash Full List Of Boeing Plane Incidents Safety Concerns A Long List Of Accidents Were Warnings Ignored
ये बोइंग नहीं, बम है… दुर्घटनाओं की लंबी सूची देख दहल जाएगा दिल, काश हम चेतावनी पर ध्‍यान दे देते
बोइंग कंपनी के विमानों से जुड़ी दुर्घटनाओं की एक लंबी फेहर‍िस्‍त है। अहमदाबाद में एयर इंडिया का जो विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, वह बोइंग का ही था। इससे पहले, बोइंग ने 737 मैक्स विमान दुर्घटनाओं के लिए समझौता किया था। अतीत में, दक्षिण कोरिया और लिथुआनिया में भी बोइंग विमान दुर्घटनाग्रस्त हुए थे।

नई दिल्ली: बोइंग दुनिया के सबसे बड़े विमान निर्माताओं में से एक है। अमेरिका की यह मल्टीनेशनल कंपनी दुनियाभर में हवाई जहाज, रोटरक्राफ्ट, रॉकेट, सैटेलाइट और मिसाइलों को बनाती और बेचती है। इसका मुख्यालय पहले शिकागो, इलिनोइस में था। लेकिन, अब इसका हेडक्वार्टर वर्जीनिया में स्थित है। जितनी बड़ी यह कंपनी है, दुर्भाग्य से इसके इतिहास के साथ उतनी ही बड़ी विमान दुर्घटनाएं भी जुड़ी हुई हैं। इसलिए एयर इंडिया का मामला पहला नहीं है।
गुरुवार को गुजरात के अहमदाबाद में बड़ा विमान हादसा हुआ। एयर इंडिया का यात्री विमान अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसके बाद बोइंग कंपनी की सुरक्षा और विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं। हाल ही में कई विमान दुर्घटनाओं के बाद यह चिंता बढ़ गई है। अहमदाबाद में हुआ विमान हादसा एक और दुखद घटना है। एयर इंडिया का 787-8 ड्रीमलाइनर विमान लंदन के गैटविक हवाई अड्डे पर उतरने वाला था। लेकिन, उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद यह गुजरात के सबसे बड़े शहर अहमदाबाद के मेघानी इलाके में रिहाशयी इलाके में गिर गया। इस विमान में 242 यात्री और चालक दल के सदस्य थे। एयरलाइन कंपनी इस दुर्घटना के कारणों की जांच कर रही है। यह घटना बोइंग कंपनी के विमानों से जुड़ी कई दुखद घटनाओं में से एक है।

एयर इंडिया की फ्लाइट में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, एक कनाडाई और सात पुर्तगाली नागरिक सवार थे। विमान में आग लग गई और चारों तरफ धुंआ फैल गया। बोइंग कंपनी के विमानों के साथ पहले भी कई हादसे हो चुके हैं। इन हादसों के कारण कंपनी की सुरक्षा और विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं।
दुर्घटनाओं की लंबी फेहर‍िस्‍त
कुछ दिन पहले बोइंग ने 737 मैक्स विमान से जुड़ी दुर्घटनाओं के लिए अमेरिकी न्याय विभाग के साथ 1.1 अरब डॉलर का समझौता किया था। इन दुर्घटनाओं में 2018 और 2019 में इथियोपिया और इंडोनेशिया में 346 लोग मारे गए थे। जांच में पता चला कि दोनों दुर्घटनाएं विमान के उड़ान नियंत्रण प्रणाली में खराबी के कारण हुईं थीं। इसके बाद 737 मैक्स विमानों को दुनियाभर में लगभग दो साल के लिए रोक दिया गया था।

 

पिछले दिसंबर में दक्षिण कोरिया में एक बोइंग विमान रनवे से फिसलकर एक कंक्रीट की दीवार से टकरा गया, जिससे विमान में आग लग गई। इस हादसे में 181 लोगों में से दो को छोड़कर सभी मारे गए थे। मरने वालों में एक तीन साल का बच्चा भी शामिल था।

नवंबर में लिथुआनिया में एक बोइंग 737 मालवाहक विमान उतरते समय नियंत्रण खो बैठा और एक घर से टकरा गया, जिससे एक व्यक्ति की मौत हो गई और तीन घायल हो गए।

कुछ हफ्ते पहले, सेनेगल के एक हवाई अड्डे पर बोइंग 737 विमान उड़ान भरने में विफल रहा और रनवे से फिसलकर झाड़ियों में चला गया। इस विमान में 78 यात्री सवार थे। विमान में आग लग गई और उसे गंभीर नुकसान हुआ।

सुरक्षा जांच की घोषणा
मई 2024 में अमेरिका के संघीय विमानन प्रशासन (FAA) ने बोइंग कंपनी के खिलाफ एक नई सुरक्षा जांच शुरू करने की घोषणा की। वॉल स्ट्रीट जर्नल ने बताया कि जांच का उद्देश्य यह पता लगाना था कि बोइंग ने अपने 787 विमानों पर सुरक्षा निरीक्षण आवश्यकताओं को पूरा किया है या नहीं।

नियामकों का कहना था कि बोइंग ने उन्हें बताया कि उनके कर्मचारियों ने 787 ड्रीमलाइनर विमानों पर कुछ निरीक्षण छोड़ दिए होंगे। एफएए ने कहा कि वह जांच कर रहा है कि क्या बोइंग ने निरीक्षण पूरा किया और क्या कंपनी के कर्मचारियों ने विमान के रिकॉर्ड में हेरफेर किया है।

तीन महीने पहले, FAA ने बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमानों के लिए अनिवार्य निरीक्षण का आदेश जारी किया था।

मार्च 2024 में LATAM एयरलाइंस के एक बोइंग 787 विमान में एक भयानक घटना हुई, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। इनमें से एक गंभीर रूप से घायल हो गया। सिडनी-ऑकलैंड उड़ान के दौरान विमान अचानक नीचे गिर गया था। विमान में 263 यात्री और नौ चालक दल के सदस्य सवार थे।

पिछले साल 5 जनवरी को अलास्का एयरलाइंस की एक उड़ान में हवा में एक दरवाजा खुल गया था। अलास्का एयरलाइंस का विमान 737 मैक्स 9 था। यह घटना 16,000 फीट की ऊंचाई पर हुई थी।

क‍ितने सुर‍क्ष‍ित हैं बोइंग के व‍िमान?
पिछले साल ही बोइंग के एक व्हिसलब्लोअर ने कंपनी के खिलाफ आपराधिक जांच शुरू करने की मांग की थी। उनका कहना था कि बोइंग के विमान सुरक्षित नहीं हैं। बोइंग के पूर्व वरिष्ठ प्रबंधक एड पियर्सन ने कहा कि विमानों में बहुत सारी खामियां हैं।

फाउंडेशन ऑफ एविएशन सेफ्टी के कार्यकारी निदेशक ने अधिकारियों से आपराधिक जांच शुरू करने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि ये विमान सुरक्षित नहीं हैं। वे अभी भी सुरक्षित नहीं हैं।

अब, पियर्सन ने सुझाव दिया है कि बोइंग FAA की समय सीमा को पूरा करने में विफल रहा होगा और उसने समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध किया है। पियर्सन ने BBC रेडियो 4 को बताया कि कार्रवाई की जरूरत है, बातों की नहीं।

2018-2019 की बोइंग 737 MAX दुर्घटनाएं बोइंग के लिए हाल के इतिहास में सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक थीं। अक्टूबर 2018 इंडोनेशिया में बोइंग 737 MAX 8 विमान उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद जावा सागर में गिर गया, जिससे इसमें सवार सभी 189 लोग मारे गए थे। मार्च 2019 में इथियोपिया में एक और बोइंग 737 MAX 8 विमान उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसमें सवार सभी 157 लोग मारे गए थे।

 

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12 जून को दोपहर 1 बजकर 38 मिनट पर एयर इंडिया के बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान ने अहमदाबाद के सरदार वल्लभ भाई पटेल एयरपोर्ट से 230 यात्रियों और चालक दल के 12 सदस्यों के साथ उड़ान भरी.

कुछ ही सेकंड बाद ये विमान एयरपोर्ट रनवे से क़रीब 2 किलोमीटर दूर बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर गिरा.

विमान में सवार एक यात्री को छोड़कर सभी लोगों की मौत हो गई. हॉस्टल में मौजूद मेडिकल छात्रों समेत कई अन्य लोग भी इस हादसे में मारे गए हैं.

ये बोइंग 787 ड्रीमलाइनर का पहला हादसा है. पिछले महीने ही 787 ड्रीमलाइनर ने सौ करोड़ से अधिक यात्रियों को सफ़र करवाने का रिकॉर्ड बनाया था.

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14 साल पहले सेवा में आया ये विमान अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्राओं का प्रमुख माध्यम है.

एयर इंडिया क्रैश से पहले इस विमान का सुरक्षा रिकॉर्ड बेहतरीन रहा है.

एयर इंडिया का जो बोइंग 787 ड्रीमलाइनर हादसे का शिकार हुआ है, वह भी 12 साल पहले सेवा में आया था.

ये विमान हादसे का शिकार होने से पहले आठ हज़ार से अधिक टेक ऑफ़ और लैडिंग कर चुका था. एयर इंडिया के पास ऐसे 27 विमान हैं, जिनमें से एक अब क्रैश हो चुका है.

अहमदाबाद में हुए इस हादसे ने ना सिर्फ़ बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान का सुरक्षा रिकॉर्ड ख़राब किया है बल्कि ये हादसा पहले से चुनौतियों में घिरी बोइंग के लिए भी मुश्किलें पैदा कर सकता है.

हालांकि ये पहली बार नहीं है जब बोइंग का कोई विमान हादसों को लेकर ख़बरों में हो. 2018 और 2019 में इंडोनेशिया और इथियोपिया में बोइंग के विमान क्रैश हुए थे और सैकड़ों लोग इन हादसों में मारे गए थे. तब बोइंग 737 मैक्स हादसों का शिकार हुआ था. ये ड्रीमलाइनर से अलग विमान है.

उन हादसों की वजह सॉफ़्टवेयर में आई ख़ामियां थीं और उस मॉडल के विमानों को दुनियाभर में 18 महीनों के लिए उड़ान भरने से रोकना पड़ा था.

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हालांकि, अभी तक ऐसा कोई संकेत नहीं है कि इस हादसे में बोइंग की तरफ़ से कोई ख़ामी रही है.

हादसे का शिकार हुए विमान के ब्लैक बॉक्स मिलने और हादसे के कारणों की जांच पूरी होने के बाद ही तस्वीर पूरी तरह साफ़ हो सकेगी कि ग़लती बोइंग की थी या नहीं.

इस हादसे के कारणों को लेकर कई थ्योरी दी जा रही हैं. बीबीसी संवाददाता निक मार्श से बात करते हुए एक पायलट ने कहा, “आज के दौर में ये दुर्लभ है कि विमान निर्माता की किसी ख़ामी की वजह से कोई बड़ा हादसा हो जाए.”

उन्होंने कहा, “अगर बोइंग 737 मैक्स से जुड़े हादसों को छोड़ दिया जाए तो अधिकतर विमान हादसे कॉकपिट में हुई मानवीय ग़लती की वजह से होते हैं.”

दुनिया में अधिकतर यात्री विमान इस समय दो ही कंपनियां बनाती हैं- बोइंग और एयरबस.

अगर आप किसी कमर्शियल विमान से यात्रा करते हैं तो बहुत संभव है आप इन दोनों में से किसी एक कंपनी के बनाए विमान में बैठे हों.

यात्री विमान उत्पादन उद्योग में प्रभावी रूप से बोइंग और एयरबस का ही दो-तरफ़ा एकाधिकार है.

अब एक बार फिर, एक दुखद विमान हादसे के साथ बोइंग का नाम जुड़ गया है.

अहमदाबाद विमान हादसे के बाद बोइंग ने कहा है- “हमारी संवेदनाएं यात्रियों, चालक दल और बचावकर्मियों और इस हादसे से प्रभावित सभी लोगों के साथ हैं.”

बोइंग ने ये भी कहा है कि वह हादसे के बारे में अधिक जानकारी इकट्ठा करने के लिए एयर इंडिया के साथ मिलकर काम कर रही है.

बोइंग के सीईओ कैली ओटबर्ग ने यात्रियों और उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्ति करते हुए कहा है कि बोइंग हादसे की जांच में मदद करेगी.

भारत का एयरक्राफ़्ट एक्सीडेंट इंवेस्टिगेशन ब्यूरो (एएआईबी) इस हादसे की जांच कर रहा है.

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इस हादसे के बाद जब गुरुवार को अमेरिका में बाज़ार बंद हुए तो बोइंग के शेयर 5 प्रतिशत तक गिर चुके थे.

बोइंग कई साल से विवादों और परेशानियों में चल रही है. पिछले साल कंपनी को हर महीने एक अरब डॉलर का नुक़सान हुआ. अब इस हादसे ने ज़ाहिर तौर पर बोइंग के लिए मुश्किलें और बढ़ा दी हैं.

कंपनी विमानों की सुरक्षा को लेकर उठ रहे सवालों के संकट और गुणवत्ता नियंत्रण से जुड़े विवादों से संघर्ष कर रही है. पिछले साल कंपनी के कर्मचारियों ने सात सप्ताह तक हड़ताल की, जिसका भी भारी नुक़सान कंपनी को उठाना पड़ा.

पिछले साल अलास्का एयरलाइन की एक उड़ान के दौरान बोइंग के विमान का दरवाज़ा हवा में ही उड़ गया था. इस हादसे में विमान सुरक्षित एयरपोर्ट पर लौटने में कामयाब रहा था और किसी की जान नहीं गई थी. लेकिन कंपनी को 16 करोड़ डॉलर का हर्जाना चुकाने के लिए मजबूर होना पड़ा.

737 मैक्स विमानों के हादसे के बाद उड़ानों पर रोक लगने के कारण बोइंग को साउथवेस्ट एयरलाइंस को हुए वित्तीय नुक़सान की भरपाई के लिए भी 42.8 करोड़ डॉलर चुकाने पड़े थे.

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बीते साल बोइंग के कर्मचारियों ने कंपनी प्रबंधन के ख़िलाफ़ लंबी हड़ताल की थी. इससे भी बोइंग की सेहत पर असर हुआइमेज स्रोत,Getty Images
इमेज कैप्शन,बीते साल बोइंग के कर्मचारियों ने कंपनी प्रबंधन के ख़िलाफ़ लंबी हड़ताल की थी, इससे भी बोइंग की सेहत पर असर हुआ
लेकिन बोइंग के लिए समस्याएं सिर्फ़ वित्तीय ही नहीं है. विमानों की सुरक्षा को लेकर उठ रहे सवाल और भी गंभीर हैं.

इसी साल अप्रैल में ही कंपनी ने कहा था कि ‘सुरक्षा और गुणवत्ता को लेकर हमारे निरंतर प्रयास जारी हैं और इसके नतीजे में विमानों के संचालन में सुधार हुआ है.’

साल 2019 में बोइंग के एक कर्मचारी जॉन बर्नेट ने बीबीसी को बताया था कि दबाव में काम कर रहे कर्मचारी जानबूझकर मानकों पर खरे ना उतरने वाले कल-पुर्ज़े विमानों में लगा रहे हैं.

32 साल तक बोइंग के क्वालिटी कंट्रोल मैनेजर रहे जॉन बर्नेट मार्च 2017 में स्वास्थ्य कारणों से रिटायर हो गए थे. उन्होंने पिछले साल मार्च में आत्महत्या कर ली थी. बोइंग ने जॉन बर्नेट के आरोपों को निराधार बताया था. बोइंग से जुड़े एक इंजीनियर सैम सालाेहपोर ने भी बोइंग से जुड़ी कुछ जानकारियों को उजागर किया था और अमेरिकी राजनेताओं से कहा था कि बोइंग ने उन्हें धमकियां दी और उत्पीड़न किया.

सैम सालेहपुर ने भी बोइंग विमानों की सुरक्षा से खिलवाड़ को लेकर दावे किए थे.

हालांकि, बोइंग ने भी अपने कर्मचारियों से कहा था कि अगर उन्हें विमानों की सुरक्षा के बारे में चिंताएं हैं तो वे साझा करें.
बोइंग का ये भी कहना है कि किसी कर्मचारी पर प्रतिक्रियात्मक कार्रवाई नहीं होगी.बोइंग ने ये दावा भी किया है कि जनवरी के बाद से कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर जानकारियां देने में 500 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जिसका संकेत ये है कि ‘बोइंग में जानकारी देने की संस्कृति में प्रगति हुई है और प्रतिक्रिया का डर नहीं है.’

बोइंग इस समय वित्तीय और क़ानूनी चुनौतियों से जूझ रही है, एयर इंडिया दुर्घटना ने अब फिर से कंपनी की साख़ पर सवाल उठा दिए हैं
बोइंग इंडोनेशिया और इथियोपिया में हुई विमान दुर्घटनाओं के कारण भी क़ानूनी विवादों में फंसी हैं. पिछले महीने ही बोइंग अमेरिका के न्याय विभाग से समझौता कर आपराधिक मुक़दमे से बाल-बाल बची.

पीड़ितों के परिवारों को इससे ज़रूर झटका लगा. अमेरिका के न्याय मंत्रालय ने बताया कि बोइंग ने स्वीकार किया है कि उसने अमेरिका के एफ़एफ़ए (संघीय विमान प्राधिकरण) की जांच को प्रभावित करने के लिए साज़िश की. बोइंग हर्जाने में 1.1 अरब डॉलर चुकाएगी. पिछले कुछ सालों में बोइंग के शीर्ष नेतृत्व में भी बड़ा बदलाव हुआ है. हालांकि ये कोई हैरानी की बात नहीं है. संकट से गुज़र रही कंपनी को बचाने के लिए कैली ओर्टबर्ग रिटायर होने के एक साल बाद वापस आए और सीईओ के पद की ज़िम्मेदारी संभाली.

उन्होंने सुरक्षा को लेकर बोइंग की संस्कृति में बदलाव लाने का वादा किया है और उन्होंने हाल ही में कहा था कि उन्हें विश्वास है कि जल्द ही बोइंग फिर से मुनाफ़े में लौटेगी.

अब बोइंग के सामने एक और बड़ा संकट खड़ा हो गया है और इससे निकलना कंपनी के लिए आसान नहीं होगा.

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