आपरेशन सिंदूर: कोलंबिया, अमेरिका से बहरीन तक… भारत की 7 संसदीय टीमों के ग्लोबल मिशन ने क्या पाया? 10 बिंदू
बोगोटा, अमेरिका से बहरीन तक… भारत की 7 संसदीय टीमों के ग्लोबल मिशन का गेन क्या रहा? 10 बिंदुओं में समझें
आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई को धार देने और वैश्विक समुदाय को अपने रुख के बारे में बताने के लिए सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल अलग-अलग देशों की यात्रा कर रहे हैं. इस दौरान भारत को तमाम देशों से समर्थन हासिल हुआ है और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकजुट होने का भरोसा भी मिला है.
alt=”कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी किया डेलिगेशन का नेतृत्व
नई दिल्ली,02 जून 2025,जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले और उसके बाद ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत की जवाबी कार्रवाई दुनिया ने देखी. इसके बाद भारत ने आतंक परस्त मुल्क पाकिस्तान की पोल खोलने के लिए 32 देशों में सात अलग-अलग सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजे. इन डेलिगेशन में सांसद, पूर्व मंत्री और पूर्व राजदूत शामिल हैं, जो बोगोटा, अमेरिका से लेकर बहरीन तक की यात्री कर पाकिस्तान की सच्चाई दुनिया के सामने ला रहे हैं. इस मिशन ने भारत का संदेश वैश्विक मंच तक पहुंचाया है और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई मजबूत की है.
भारत का यह ग्लोबल मिशन अब तक काफी सफल रहा है. इसके जरिए न सिर्फ भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपना रुख दुनिया के सामने रखा है बल्कि वैश्विक समर्थन भी जुटाया है. देश के वरिष्ठ सांसदों ने अलग-अलग देशों में जाकर कूटनीतिक डायलॉग, प्रेस कॉन्फ्रेंस और बैठकों के जरिए पाकिस्तान का असली चेहरा दुनिया को दिखा दिया है और भारत के आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन सिंदूर को वैश्विक पहचान दिलाई है.
आतंकवाद के खिलाफ जीरो टोलरेंस
सबसे पहले भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने अलग-अलग देशों की यात्रा कर यह साफ कर दिया कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ जीरो टोलरेंस की पॉलिसी पर आगे बढ़ चुका है. इसका मतलब है कि पाकिस्तान आतंकवाद का नकाब पहनकर जो प्रॉक्सी वॉर लड़ता है, उसे अब जंग ही माना जाएगा और भारत इसका जवाब उसी तरीके से देगा. भारत ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी अड्डों को तबाह कर यह मैसेज दे भी दिया है. साथ ही आगे के लिए पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि किसी भी तरह की आतंकी गतिविधि का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा.
पाक से सिर्फ PoK पर बात
पाकिस्तान आए दिन कश्मीर का मुद्दा लेकर वैश्विक मंचों पर ले जाता रहा है. लेकिन भारत ने अपना स्टैंड एकदम साफ करते हुए कहा है कि पाकिस्तान से अब सिर्फ पीओके यानी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के मुद्दे पर बात होगी और कश्मीर बातचीत का मुद्दा ही नहीं है. मलेशिया गए डेलिगेशन का हिस्सा रहे टीएमसी के सांसद अभिषेक बनर्जी ने कुआलालंपुर में भारतीय प्रवासियों के साथ बातचीत करते हुए कहा कि पाकिस्तान के साथ अगली वार्ता सिर्फ पीओके को वापस हासिल करने पर होनी चाहिए.
अभिषेक बनर्जी ने कहा कि 22 अप्रैल को जो कुछ हुआ, जिसमें 26 लोगों को सिर्फ उनके धर्म और लिंग के आधार पर गोली मारकर हत्या कर दी गई. अब सिर्फ पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू कश्मीर को वापस लेने के मुद्दे पर बातचीत होगी, वरना ये आतंकवादी हमले जारी रहेंगे. उनके डेलिगेशन को जेडीयू सांसद संजय झा लीड कर रहे हैं.
दुनिया से एकजुट होने की अपील
बीजेपी सांसद बैजयंत पांडा की अगुवाई में अल्जीरिया की यात्रा पर गए डेलिगेशन ने कहा कि आतंकवाद एक वैश्विक खतरा है, जिसका समाधान मानवता को एकजुट होकर करना होगा. इस सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने अल्जीरियाई मीडिया, थिंक टैंक के सदस्यों, प्रवासी भारतीयों के एक वर्ग को भारत के रुख के बारे में जानकारी दी.
प्रतिनिधिमंडल ने अल्जीरिया के विदेश मंत्री की राज्य सचिव सेल्मा बख्ता मंसूरी से भी मुलाकात की और उन्हें पहलगाम हमले, ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद के घटनाक्रम के बारे में बताया. प्रतिनिधिमंडल ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को मजबूत करने के लिए अल्जीरिया की साझा प्रतिबद्धता की सराहना की.
शांति से ही प्रगति का रास्ता
स्पेन की राजधानी मैड्रिड गए डेलिगेशन का नेतृत्व डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि ने दिया. इस दौरान स्पेन में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित करके डेलिगेशन ने अपनी पांच देशों की यात्रा के अंतिम चरण की शुरुआत की. प्रतिनिधिमंडल ने प्रवासी समुदाय को एक शक्तिशाली संदेश दिया, जिसमें इस बात पर जोर दिया गया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में अडिग और एकजुट है, जो वैश्विक शांति और मानवता के लिए खतरा है.
प्रतिनिधिमंडल ने स्पेन में भारतीय समुदाय से अपनी जड़ों पर गर्व करने, एकजुट होने और न्याय और शांति को बढ़ावा देने के भारत के कोशिशों का सक्रिय रूप से समर्थन करने का आग्रह किया. डेलिगेशन स्पेन के नेताओं को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी देने और शांति, स्थिरता और आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ रुख के लिए प्रतिबद्ध दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में भारत के रुख को साफ करेगा.
कोलंबिया में कूटनीतिक जीत
कोलंबिया की राजधानी बोगोटा में भारत को बड़ी कूटनीतिक जीत हासिल हुई. यहां देश की उप विदेश मंत्री रोसा योलांडा विलाविसेनियो ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर की नाराजगी के बाद पाकिस्तान के समर्थन वाला बयान वापस लिया. पहले कोलंबिया ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान में हुई मौतों पर संवेदना जताई थी. इस पर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे शशि थरूर ने चिंता जताते हुए कहा था कि भारत कोलंबिया सरकार की प्रतिक्रिया से निराश है. इसके बाद कोलंबिया ने बयान वापस लेने का फैसला किया और भारत के रुख की सराहना की.
ओवैसी ने बहरीन से लगाई क्लास
डेलिगेशन में शामिल AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी पाकिस्तान को बेनकाब करने वाली टीम में शामिल रहे. उन्होंने बहरीन की यात्रा के दौरान कहा कि आतंकवादी समूह बकसूर लोगों की हत्या करते हैं और उसे सही ठहराने के लिए धर्म का गलत इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने कहा कि इस्लाम आतंकवाद की निंदा करता है और कुरान साफ तौर पर कहता है कि निर्दोष व्यक्ति को मारना पूरी मानवता को मारने के बराबर है. इसी तरह अल्जीरिया में पाकिस्तान की पोल खोलते हुए ओवैसी ने आतंकी जकीउर रहमान लखवी का जिक्र किया और कहा कि दुनिया का कोई भी देश आतंकवाद के आरोप का सामना कर रहे शख्स को जेल से बाहर आने की इजाजत नहीं देगा, लेकिन वो जेल में बैठे-बैठे ही एक बेटे का पिता बन गया.
राजनीतिक एकजुटता का उदाहरण
आतंकवाद के खिलाफ इस ग्लोबल मिशन में भारत ने अपनी एकजुटता दुनिया को दिखाई. 32 देशों की यात्रा पर गए सात डेलिगेशन में से 3 समूहों का नेतृत्व विपक्ष की तीन अलग-अलग पार्टियों के नेता कर रहे हैं, जिनमें कांग्रेस के शशि थरूर, डीएमके की कनिमोझी और एनसीपी की सुप्रिया सुले शामिल हैं. देश के भीतर तमाम राजनीतिक विरोध के बावजूद भारत ने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेज दिखाया है कि देश की बात आने पर हम अपने सभी विरोध भुलाकर एक मंच पर, एक साथ खड़े होकर, एक सुर में आवाज बुलंद कर सकते हैं.
कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने ब्राजील की यात्रा की और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत की मजबूत राष्ट्रीय सहमति और रुख के बारे में बताया. इसी तरह एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले के नेतृत्व में संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने इथियोपिया की अपनी यात्रा खत्म कर ली है.
मानने वाला नहीं है पाकिस्तान
भारत के प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तान की पोल करते खोलते हुए उसकी आतंकवाद को समर्थन देने वाली नीति से दुनिया को अवगत कराया है. विदेश दौरे पर गए शशि थरूर का कहना है कि अब पाकिस्तान के साथ विवाद का हल निकलना जरूरी है. उन्होंने कहा कि हमने सब कुछ आजमा कर देख लिया है, इंटरनेशनल डोजियर, शिकायतें, सब कुछ आजमा लिया गया है. पाकिस्तान इनकार करता रहा है, वहां किसी को भी दोषी नहीं ठहराया गया, कोई गंभीर आपराधिक मुकदमा नहीं चलाया गया, उस देश में आतंकी ढांचे को खत्म करने की कोई कोशिश नहीं की गई बल्कि आतंकियों को सुरक्षित ठिकाने दिए गए. लेकिन भारत ने ऑपरेशन सिंदूर से दिखाया दिया कि हम उन ठिकानों को सटीकता के साथ टारगेट कर सकते हैं.
सबका साथ, सबका विश्वास
विदेश दौरा करने वाले भारत के सभी 7 डेलिगेशन में एक-एक मुस्लिम सदस्य को भी जगह दी गई है. इससे पाकिस्तान के उन झूठे आरोपों को करार जवाब मिला है जिसमें वह भारत में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न का आरोप लगाता रहा है. यही नहीं, भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिका, ब्रिटेन और जापान जैसे देशों के अलावा इंडोनेशिया, बहरीन, सऊदी अरब जैसे मुस्लिम देशों की भी यात्रा की है, ताकि धर्म का मुखौटा पहनकर आतंकवाद का खूनी खेल खेलने वाले पाकिस्तान की सच्चाई इन देशों के सामने भी लाई जा सके.
दुनियाभर के देशों से मिला समर्थन
भारत के डेलिगेशन को अमेरिका, जापान, ब्रिटेन में व्यापक समर्थन मिला है और इन देशों ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपनी प्रतिबद्धता जताई है. इसके अलावा सबसे बड़ा मुस्लिम देश इंडोनेशिया भी भारत के साथ खड़ा है. डेलिगेशन ने OIC में पाकिस्तान की ओर से भारत के खिलाफ किसी भी प्रस्ताव को रोकने के लिए इंडोनेशिया की मदद मांगी थी, ताकि वहां पाकिस्तान को प्रोपेगेंडा काम न आ सके. इसके अलावा ओमान, कजाकिस्तान, मिस्र और बहरीन जैसे देशों ने भी पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत का समर्थन किया है.