मीडिया आयोग, सुरक्षा और ठेका पत्रकारों के लिए लड़ेगा एनयूजेआई

एनयूजे-आई की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में पत्रकार सुरक्षा सहित कई प्रस्ताव पारित
आज अधिकांश पत्रकार ठेके पर हैं, इस पर लंबी लड़ाई लड़नी होगी : मनोज मिश्रा
हमारे चुनाव न केवल निर्विरोध हुए बल्कि देशव्यापी प्रतिनिधित्व ने हमारी कार्यक्षमता को निखारा : सुरेश शर्मा
नयी दिल्ली 26 जुलाई । नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्टस (इंडिया) की वैबिनार के माध्यम से हुई राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को पारित कर सम्पन्न हुई। एनयूजेआई की इस ऐतिहासिक बैठक को सार्थक बनाने में एनयूजेआई के पुराने पदाधिकारियों सर्वश्री के. एन मलिक, अच्युतानंद मिश्र, के.एन. गुप्ता, गुलाब बत्रा, आत्मदीप, उपाला लक्ष्मण, अशोक मलिक ने कार्यक्रम में शामिल होकर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बैठक में जिन्होंने अपना स्नेहपूर्ण समर्थन भेजा उनमें सर्वश्री श्याम खोसला,बलबीर पुंज ,पी. के. राय व बालमुकुंद भारती शामिल हैं। वहीं वरिष्ठ एनयूजेआई नेता सर्वश्री विजय क्रांति,राम भुवन सिंह कुशवाह, ताराशंकर जोशी, बिश्वदेव भट्टाचार्य, शिरीष मोहंती एवं सुश्री विचित्रा शर्मा विशेष रूप से शामिल हुए। बैठक में एनयूजेआई के लगभग सभी पदाधिकारी व कार्यसमिति के सदस्य व सम्बद्ध राज्यों के अध्यक्ष व महामंत्री उपस्थित रहे। एनयूजेआई के सभी नेताओं को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज मिश्रा ने कहा कि आज अधिकांश पत्रकार ठेके पर हैं। इनके लिए लंबी लड़ाई लड़नी होगी। ठेके की प्रथा को बंद कराना होगा। राष्ट्रीय अध्यक्ष मिनरल ने संगठन में तीन तरह के पत्रकारों के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा की। उन्होंने कहा कि हम सभी पॉजिटिव न्यूज़ जारी रखें। उन्होंने कहा कि हम सभी ‘ओनली जर्नलिस्टस’ पर ही कार्य जारी रखें। एनयूजेआई के निवर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक मलिक ने मीडिया कमीशन,वेज बोर्ड/पंचवर्षीय विशेषज्ञ समिति व पत्रकार सुरक्षा सहित कई समीचीन मुद्दों पर विस्तार से प्रकाश डाला। एनयूजे-आई के राष्ट्रीय महासचिव सुरेश शर्मा ने नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट (इंडिया) की गतिविधियों के बारे में बताया कि रोहतक कार्यसमिति में ही नए चुनाव की रूपरेखा तैयार कर ली गई थी। चुनाव अधिकारी एनयूजे-आई के पूर्व अध्यक्ष उपाला लक्ष्मण को बनाया गया। उनके सहयोगी चुनाव अधिकारी अनिल गोयल बनाये गए। उन्होंने संविधान के सभी बिंदुओं का पालन कराकर चुनाव सम्पन्न कराए। चुनाव प्रक्रिया में संविधान की समस्त प्रक्रियाओं का ध्यान रखते हुए सर्वानुमति से चुनाव संपन्न हुए। 17 राज्य इकाइयों ने चुनाव प्रक्रिया में भागीदारी की। 13 राज्य इकाइयों का कार्यसमिति में प्रतिनिधित्व हुआ है। चुनाव प्रक्रिया संपन्न होने के तत्काल बाद कोरोना महामारी से देशभर में विषम परिस्थितियां निर्मित हो गई और लॉकडाउन के कारण साथ बैठकर काम और बैठक करना संभव नहीं हो पाया। इस कारण डिजिटल माध्यम से गतिविधियां प्रारंभ हुई जिसमें काफी समय व्यर्थ चला गया। उन्होंने कहा कि हमारे चुनाव न केवल निर्विरोध हुए बल्कि देशव्यापी प्रतिनिधित्व ने हमारी कार्यक्षमता निखारी। इसलिए एक कार्यपद्धति का निर्धारण किया गया। प्रमुख नेताओं के साथ बातचीत करके योजना निर्धारण और उसे पदाधिकारियों के ग्रुप में डाल कर सबको अवगत कराना। ताकि सभी पदाधिकारियों को अपनी सहभागिता अनुभव हो और वे अपने अमूल्य सुझाव दे सकें। इससे आपसी समझ और विश्वास में बढ़ोतरी हुई। संरचना,संगठन और समन्वय इन तीन बिंदुओं को केंद्र में रखकर नए चुनाव के बाद वर्तमान टीम ने काम करना प्रारंभ किया। संरचना: मतलब हमने दस्तावेजीकरण करने के लिए कार्य प्रारंभ किया। संगठन : हमारे संगठन की सभी क्षेत्रों में स्वीकार्यता हो और संबद्ध राज्यों में उत्साह के साथ हमारे प्रति आकर्षण हो। समन्वय: जिन नेताओं को हम महत्वपूर्ण मानते हैं उन्हें अपने साथ जोड़ने के यत्न जारी रखने का प्रयास हुआ। एकता के संबंध में रोहतक प्रस्ताव को ध्यान में रखते हुए समन्वय के प्रयास लगातार जारी रहे हैं। राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि पत्राचार के मामले में हमारा हाथ खुला हुआ है। किसी भी राज्य इकाई के साथ पत्राचार के संबंध में या उनके उपयोगिता के लिए मांगे जाने वाले पत्रों को भेजने में हमने कभी विलंब नहीं किया। राज्य इकाइयों के साथ हुए पत्राचार को हम विवरण सहित प्रस्तुत करने की बजाए,सभी राज्यों के संतुष्ट होने का उल्लेख भर कर रहे हैं। लेकिन शासन स्तर पर हम ने व्यापक पत्राचार किए हैं। कोविड-19 मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हमने कई पत्र लिखे हैं जिसमें पत्रकारों को सुरक्षा और आर्थिक संरक्षण देने की मांग की गई है। जब प्रधानमंत्री मोदी ने भारत सरकार की ओर से 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा की गई,तब उस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एनयूजे-आई की ओर से पत्रकारों को भी पैकेज का कुछ हिस्सा मिले,इसके लिए एक विस्तृत पत्र लिखा गया। उस पत्र को हमने सभी पदाधिकारियों को भेजा है जो सभी की संज्ञान में है। भारत के वित्त मंत्री को लिखे गए इस पत्र में हमने बिंदुवार अपनी मांगें रखी हैं। कोरोना से प्रभावित होकर दिवंगत हुए विभिन्न राज्यों के पत्रकारों के लिए आर्थिक सहायता देने की मांग के पत्र भी हमने विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों को लिखे हैं। हमारी इस पहल के बाद हमारी कई राज्य इकाइयों ने इस संबंध में राज्य की सरकारों में प्रतिनिधित्व किया।
उन्होंने बताया कि एनयूजे-आई के संविधान के मूल पाठ को छोड़कर कुछ तकनीकी खामियां संज्ञान में लाई गई जिसे सुधारते हुए संविधान को नए सिरे से छपवाया गया है। इसकी 500 प्रतियां छप कर तैयार हो रही हैं। अब हम नए लुक में अपने संविधान को अपने यहां संजोकर रख सकते हैं। हमारी प्रदेश इकाई दिल्ली पत्रकार संघ की ओर से डिजिटल माध्यम से एक महत्वाकांक्षी आयोजन किया गया जिसमें एनयूजे – आई की भागीदारी भी रही। हमने दो बार पदाधिकारियों की बैठक की जो जूम और गूगल मीट एप के माध्यम से हुई। कोरोना काल में जहां हम मिल नहीं पा सकते हैं,ऐसी स्थिति में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हमने अपनी गतिविधियां जारी रखी हैं।
बैठक में मनोरंजना सिंह ने उत्तर पूर्वी राज्यों में संगठन विस्तार को योगदान का प्रस्ताव रखा जिसे पदाधिकारियों ने सहर्ष स्वीकार किया। उत्तराखंड ईकाई की ओर से अध्यक्ष बृजेन्द्र हर्ष और महासचिव रवीन्द्र नाथ कौशिक ने भाग लिया।
बैठक में एनयूजेआई के 65 राष्ट्रीय पदाधिकारी व कार्यसमिति सदस्य और प्रदेश पदाधिकारी शामिल थे।

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