विनोद कापड़ी के ‘पीएम ने दी है क्या राहत इंदौरी को श्रद्धांजलि?’ पूछने पर पड़ी बेहिसाब गालियां

पत्रकार ने पूछा- राहत इंदौरी के निधन पर पीएम की श्रद्धांजलि दिखी क्या?, हो गए ट्रोल, पड़ने लगी गालियां

नई दिल्ली। मशहूर शायर और फिल्मों में गीत लिख चुके राहत इंदौरी का मंगलवार, 11 अगस्त को निधन हो गया। 70 साल के राहत इंदौरी कोरोना संक्रमित थे। उनके निधन पर पत्रकार और फिल्म निर्माता विनोद कापड़ी ने एक ट्वीट में सवाल करते हुए कहा कि, आखिर पीएम मोदी ने राहत इंदौरी के निधन पर श्रद्धांजलि दी क्या? इस ट्वीट के जवाब में लोगों ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया। कई लोग अपने जवाब में उन्हें गालियां भी देने लगे।

अपने ट्वीट में कापड़ी ने लिखा कि, ‘#RahatIndori के लिए देश के प्रधानमंत्री की तरफ से कोई श्रद्धांजलि दिखी क्या ?‘ इस ट्वीट पर एक यूजर ने लिखा कि, हमें तो देश के खिलाफ लिखने वाले के मरने पे कोई दुःख नहीं चाहे नेता हो या अभिनेता।

वहीं कुछ लोग विनोद कापड़ी के इस ट्वीट पर अपना समर्थन जता रहे हैं तो कुछ लोग इसके विरोध में अपना जवाब लिख रहे हैं। एक यूजर ने लिखा है कि, वो तो देश के खिलाफ लिखते थे। उनके लिए आखिर क्यों पीएम श्रद्धांजलि दें?


शशांक पटेल ने लिखा कि, हमने मोदी जी को प्रधानमंत्री ऐसे देशविरोधियों को श्रद्धांजलि देने के लिए नहीं बनाया है। समझे $%^ के!

Shashant patel
RAHAT INDORI recited his disgusting couplet about Vajpayee ji’s manhood just because he remained a Hindu bachelor for life.

“निकाह किया नहीं,
तो फिर यह मर्द कैसा ?
घुटनों से काम लिया ही नहीं,
तो फिर दर्द कैसा?”

But i will still say Om Shanti for there is Karma.

— Adv. Chandni Shah (@adv_chandnishah) August 12, 2020

जिसने श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेई को उनके घुटनों के ऑपरेशन के समय तंज कसते हुए व अपमानित करते हुए कहा था…

निकाह किया नहीं,
तो फिर यह मर्द कैसा?
घुटनों से काम लिया ही नहीं,
तो फिर दर्द कैसा?

एैसे को मै कभी श्रधांजलि न दूँगा l@narendramodi क्यों जरूरी है श्री मान

— GAURAV GAUR (@newgaur2050) August 11, 2020

विनोद कापड़ी के इस ट्वीट पर लोगों ने कुछ तरह से रिएक्शन दिए…

सभी का खून शामिल था इस देश की मिट्टी में … pic.twitter.com/RRVfG5Kykr

— Avinash Srivastava (@go4avinash) August 11, 2020

क्यो दे श्रदांजलि कोन है वो जिसने कितनी बार हिन्दुओ पर तंज कसा वाजपेयी जी के प्रति अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया श्रदांजलि देना कोई जबरदस्ती थोड़ी है

— Umashankar Khadria💯फॉलो बैक (@Umashankar_khad) August 12, 2020

ऐसी कौनसी बड़ी देश सेवा कर दी थी जो प्रधानमंत्री ट्वीट करें। ठीक है एक शायर कम हुवा। दुख हुवा । प्रधानमंत्री महत्व दे ये कतई जरूरी नही।

— 🇭‌🇮‌🇳‌🇩‌🇺🚩 (@indiangujarati1) August 11, 2020

2001 में अटल बिहारी वाजपेयी जी के घुटनो का ऑपरेशन हुआ था, तब राहत इंदौरी जी ने एक सायरी पढ़ी थी
खैर ईश्वर आपकी आत्मा को शान्ति प्रदान करे pic.twitter.com/8tswYA4pOf

— शुभेंदु कुमार पाल (@paul2009kumar) August 11, 2020

एसे दो कोड़ी के लोग रोज मरते हैं ओर प्रधानमंत्री जी इतने भी फ्री नहीं की हर किसी के मरने पर रndi रोना रोते रहे
दूसरी बात चमचे पतलकार जी श्रद्धांजलि वीरो को दी जाती है चोरों को नहीं

— ❤️NÏ$HÅ RÅTHÖR❤️ (@TheSaffronGirl) August 11, 2020

“रिवाज नही है हमारा.. किसी की मौत पर जश्न मनाने का..
लैकिन ना जाने क्यूँ… आज फिजाओं में सुकूँ महक रहा है”…
मस्जिदें कबूल थीं…बस मंदिर खटक गए….भूमिपूजन से आहत..राहत सटक गए…😂😂
घिसट ही रहे थे,थोड़ा और घिसट जाते ,
अयोध्या तो देखई लिए थे,काशी-मथुरा और देख जाते !😂😂!

— लाखन सिंह राणा (@6jaatspeaks) August 12, 2020

राहत साहब ने कहा था
“सभी का ख़ून है शामिल यहां की मिट्टी में,
किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है”

अब जिस के बाप का हिंदुस्तान होगा वह राहत साहब के लिए कुछ बोलेगा
मलाल ये कि जल्दी चले गए .. अभी तो बहुत कुछ कहना था राहत साहब को …#RahatIndori#riprahatindori

— Dhannjay singh yadav (@ANDhannjay) August 12, 2020

बहुत से लोग रोयेंगे तेरी मैय्यत में,

मेरे देश में तू इकलौता #गद्दार थोड़ी हैं #आहत_इंदौरी

— SUMIT UPADHYAY🇮🇳 (@sumit_____up) August 11, 2020

जो हिन्दू राहत इंदौरी के गम में मरे जा रहे हैं एक खबर उनके लिए…

इसी राहत इंदौरी ने पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी बाजपेयी जी के लिए कहा था..

निकाह किया ही नहीं…
तो फिर यह मर्द कैसा ?
घुटनों से काम लिया ही नहीं,
तो फिर दर्द कैसा ?

शर्म करो आंसू बहाने वाले हिन्दुओ

— अग्रयन सनातनी 🙏TPN🚩 (@Brand_anilgarg) August 11, 2020

राहत इंदौरी नही रहे, जब तक रहे हिंदुत्व के खिलाफ जहर बोलते रहे, एक मुशायरा राहत इंदौरी सिर्फ इसलिए छोड़कर भागा क्योंकि बैक स्टेज पर उनकी फोटो एक भगवा बैनर में लगा दी गयी थी..!
CAA/NRC प्रोटेस्ट के समय उनकी कही गई शायरी
ये दाड़ियाँ, ये तिलकधारियाँ नहीं चलतीं,
हमारे अहद में मक्कारियाँ नहीं चलतीं…. भी मुझे याद है !
दाढ़ियाँ और तिलकधारियाँ से उनका सीधा हमला मोदी/शाह और हिन्दुओ पर था….!!
किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़े है से सीधा हमारे पूर्वजों पर हमला करने वाले भी यही लंडुरी साहब थे….!!!

पर हिंदुस्तान का हिन्दू बहुत ही सहिष्णु है वो राहत इंदौरी को माफ जरूर कर देगा.!
खैर हम ऐसे जीवों का कोई सम्मान नहीं करते हैं ।।

🤑🤪🤣☝🏼☝🏼🧐
करोना सबके बाप का है,
किसी एक बाप का थोड़े ही ।

राहत इंदौरी
अच्छा शायर मगर घटिया आदमी

आज हमारी शायरी 72 हूरो के पास बैठे राहत इन्दोरी के नाम
“बहुत से लोग रोयेंगे मय्यत पे बैठ के तेरी
तू अकेला देश का गद्दार थोड़ी है”
“कभी लूटा फिरंगियों ने,कभी बाबर के पूतो ने
ये मेरा देश है,मुफ्त की सराय थोड़ी है!
“हाँ सभी का खून था शामिल यहाँ की मिट्टी में हम अनजान थोड़ी है”
बेटा तुम पहले ही ले चुके हो पाकिस्तान
तुम्हारे बाप का अब हिंदुस्तान थोड़ी है
@ विशाल चौहान

रामायण व हनुमान जी पर अपमानजनक शायरी करने वाले और बाजपेई जी को दो कौड़ी का बोलकर उनपर अश्लील टिप्पणी करने वाले #RahatIndori को शिलान्यास देखने के बाद शायद मुक्ति मिल सके।

राहत इंदौरी ने लिखा था:- सभी का खून शामिल है यहां कि मिट्टी में किसी के बाप का हिन्दुतान थोड़ी है
राहत की राहत मिटाते हुए आज के दिन दो शब्द:-
.
खफा होते हो तो होने दो, घर के मेहमान थोड़ी है
जहां भर से लताड़े जा चुके, इनका ईमान थोड़ी है
ये कान्हा राम की धरती, सजदा करना ही होगा
मेरा वतन मेरी माँ है, लूट का सामान थोड़ी है
बोहोत लूटा कभी बाबर तो कभी तैमूर की औलादो ने
ये मेरा देश कोई खैरात का सामान थोड़े है
मैं गर्व से कहता हूं कि
नही शामिल तुम्हारा खून, इस देश की पावन मिट्टी में
तुम्हारे बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है

ये शब्द भी राहत इंदौरी की जुबां से निकला था…
जिनके घर कुरान होती है। उनके घर कोरोना नही होता।
@हरीश रावल

तुकबन्दी का शायर गया है,
उसे सलाम थोड़ी है…
टुकड़े गैंग का इक पोपट था,
कोई APJ कलाम थोड़ी है!

बहुत से लोग रोयेंगे,
फूटकर तेरी मैय्यत में…
मेरे देश में तु इकलौता,
गद्दार थोड़ी है?

और भी बहुत से इंदौरी
जाएंगे कब्र में अभी…
अकेले वालिद ए राहत का
कब्रिस्तान थोड़े ही है!

मांगी थी दुआ शाह की,
राहत निकल लिया…
कोरोना तेरी दुआ का,
गुलाम थोड़ी है!

लेटा दो खोद के
अब जमीन दो गज…
72 हूरों का बाग है ये,
कब्रिस्तान थोड़े है!

मस्जिदें कबूल थीं,
बस मंदिर खटक गए.
भूमिपूजन से आहत,
राहत सटक गए.

☺️

किसी के मरने पर लोगों की क्या प्रतिक्रिया होगी,
ये उसके जीवित रहते हुए किये गए कर्म पर निर्भर है।

जनाब ये बीमारी और मौत पर बधाई देने का ट्रेंड तो आपने ही शुरू किया है।

याद कीजिए लता मंगेशकर की बीमारी पर आपकी खिलखिलाहट
लता मंगेशकर से बेहतरीन गायिका न पैदा हुई थी ना होगी मगर आपने उसके मरने की दुआएं मांगी क्योंकि वह मोदी को पसंद करती हैं।

आपने अटल के लिए कैसे “दो कौड़ी” शब्द का प्रयोग किया था,और घुटने के ऑपरेशन के उपहास किया था,वो वीडियो आज भी उपलब्ध है।

पाकिस्तान और बांग्लादेश के मुसलमानों को एक घंटे में वीजा देने वाली सुषमा स्वराज को भी आपने नहीं बख्शा।

अरूण जेटली और मनोहर पर्रिकर की मौत पर आपके कहकहे अभी तक कानों में गूंज रहे हैं।

मोदी फिसल कर लड़खड़ाए तो आपने चटखारे लिए।

अमित शाह की मृत्यु के लिए आपने बाकायदा दुआएं मांगी, अमित शाह जी बीमार हुए भारत का हर एक मुस्लिम खुशी मनाया और यहां तक कि आप लोगों ने उनकी शवयात्रा तक निकाली और वीडियो बना बना कर खुशी जाहिर किया और अब कहते हो कि हम गलत कर रहे हैं

हमने तो राममंदिर के फैसले के दिन एक जयकारा भी नहीं लगाया कि कहीं आपको बुरा न लगे

हमारे आराध्य देव श्री राम ने रावण वध के बाद भी अपने भाई लक्ष्मण को ज्ञान लेने के लिए रावण के चरणों की ओर भेजा क्योंकि रावण पंडित थे

हमारे संस्कार तो वहीं हैं

लेकिन आपने जो ट्रेंड शुरू किया है वही आपके लिए भी सोशल मीडिया में देखने को मिल रहा है क्योंकि गंगा जमुनी तहजीब की नकली परंपरा के दिन लद गए

और आपके शब्दो मे ही समझाएं तो…
“लगेगी आग तो आएंगे सभी जद में, यहाँ केवल मेरा मकान थोड़ी है”

बता दें कि राहत इंदौरी पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मंगलवार को उन्होंने ट्वीट कर जानकारी दी थी कि वह कोरोना संक्रमित हो गए हैं। इस ट्वीट के चंद घंटों बाद शाम में ट्वीट पर खबर आई कि राहत इंदौरी नहीं रहे। राहत इंदौरी का नाम देश के सबसे पॉपुलर उर्दू शायरों में शुमार था।

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