सीएए विरोधी दिल्ली दंगे:25 वाट्स एप ग्रुप से दिये जा रहे थे निर्देश

 

दिल्ली हिंसा मामले में चार्जशीट दाखिल:साजिश रचने वाले 25 वॉट्सऐप ग्रुप के जरिए दंगाइयों को निर्देश दे रहे थे; हिंसा वाली हर जगह के लिए खासतौर पर ग्रुप बनाया गया
नई दिल्ली,16 सितंबर।सीएए के विरोध के बीच उत्तर-पूर्व दिल्ली में 24 फरवरी को दंगे भड़के थे, हिंसा में 53 लोगों की मौत हुई थी

10 हजार पन्नों की चार्जशीट में अभी शरजील इमाम और उमर खालिद का नाम नहीं, इनके नाम सप्लीमेंट्री चार्जशीट में आएंगे
सबूत के तौर पर 24 फरवरी के वॉट्सऐप चैट को भी शामिल किया गया, इसी दिन उत्तरी दिल्ली में दंगे भड़के थे

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बुधवार को दिल्ली दंगों के मामले में 15 आरोपियों के खिलाफ 10 हजार पेज की चार्जशीट कड़कड़डूमा कोर्ट में दाखिल कर दी। इसके मुताबिक, वॉट्सऐप ग्रुप और चैट के जरिए हिंसा फैलाने की साजिश रची गई थी। सबूत के तौर पर 24 फरवरी के वॉट्सऐप चैट को भी शामिल किया गया है। इसी दिन यहां दंगे भड़के थे।

चार्जशीट में बताया गया है कि मुख्य साजिशकर्ता प्रदर्शन करने वालों को निर्देश दे रहे थे। हर जगह दंगा फैलाने के लिए 25 वॉट्सऐप ग्रुप बनाए गए थे। पुलिस ने हर ग्रुप और इसकी भूमिका की पहचान कर ली है।

चार्जशीट में उमर खालिद और शरजील इमाम के नाम नहीं हैं। पुलिस के मुताबिक, दोनों को हाल ही में गिरफ्तार किया गया था, ऐसे में उनके नामों को सप्लीमेंट्री चार्जशीट में शामिल किया जाएगा।

चार्जशीट में इनके नाम शामिल
चार्जशीट में आम आदमी पार्टी से निलंबित नेता ताहिर हुसैन, पिंजरा तोड़ कार्यकर्ता देवांगना कलिता और नताशा नरवाल, पीएफआई नेता परवेज अहमद और मोहम्मद इलियाज, कार्यकर्ता सैफी खालिद, पूर्व पार्षद इशरत जहां, जामिया के छात्र आसिफ इकबाल, मीरान हैदर और सफूरा जरगर, शादाब अहमद और तस्लीम अहमद के नाम शामिल हैं। सभी को अनलॉफुल एक्टिविटी (प्रिवेंशन) एक्ट (यूएपीए), आईपीसी और आर्म्स एक्ट के तहत आरोपी बनाया गया है।

दिल्ली दंगों में 53 लोगों की मौत हुई थी

सीएए के विरोध-प्रदर्शनों के बीच उत्तर-पूर्व दिल्ली में 24 फरवरी को दंगे भड़के थे। इसमें 53 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए थे। पुलिस ने इस मामले में 751 एफआईआर दर्ज की हैं।

पुलिस ने चार्जशीट में सीताराम येचुरी, योगेंद्र यादव और जयंति घोष के नाम होने की खबरों का खंडन किया; मीडिया रिपोर्ट में किया गया था दावा

सीएए के विरोध-प्रदर्शनों के बीच उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 24 फरवरी को दंगे भड़के थे। इसमें 53 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए थे।- फाइल फोटो
पुलिस ने कहा- मीडिया रिपोर्ट में किया गया दावा पूरी तरह गलत, सिर्फ बयानों के आधार पर नहीं बनाते आरोपी
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा था कि दिल्ली दंगों के 3 आरोपियों ने सीताराम येचुरी, योगेन्द्र यादव, जयती घोष, प्रो. अपूर्वानंद और राहुल रॉय का नाम लिया

दिल्ली पुलिस ने रविवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स का खंडन किया, जिनमें दावा किया गया था कि दिल्ली दंगों के एक केस में पुलिस की पूरक चार्जशीट में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के नेता सीताराम येचुरी, स्वराज अभियान के नेता योगेन्द्र यादव और अर्थशास्त्री जयंती घोष के नाम भी शामिल हैं।

दिल्ली पुलिस ने अपने बयान में साफ किया कि एक ऑनलाइन न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट में दावा किया गया कि ये नाम एंटी-सीएए प्रोटेस्ट के सिलसिले में एक आरोपी के बयान के आधार पर दर्ज किए गए हैं। यह रिपोर्ट पूरी तरह गलत है।

ट्विटर पर किया खंडन
दिल्ली पुलिस ने ट्विटर पर इस रिपोर्ट का खंडन किया। पुलिस के बयान के मुताबिक, यह बात बिल्कुल सही है कि आरोपी के बयानों को पूरी सच्चाई के साथ रिकॉर्ड किया जाता है। किसी को भी सिर्फ बयानों के आधार पर ही दोषी नहीं बनाया जा सकता। हालांकि, यह मामले में पर्याप्त सबूतों पर निर्भर करता है। उसके बाद ही कानूनी कार्रवाई की जाती है। मामला अभी विचाराधीन है।

दावा- एक अन्य आरोपित ने अपने बयान में इनका नाम लिया
इससे पहले रविवार को मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि दिल्ली दंगों के एक केस में पुलिस की चार्जशीट में सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, स्वराज अभियान के नेता योगेन्द्र यादव, अर्थशास्त्री जयती घोष, दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अपूर्वानंद और डॉक्यूमेंट्री फिल्ममेकर राहुल रॉय के नाम हैं। दावा किया गया था कि ये लोग आरोपी नहीं हैं, बल्कि एक अन्य आरोपी ने अपने बयान में इनका नाम लिया है।

येचुरी ने कहा- जहरीले भाषणों के वीडियो पर कार्रवाई क्यों नहीं होती
दावे के बाद सीताराम येचुरी ने शनिवार शाम को 6 ट्वीट किए थे। उन्होंने कहा था कि जहरीले भाषणों का वीडियो है, उन पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है। दिल्ली पुलिस भाजपा की केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय के नीचे काम करती है। उसकी ये अवैध और गैर-कानूनी कार्रवाई भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के चरित्र को दर्शाती है। वे विपक्ष के सवालों और शांतिपूर्ण प्रदर्शन से डरते हैं और सत्ता का दुरुपयोग कर हमें रोकना चाहते हैं।

योगेंद्र यादव ने कहा- यह गलत है, कोर्ट में स्वीकार नहीं होगा
योगेंद्र यादव ने भी ट्वीट किया था, ‘यह तथ्यात्मक रूप से गलत है। पूरक चार्जशीट में मुझे सह-साजिशकर्ता या अभियुक्त नहीं बनाया गया है। पुलिस के अपुष्ट बयान में एक अभियुक्त के बयान के आधार पर मेरे और येचुरी के बारे में जिक्र किया गया है, जो अदालत में स्वीकार्य नहीं होगा।’

दिल्ली दंगों में 53 लोगों की मौत हुई थी
सीएए के विरोध-प्रदर्शनों के बीच उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 24 फरवरी को दंगे भड़के थे। इसमें 53 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए थे। पुलिस ने दिल्ली दंगे मामले में 751 एफआईआर दर्ज की हैं।क्फ्क्टू्ूू्ूू्ूू्ू्

 

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