और कुछ नहीं तो मोर ही सही, जानें जानने लायक हर बात

मोर पर फिर विवाद, इस बार मोदी पर उठी अंगुलियां, विवाद से जुड़ा लालू प्रसाद यादव का नाम
नयी दिल्ली : कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्‌विटर हैंडिल से एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें वे मोर के साथ नजर आ रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी अपने आवास में हैं और मोर उनके हाथ से खाना खा रहा है. मोर अपने पंख को फैलाकर उनके आवास पर अठखेलियां करता भी दिख रहा है. इस वीडियो के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने मोर पर एक कविता भी पोस्ट की है-

भोर भयो, बिन शोर,

मन मोर, भयो विभोर.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस ट्‌वीट के बाद से पूरे देश में यह चर्चा आम है कि क्या सबके लिए एक जैसा कानून नहीं होना चाहिए? सोशल मीडिया पर भी इस वीडियो और फोटो को शेयर करके लोग यह मांग कर रहे हैं कि देश में सबके लिए एक जैसा कानून क्यों नहीं होना चाहिए? दरअसल यह सवाल इसलिए उठा है क्योंकि वर्ष 2017 में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के आवास पर दो मोर पाले गये थे और उस वक्त उनपर वन्य प्राणि अधिनियम के उल्लंघन का मामला बन गया था. अब जबकि पीएम मोदी अपने आवास में मोर के साथ दिखे हैं, तो लोग यह सवाल कर रहे हैं कि क्या पीएम मोदी पर वन प्राणी अधिनियम का मामला नहीं बनना चाहिए? सवाल लाजिमी है? ऐसे में हम पाठकों को यह बताना चाहते हैं कि वन्य प्राणि अधिनियम का मामला पीएम पर बनता है या नहीं? और लालू यादव के साथ तीन साल पहले क्या हुआ था.

लालू यादव के आवास पर संजय गांधी जैविक उद्यान से लाये गये थे मोर

तीन साल पहले लालू यादव के आवास पर दो मोर पाले गये थे. उस वक्त लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव बिहार के वन एवं पर्यावरण मंत्री थी. उनके आदेश पर पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान से दो मोर लालू यादव के आवास पर लाये गये थे. जानकारों का कहना है कि ऐसा इसलिए किया गया था, क्योंकि लालू यादव की सेहत बहुत खराब थी और उनपर कई मुकदमे भी थे. किसी ज्योतिष ने उन्हें मोर के सान्निध्य में रहने के लिए कहा था. लेकिन जैसे ही यह खबर फैली उन पर वन प्राणी अधिनियम के उल्लंघन का मामला बन गया था. हालांकि मोर उनके घर से बरामद नहीं हुए थे, बताया गया था कि विवाद के कारण उन्हें पहले ही उड़ा दिया गया था.

प्रधानमंत्री मोदी के आवास पर मोर पाले जाने की सूचना नहीं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आवास लुटियंस जोन में है, जहां हरियाली बहुत ज्यादा है. जानकारों का कहना है कि पीएम मोदी के आवास पर मोर पाले नहीं गये हैं, बल्कि वे इस इलाके में यूं ही घूमते नजर आ जाते हैं. लुटियंस इलाके के हर आवास में मोर नजर आ जाते हैं उन्हें पाला नहीं गया है. वे इस इलाके से इतने परिचित हैं कि इधर-उधर सहजता से घूमते हैं. अगर यही स्थिति पीएम मोदी के आवास की भी है, तो उनपर वन प्राणी अधिनियम के उल्लंघन का मामला नहीं बनता है. लुटियंस जोन में सिर्फ मोर ही नहीं अन्य कई जानवर भी बहुतायत में मिलते हैं जिनमें बंदर प्रमुख है.

लुटियंस जोन के लोधी गार्डन में है मोरों का प्रजनन केंद्र

ज्ञात हो कि लुटियंस इलाके को अंग्रेजों ने बसाया था. इस इलाके को बसाने में अंग्रेज आर्किटेक्ट सर एडविन लुटियंस की अहम भूमिका भी इसलिए इसे लुटियंस जोन भी कहा जाता है. लुटियंस इलाके में जो लोधी गार्डन है वहां मोरों का प्रजनन केंद्र है, यही कारण है कि यहां मोर बहुत अधिक मात्रा में हैं और प्राय: सभी आवास में दिख जाते हैं. इलाके में काफी हरियाली है और वातावरण काफी स्वच्छ और मनमोहक है. कई औषधीय वनस्पति भी यहां पाये जाते हैं.

सोशल मीडिया में उठी मांग कानून सबके लिए बराबर हो

प्रधानमंत्री मोदी का वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया में यह मांग उठ रही है कि कानून से ऊपर कोई नहीं है. देश का कानून सबके लिए बराबर होना चाहिए. इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कार्रवाई हो. वहीं कई लोग यह भी कहते नजर आ रहे हैं कि हर बात में राजनीति नहीं होनी चाहिए. प्रधानमंत्री आवास मोरों का स्थायी निवास है. प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें पाला नहीं है. वहीं कई लोग मजे लेते हुए यह भी लिख रहे हैं कि अब राष्ट्रीय पक्षी मोर ‘राष्ट्रवादी’ हो गया है. वहीं कई लोग वन प्राणी अधिनियम में प्रधानमंत्री मोदी पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

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