परमानंद, अवधेशानंद,चिदानंद, रामदेव, सतपाल महाराज समेत दर्जनों पहुंचे अयोध्या

बाबा रामदेव ने कहा कि “हमें सौभाग्य मिला है कि हमारी आंखों के सामने हमें राम मंदिर शिलान्यास में जाने का मौका मिला है। जिसकी प्रतिक्षा हम लगभग 500 वर्षों से कर रहे हैं। सतपाल महाराज भी कर के कार्यक्रम के लिए पहुंचे हैं।
अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी करेंगे। इस आयोजन के लिए बड़े स्तर पर तैयारियां चल रही हैं और देशभर से संत-महात्मा अयोध्या पहुंच रहे हैं। योगगुरू बाबा रामदेव भी स्वामी अवधेशानंद गिरि, चिदानंद मुनि आदि के साथ पूजन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मंगलवार को अयोध्या रवाना हुए। हेलीकॉप्टर से अयोध्या रवाना होने से पहले बाबा रामदेव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए उन्हें ‘श्रद्धेय’ बता दिया।
बाबा रामदेव ने कहा कि “हमें सौभाग्य मिला है कि हमारी आंखों के सामने हमें राम मंदिर शिलान्यास में जाने का मौका मिला है। जिसकी प्रतिक्षा हम लगभग 500 वर्षों से कर रहे थे। इसके लिए राष्ट्र के गौरव नरेंद्र मोदी जी को आज हमें श्रद्धेय कहने का मन कर रहा है कि हमारे अराध्य श्री राम के मंदिर निर्माण का सपना पूरा किया।”
गौरतलब है कि बाबा रामदेव जहां राम मंदिर निर्माण को लेकर प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ कर रहे हैं और उन्हें श्रद्धेय बता रहे हैं, वहीं भाजपा सांसद सुब्रमण्यन स्वामी अपने एक बयान में कह चुके हैं कि राम मंदिर निर्माण में पीएम मोदी की कोई भूमिका नहीं है।
स्वामी ने एक टीवी चैनल के साथ बातचीत में कहा था कि ‘राम मंदिर में प्रधानमंत्री का कोई योगदान नहीं है। सारी बहस हमने की। जहां तक मैं जानता हूं सरकार की तरफ से उन्होंने ऐसा कोई काम नहीं किया है, जिसके बारे में कह सकें कि उसकी वजह से निर्णय आया।’
‘राम मंदिर निर्माण में प्रधानमंत्री मोदी का कोई योगदान नहीं’,बोले- बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी,5 साल से राम सेतु की फाइल पड़ी है उनकी टेबल पर
स्वामी ने ये भी कहा कि राम सेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने के लिए फाइल प्रधानमंत्री की टेबल पर पिछले 5 साल से पड़ी है लेकिन अभी तक इस पर हस्ताक्षर नहीं किए गए हैं।
बता दें कि बुधवार यानि कि 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास किया जाएगा। यह शिलान्यास पीएम मोदी करेंगे। कार्यक्रम के लिए अयोध्या में भव्य स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं। सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद है और पूरी अयोध्या में उत्सव का माहौल है। मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कई हस्तियों को निमंत्रण भेजा गया है। भूमि पूजन के दौरान देशभर से संत-महात्मा अयोध्या पहुंचेंगे। नेपाल के संतों को बुलावा भेजा गया है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत अयोध्या पहुंच चुके हैं और सीएम योगी आदित्यनाथ आज शाम तक पहुंच जाएंगे।
चारधाम की मिट्टी लेकर अयोध्या रवाना हुए परमानंद, 11 लाख का चेक भी सौंपा
परमाध्यक्ष युगपुरुष स्वामी परमानंद सरस्वती चारों धाम की मिट्टी गंगा समेत अन्य नदियों का जल ओर कैलास से लाए गए पत्थर लेकर रविवार को अयोध्या के लिए रवाना हुए।…
श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र न्यास के सदस्य और अखंड परमधाम आश्रम के परमाध्यक्ष युगपुरुष स्वामी परमानंद सरस्वती चारों धाम की मिट्टी, गंगा समेत अन्य नदियों का जल ओर कैलास से लाए गए पत्थर लेकर रविवार को अयोध्या के लिए रवाना हुए। इस मौके पर अखंड परमधाम की ओर से उन्हें श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए 11 लाख का चेक भी भेंट भी किया गया। स्वामी परमानंद ने कहा कि जरूरत पड़ने पर श्रीराम मंदिर के लिए वह अपना आश्रम भी बेच देंगे।
महामंडलेश्वर स्वामी परमानंद के अयोध्या रवाना होने से पहले अखंड परमधाम आश्रम में विशेष पूजा-अर्चना हुई। इसके बाद उन्होंने अपने सहयोगियों के साथ अयोध्या के लिए प्रस्थान किया। इस दौरान उन्होंने कहा है कि अगले तीन वर्षों में श्रीराम मंदिर के तैयार होने की संभावना है। अगर इस अवधि में राजनीतिक कारणों से मंदिर निर्माण में ढिलाई बरती गई तो उसके खिलाफ आंदोलन खड़ा किया जाएगा। उन्होंने दोहराया कि श्रीराम जन्मभूमि के बाद अब संतों को काशी विश्वनाथ और मथुरा भी चाहिए।
स्वामी परमानंद ने बताया कि सोमवार को वह अयोध्या में आयोजित गणोश पूजा में भाग लेंगे और पांच अगस्त को मंदिर शिलान्यास के बाद हरिद्वार वापसी करेंगे। इस मौके पर अखंड परमधाम आश्रम के संरक्षक महामंडलेश्वर स्वामी ज्योतिर्मयानंद गिरि महाराज, महामंडलेश्वर साध्वी दिव्य चेतनानंद गिरि, विहिप के जिलाध्यक्ष नितिन गौतम आदि उपस्थित थे। इससे पूर्व विश्व हिंदू परिषद, हिंदू जागरण मंच और गंगासभा के प्रतिनिधियों ने उन्हें अंगवस्त्र भेंट किया।
पलटन बाजार की दुकानों में रात को डालते थे पर्चे

वह एक अद्भुत कालखंड था। श्री राम के नाम ने हमें दीवाना बना दिया था। आंदोलन से जुड़कर हर कोई अयोध्या को राम वापस दिलाने के प्रयास में जुटे थे। करीब 40 वर्ष की आयु में मैं जब आंदोलन से जुड़ा तो हमारी नौजवानों की टोली आंदोलन के प्रचार की जिम्मेदारी संभालती थी। तब हम रात के समय शहर में दीवारों पर पर्चे चिपकाया करते थे। सुबह होने से पहले ही पलटन बाजार की दुकानों में शटर के नीचे से पर्चा डाला करते थे। पुलिस का भी खौफ था, लेकिन पुलिस को चकमा देने में हर बार हम कामयाब हो जाते थे।
विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष रवि देव आनंद का कहना है कि मैं राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रभारी रहे स्वर्गीय अशोक सिंघल का निजी सहायक था। इसके अलावा मैं डॉक्टर नित्यानंद के साथ भी सक्रिय रहा। डॉक्टर नित्यानंद तब डीबीएस कॉलेज के डीन होने के साथ ही आंदोलन में भी अहम भूमिका निभा रहे थे। कई बार पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करने का प्रयास किया, लेकिन, हम उन्हें अक्सर किसी न किसी के घर पर छुपा देते थे। जब मैं संघ कार्यकर्ता के रूप में सक्रिय था, तब एक बार पुलिस ने हमें डीबीएस कॉलेज में घेर लिया था। अब हमारा आंदोलन सफल होने जा रहा है।

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