यूरोप, अमेरिका और अफ्रीका की बड़ी मुसीबत बनेगा डेंगू: डब्लू एच ओ

Dengue Fever Will Become A Major Threat In United States Europe And Africa Warns Who Chief Scientist
डेंगू को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने क्या कहा? अमेरिका-यूरोप से अफ्रीका तक मच गया हड़कंप
डब्लूएचओ के चीफ साइंटिस्ट ने चेतावनी दी है कि डेंगू बुखार जल्द ही अमेरिका, यूरोप और अफ्रीका के लिए बड़ा खतरा बन जाएगा। इससे मरीजों की संख्या मे अचानक वृद्धि होगी और अस्पतालों पर दबाव बढ़ जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि डेंगू के बढ़ने में ग्लोबल वार्मिंग काफी ज्यादा सहायता कर रही है।

लंदन11अक्टूबर : विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुख्य वैज्ञानिक ने कहा कि इस दशक में दक्षिणी अमेरिका, दक्षिणी यूरोप और अफ्रीका के नए हिस्सों में डेंगू बुखार एक बड़ा खतरा बन जाएगा। इसके पीछे पृथ्वी के बढ़ते तापमान को कारण बताया जा रहा है। गर्म तापमान मच्छरों के लिए संक्रमण फैलाने की अनुकूल स्थिति पैदा करेगा। यह बीमारी लंबे समय से एशिया और लैटिन अमेरिका के अधिकांश हिस्सों में एक संकट बनी हुई है। हर साल डेंगू से अनुमानित 20,000 मौतें होती हैं। 2000 के बाद से वैश्विक स्तर पर इस बीमारी की दर पहले ही आठ गुना बढ़ गई है, जो मुख्य रूप से जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ लोगों की बढ़ती आवाजाही और शहरीकरण के कारण है।

2022 में दुनिया में डेंगू के 42 लाख मामले

डब्लूएचओ ने कहा कि कई मामले दर्ज नहीं किए जाते हैं। इसके बावजूद 2022 में दुनिया भर में 4.2 मिलियन मामले सामने आए। सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि इस साल ट्रांसमिशन के रिकॉर्ड स्तर के करीब होने की उम्मीद है। बांग्लादेश वर्तमान में 1,000 से अधिक मौतों के साथ अपने सबसे खराब प्रकोप का सामना कर रहा है। भारत में भी डेंगू को जानलेवा बीमारी माना जाता है। हर साल देश में डेंगू के कारण बड़ी संख्या में मरीजों की मौत होती है। हालांकि, समय पर इलाज कराने से उनकी जान भी बच सकती है।

डब्लूएचओ ने डेंगू को लेकर क्या कहा

इस साल मई में विश्व स्वास्थ्य संगठन में शामिल हुए संक्रामक रोग विशेषज्ञ जेरेमी फर्रार ने बताया, “हमें डेंगू के बारे में और अधिक सक्रिय रूप से बात करने की ज़रूरत है।” “हमें वास्तव में देशों को इस बात के लिए तैयार करने की ज़रूरत है कि वे भविष्य में कई बड़े शहरों में आने वाले अतिरिक्त दबाव से कैसे निपटेंगे।” फर्रार ने पहले वियतनाम में डेंगू सहित उष्णकटिबंधीय बीमारियों पर काम करते हुए 18 साल बिताए थे। बाद में उन्होंने वेलकम ट्रस्ट वैश्विक स्वास्थ्य चैरिटी का नेतृत्व किया और इस साल मई में WHO में शामिल होने से पहले यूके सरकार को उसकी COVID-19 प्रतिक्रिया पर सलाह दी।
अमेरिका, यूरोप और अफ्रीका को सबसे अधिक खतरा
फर्रार ने कहा कि डेंगू के संक्रमण के फैलने और संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोप और अफ्रीका के कुछ हिस्सों में इस बीमारी के एंडेमिक होने की संभावना है, क्योंकि ग्लोबल वार्मिंग नए क्षेत्रों को इसे फैलाने वाले मच्छरों के लिए अनुकूल परिस्थितियां बना रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि इससे कई देशों में हॉस्पिटल सिस्टम पर तीव्र दबाव पड़ेगा। उन्होंने कहा, “क्लिनिकल केयर वास्तव में काफी जरूरी है, इसके लिए नर्सों और रोगियों के बीच उच्च अनुपात की आवश्यकता होती है। मुझे सचमुच चिंता होती है जब यह सहारा अफ्रीका में एक बड़ा मुद्दा बन जाएगा।

डेंगू का लक्षण और उपचार क्या है

जिन लोगों को डेंगू होता है उनमें से अधिकांश में लक्षण नहीं होते हैं, जिसका अर्थ है कि मामले की दर रिपोर्ट की गई संख्या से कहीं अधिक है। डेंगू से पीड़ित मरीजों में बुखार, मांसपेशियों में ऐंठन और जोड़ों में दर्द इतना गंभीर हो सकता है कि इसे “हड्डी तोड़ बुखार” के रूप में जाना जाता है। डेंगू के 1 फीसदी मामले काफी गंभीर होते हैं, जिनमें मरीजों की मौत तक हो जाती है। डेंगू के लिए कोई विशिष्ट उपचार नहीं है, हालांकि इसका टीका उपलब्ध है। इस सप्ताह की शुरुआत में, WHO ने उन क्षेत्रों में 6 से 16 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए टाकेडा फार्मास्यूटिकल्स क्यूडेंगा वैक्सीन की सिफारिश की, जहां संक्रमण एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है।

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